Anjana Rishta ye Apna - 1 in Hindi Mythological Stories by VAISHNAVI PADVI books and stories PDF | अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1

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अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1

        जिंदगी के कुछ पहलू ऐसे होते हैं, जो रिश्ते में उलझे रह जाते हैं| ख़ुशी- गम या नफ़रत जैसे जज़्बातों से कभी कबार  रिश्ते उलझ जाते हैं ,साथमे दर्द की गहरी चोट दे जाते हैं |  हम जिसे बिछड़ना नहीं चाहते उसीसे बिछड़ना पड़ता है |  जिंदगी के इसी पड़ाव पर खड़ी थी नयन और तारा की कहानी|   

       नयन अपने परिवार के साथ रानीगंज में रहती थी!  उसके परिवार में वो, उसका भाई ध्रुव , माँ, बाबा, और दादी रहते थे| नयन का भाई शहर का बड़ा डॉक्टर था| उसके बाबा बिज़नेस मैन थ | और नयन खुद एक फैशन डिजाइनर थी|  उनका परिवार खुशहाली में जीवन व्यतीत कर रहा था | 

           सुबह का समय था, शर्मा मेंशन में चेहेल-पेहेल का वातावरण था|  घरमे नयन के बाबा यानि टॉप बिजनेस मैन श्री रामकृष्ण शर्मा की सक्सेस पार्टी का आयोजन किया गया है | शहर के बड़े-बड़े लोग पार्टी में आने वाले थे|  पर हमारी प्यारी नयन अभितक अपने रूम में चेन से सो रही थी |  तो उसकी दादी उसे उठाने जाती है|   

         दादी खिड़की पे लगे परदे हटाने लगती है, उसकी वजह से सूरज की किरण नयन के चेहरे पर पड़ती है | तो नयन कहते हुए कहते हैं.... "दादी प्लीज 5 मिनट और.." तो दादी कहती हैं, "बिल्कुल नहीं नयन घरे पार्टी है और तुम अभी तक सो रही हो!" 

       "बस थोड़ी देर और दादी!" ऐसा कहके नयन चादर ओड लेती है | लेकिन दादी उसकी चादर ओडके उसे उठा देती है, और कहती है, "हम्म् पता था देर रात तक तयारी करने के बाद यहीं होगा | चल उठजा पता है ना आज क्या है?" 

   " ok dadi... I know! I am coming within 5 minutes..."  नयन अपने बिस्तार से उथकर बोली | तो दादी कहती हैं, "5 मिनट के 5 घंटे मत लगा देना!"  ऐसा कहके दादी वहां से चली जाती है | नयन उठकर फ्रेश होकर बाथरूम से बहार आती है| तो उसकी माँ उसके सामने खादी होती है| 

     "उठ गई राजकुमारी? मुझे तो लगा बिस्तर में पड़ी होगी |" मिसेज  शर्मा मुस्कुराके बोली |  तो नयन कहती है, "Yes mom! I already woke up! और मैं आपके सामने खड़ी हूं  !  क्या आप मुझे कुम्भकर्ण समझती हैं?" 

    "ओह हां... तुम दोनों ने रात के 3 बजे तक, पिताजी के लिए पार्टी का आयोजन किया था और देर तक सो रहे हो! यह अच्छा नहीं है!" 

       मिसेज़ शर्मा बोली | तो नयन मुस्कुराते हुए सचने लगी "के भाई तो कभी इतनी देर नहीं सोते तो आज कैसे? कुछ तो गड़बड़ जरूर है | साड़ी पार्टी अनहोनी और मैंने प्लेन की है | पर फिर भी....  Something is going fishy... " 

       वो ये सब सोच ही रही थी के तभी मिसेज़ शर्मा बोली|   "इतना दिमाग मत लगा और अलग नाश्ते के लिए आजा!" 

      ऐसा कहके मिसेज शर्मा, नयन के माथे पर चुंबन करती है और प्यार गले लगाकर उसे आने के लिए कहती है | नयन तैयार होकर जाती है | सब नाश्ता करने बैठ जाते हैं |  नयन ने बहुत ही खूबसूरत नीले रंग का ड्रेस पहना था | खुले बाल, और कानों में नीले या सफेद रंग के झुमके उसपे और भी खुबसूरत लग रहे थे |    

       नयन देखती है तो नाश्ते के लिए दादी, ध्रुव, और उसकी माँ.... उसके पापा कहीं दिख नहीं रहे थे | वो जेक कुर्सी पर बैठ जाती है | और उसकी मां से पूछती है |  

    "Mom! Where is Dad?"