Devil Ceo's Sweetheart - 40 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 40

Featured Books
Categories
Share

डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 40

अब आगे,

 

उस न्यूज चैनल पर वहा मौजूद टीवी एंकर ने आगे बताते हुए कहा, "और ऐसा तो तभी होता है जब कपल्स के बीच में रोमांटिक फाइट होती हैं और साथ में उन दोनो को देख वहा बहुत ही भीड़ इक्कठा हो गई थी और आप इस वीडियो में देख सकते है कि कैसे "मिस्टर राजवीर सिंघानिया" अपनी गर्लफ्रेंड के साथ इतने करीब होकर पूरी दुनिया को अपना प्यार दिखा रहे थे और वीडियो में दिखने वाली लड़की के बारे मे अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है शायद ये भी हो सकता है कि खुद "मिस्टर राजवीर सिंघानिया" ही नही चाहते हो कि कोई उन की गर्लफेंड के बारे मे कुछ भी पता कर पाए इसलिए हमारे बहुत छानबीन करने पर भी हमे उन की गर्लफ्रेंड के बारे मे कुछ भी नही पता चल पाया है..!"

 

टीवी पर जिस न्यूज चैनल पर ये दिखाया जा रहा था उस को ही रूही ने ये न्यूज चैनल लगाते ही उस की हेड लाइन को पढ़ लिया था और इसी वजह से रूही उस न्यूज चैनल को लगाने से कतरा रही थी..!

 

वीडियो में राजवीर का चेहरा साफ साफ नजर आ रहा था पर उस मे रूही का चेहरा साफ तौर पर नही दिख रहा था क्योंकि राजवीर उस को किस करने के लिए उस के चेहरे की तरफ पूरी तरह से झुक गया था इस के एक वजह ये भी है कि रूही की हाइट, राजवीर से कम थी और इसलिए ही राजवीर ने ऐसा किया होगा..!

 

रूही के सगे पिता अमर ने जब राजवीर को देखा तो उन के सामने राजवीर का वो दिश्य आ गया जब उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार राजवीर को देखा था और उस का गुस्सा और हाथ में बंदूक देख कर रूही के सगे पिता अमर के तो होश ही उड़ गए थे..!

 

और फिर जब राजवीर के कहने पर उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर को बेरहमी से पीटा गया था तो रूही के सगे पिता अमर की तो रूह तक कांप गई थी..!

 

जब रूही ने अपने आप को टीवी न्यूज चैनल पर देखा तो उस की आंखे फैल गई साथ में उस को याद आया कि उस की सौतेली बहन रीना भी शायद इसी वीडियो की ही बात कर रही थी..!

 

एक बार फिर से उस दिश्य को देख कर रूही के दिमाग में कही सारे ब्लास्ट एक साथ होने लगे और इस बार वो खुद को संभाल नही पाई  और बेहोश होकर वही जमीन पर गिर गई..!

 

रात के करीब 10 बजे,

 

रूही को होश आ गया तो वो अपने कमरे मे अपने बेड पर लेटी हुई थी और उस के बगल में रूही के सगे पिता अमर बैठे हुए थे और जब उन्होंने अपनी सगी बेटी रूही को होश में आते हुए देखा तो अब अपनी सगी बेटी रूही से पूछने लगे, "क्या हुआ था बेटा, तुम अचानक से बेहोश केसे हो गई बताओ मुझे...?"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही को समझ नही आ रहा था कि वो आखिर कहे तो क्या कहे पर कुछ देर सोचने के बाद अब उस ने अपने सगे पिता अमर से कहा, "पता नही पापा, इस बारे में मुझे भी कुछ नही पता है...!"

 

अपनी सगी बेटी रूही का जबाव सुन कर अब रूही के सगे पिता अमर ने अब बात को ज्यादा न बढ़ाते हुए अपनी सगी बेटी रूही से कहा, "चलो कोई नही, ये लो मै तुम्हारे लिए खाना लाया हु इस को खा लो और फिर आराम से सो जाना..!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही ने अपना सिर हां मे हिला दिया और अपने बेड से उठ कर फ्रेश होने के लिए अपने कमरे के  बाथरूम की तरफ बढ़ गई..!

 

कुछ देर बाद,

 

रूही बाथरूम से बाहर आ गई और खाना खाने के लिए बैठ ही रही थी कि उस से सब से पहले अपने सगे पिता अमर की तरफ देखते हुए उन से पूछने लगी, "क्या आप ने खाना खा लिया पापा..?"

 

अपनी सगी बेटी रूही की बात सुन कर, अब रूही के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही के सिर पर अपना हाथ रख दिया और अब अपनी सगी बेटी रूही से कहा, "पहले तुम खा लो, मैं बाद में खा लूंगा...!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही अपना खाना शुरू करने से पहले अब अपने बेड पर से उठने लगी तो अब रूही के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को रोकते हुए उस से कहा, "मैने कहा ना कि मै बाद में खा लूंगा तो तुम खाओ अपना खाना...!"

 

अब की बार अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही अपना खाना खाने लगी और उस के सगे पिता अमर उस को बड़े प्यार से देख रहे थे और फिर रूही के सगे पिता को कुछ याद आया और अब वो अपनी सगी बेटी रूही से पूछने लगे, "तुम्हारे एग्जाम कब से होने वाले हैं..?"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर, रूही के गले में खाने का निवाला फंस गया और वो खांसने लगी जिस पर रूही के सगे पिता अमर ने उस को पानी का गिलास देते हुए उस से कहा, "तुम, फिर भूल गई और इतनी सी उम्र में तुम चीजों को कितना भूलने लगी हो...!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही ने रोते हुए अपने सगे पिता अमर से कहा, "पापा, आप चलोगे मेरे साथ कॉलेज में एग्जाम फॉर्म भरने की लास्ट डेट कल ही है ..!"

 

जब रूही के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को रोते हुए देखा तो अब अपनी सगी बेटी रूही से कहने लगे, "हे बाके बिहारी (भगवान) क्या होगा इस लड़की का, जब देखो छोटी छोटी बातो पर रोना शुरू कर देती हैं और अगर जिंदगी में इस से भी बड़ी बड़ी मुश्किल आ गई तो क्या करेगी तू...!"

 

रूही अभी भी रोए ही जा रही थी तो अब उस से सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को चुप करवाते हुए उस से कहा, "अच्छा..अच्छा रो मत मै कल चलूंगा तेरे साथ कॉलेज और प्रिंसिपल से तेरे एग्जाम फॉर्म के लिए भी बात कर लूंगा, बस अब रोना बंद कर दे...!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही ने झट से रोना बंद कर दिया तो उस के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को देखते हुए उस से कहा, "पूरी ड्रामेबाज होती जा रही है ये लड़की..!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर अब रूही मुस्कराने लगी और अपनी सगी बेटी रूही को ऐसे मुस्कराते हुए देख कर अब रूही के सगे पिता अमर भी हसने लगे..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।