Devil se Mohhabat - 8 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 8

The Author
Featured Books
Categories
Share

Devil se Mohhabat - 8



जिसे सुन विधि,,,,,जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,,अपने दिमाग के घोड़े चलाने लगती है,,,,,और फिर कुछ सोच ,,,,,में कहने वाली थी,,,,,कि मुझे तुमसे किसी किसी किसी  टॉपिक पर बात करना है,,, हां किसी टॉपिक पर बात करेंगे

जिसे सुन विवेक अपनी तिरछी नजरों से ,,,,विधि को घूरते हुए,,,,,फिर यह तुम दांत क्यों दिखा रही हो ,,,,,मुझे ऐसा क्यों लगा ,,,,तुम्हारा दिमाग में कुछ और चल रहा है,,, 

जिसे सुन विधि,,,,फिर से मुस्कुराते हुए,,,,अरे विवेक तुम तो कुछ ज्यादा ही सोचते हो ,,,,मैं बस चलती हूं ,,,,तुम अच्छे से रेडी हो जाओ यहां के हैं विधि उल्टे पैर वहां से भाग जाते हैं,,, 

🩵🩵🩵

Aab aage

और बाहर वह सीधा अपने कमरे में चली जाती है ,,,, और फिर लंबी लंबी सांस लेते हुए ,,,, यह विवेक कितना चालक है ,,,,कितनी जल्दी मुझे पकड़ लेता है ,,,,सच में यह भी भाई की तरह है ,,,,अगर मैं वहां से आई ना होती तो,,,,उसे सारा सच पता चल जाता ,,,,कि मैं वहां पर ,,,उसे किस करने गई थी,,, 

और फिर   खुद से ,,,,और मेरी किस भी रहे गयी अब मैं क्या करूं ,,,,मैं क्या करूं ,,,,उसे कैसे किस करूं ,,,यह सब सोच रही थी

और वहीं दूसरी तरफ विराज अपने ऑफिस में बैठा अपने,, असिस्टेंट को आर्डर देते हुए ,,,,सारी अरेंजमेंट हो गई है ,,,,मुझे कल तक सारी अरेंजमेंट चाहिए ,,,,एक मिस्टेक भी नहीं होनी चाहिए,,,,अगर हुई,,,, तो भूल जाना,,,इस जॉब कोको, ,,और मैं तुम्हें जो जो कहा,,,,,तुमने वह किया है ना ,,,,कोई कमी नहीं रहनी  चाहिए,,,, 

जिसे सुनो असिस्टेंट यस सर कहै ,,, वह वहां से चला जाता है

,,,,और वही विराज आब देखो मिस अंजलि ,,,,अब मैं क्या करता हूं ,,,,कि तुम चाह कर भी मुझसे दूर जाने का सोचोगी भी नहीं,,,, अब जो मर्जी हूं ,,,,,लेकिन अब तुम सारी जिंदगी मेरी कैद में रहोगी ,,, 

🩵🩵🩵🩵

रात का टाइम विधि अपने कमरे से धीरे कदमों से बाहर निकलती है ,,,,और धीरे-धीरे चादर ओढ़ ,,,,वह विवेक के कमरे में सीधा चली जात जाती है ,,,,और फिर कमरे में पहुंच,,,,,अपने धीरे कदमों से ,,,,,वह विवेक के  करीब जाने लगते हैं ,,,,,विवेक जो अभी बेड पर सोया हुआ था,,,,,उस कमरे में काफी अंधेरा था ,,,,,फिर भी विधि अंदाजे से ,,,,,अपने कदम बेड की तरफ बढ़ाई जा रही थी , , 

और वही विधि जल्दी से बेड की करीब पहुंच ,,,,बगैर देरी किए ,,,,वह एकदम से विवेक के सामने खड़े हो जाते हैं,,,,,और फिर खुद से ,,,,,विधि यू कैन डू इट,,,,,तुम कर सकती हो,,,,तुम कर सकती हो विधि ,,,,,,

तुम्हें विवेक को किस करना ही होगा,,,,यह क्ह वह ,,,,बगैर देरी किए ,,,,,विवेक ऊपर झुक,,,,वह विवेक के होठों पर हॉट रख,,,,,बगैर ज्यादा टाइम लिए,,,,,वह जल्दी से उसे कीस कर ,,,, जल्दी से पिछे भी हट जाती है,,, 

और अपनी फुर्ती दिखा जल्दी से,,,,बेड के नीचे छुप जाते हैं ,,,,,क्योंकि उसे एहसास हो गया था ,,,,,कि विवेक अब जाग चुका है ,,,,और वही उस कमरे में ,,,,एक गुस्से बड़ी आवाज गुजती है,,,,कौन कौन है ,,,,जिसने मुझे किस किया ,,,,,यह कहते हुए विवेक लाइट ऑन कर देता है,,, 

और वही विधि बेड के नीचे छुपी थी,,,,उसकी तो मानो जैसे सांस ही रुक गई हो, ,,,,विवेक की जगह अपने भाई की आवाज सुनकर ,,,,,जिससे विधि अपने होठों को,,,,,अपने हाथों से दबाव ,,,,,इसका मतलब मैंने अपने भाई को किस किया ,,,, 

और वही विराज जो गुस्से में,,,,बेड पर बैठा हुआ था ,,,,,वह एक झटके में लाइट ऑन कर चारों तरफ देखता है तो,,,,,,उसे वहां कोई नहीं नजर आता ,,,,,,जिससे विराज एक लंबी सांस ले,,,,,अपने मन में,,,,,लगता है मैं कोई ख्वाब देख रहा था,,,,,,इस लड़की ने इस कदर मेरी जाहेन में ,,,,,अपनी जगह बना ली ,,,,,,कि मैं उसके सपने देखने लगा हूं ,,,

नहीं कभी नहीं ,,,,मैं अपने बदले में ,,,,ऐसी कोई फीलिंग कभी नहीं ला सकता ,,,,,वह लड़की मेरे दिल में कभी जगह नहीं बना सकती,,,,,,कभी भी नहीं,,,,,,नफरत है मुझे उससे,,,,और उसके खानदान से ,,,,,,जिसने मेरी खानदान का नामो निशां मिटा दिदिया, ,,,ह बड़बड़ा विराज उस कमरे से बाहर निकल जाता है,,,,, 

विराज के बाहर निकलते ही विधि बेड के नीचे से बाहर निकाल बार-बार इधर से उधर चक्कर काटते हुए,,,,,,यह क्या किया बेवकूफ विधि ,,,,,,अगर भाई को पता चला,,,,,कि मैं यहां,,,,क्या होगा,,,,जो तू देख नहीं सकती थी ,,,,कितनी बड़ी गलती ककरती,,,, अब तो भाई मुझे जरुर बोलेगा ,,,,,,अब तो शायद मेरी विवेक से शादी भी नहीं होगी,,,, 

क्योंकि विवेक तो अभी तक माना भी नहीं ,,,,,,और भाई को पता भी चल,,,,,,नहीं नई-नई विधि पोजिटिव सोच पोस्ट,,,, यह करते हुए विधि कमरे से ,,, निकल ,,, वह सीधे अपने कमरे की तरफ चली जाती है, ,,,,

विधि पूरी रात आधी सोई थी,,,,तो आधी जाग जाती थी ,,,,यह सोच सोच कर कि,,,,,अगर उसके भाई को पता चला,,,,,,तो उसका भाई क्या सोचेगा,,,उसके बारे में,,, 

और वही विराज अपनी कमरे से बाहर निकल,,,,सीधा अंजलि के कमरे की तरफ ,,,,अपने कदम बढ़ा देता है,, 

और वही विराज अंजलि के कमरे में पहुंच देखता है,,,,तो अंजलि बड़े सुकून से ,,,,किसी खरगोश के बच्चे की तरह सिकुड़ कर सो रही थी ,,,,वह इस वक्त बहुत ही मासूम क्यूट दिख रही थी ,,,,जिसे देख विराज उसे देखा ही रह जाता है ,,,,,और फिर वह धीरे कदमों से ,,,,अजली की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगता है

और वह बड़ी गौर से अंजलि के पूरे चेहरे को देखता है ,,,,,कि तभी उसकी नजर उसके चेहरे से होते हुए,,,,उसके होठों पर जाती है,,,,,जिसे देख विराज,,,अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,,उसके चैरी जैसे सॉफ्ट,,,, होटो को ,,,,अपनी अंगूठी से सहलाने लगता है,,,

वह इस वक्त पूरी तरह भूल चुका था ,,,,उसे नहीं पता ,,,,,लेकिन वह जब भी आजली को देखता था,,,,,,वह किसी और ही दुनिया में चला जाता था ,,,

और वही अंजलि ,,, इस सबसे अनजान ,,,गहरी नींद में सो रही थी ,,,, कि तभी अजली,,,अचानक से ,,,,नींद में ही ,,,अपने जीभ से,,,,अपने होठों को तर्क कर लेती है ,,,,जिसे देख विराज बगैर देरी,,, बगैर देरी किए ,,,,अंजलि के निचले होंठ को अपने अंगूठी और उंगली के बीच दवा देता है ,,,

जिससे अंजलि एक के झटके में,,,उसकी नींद खुल जाती है ,,,,,और अपने सामने विराज को देखा ,,,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,,खासकर अपने होंठ पर,,,विराज के हाथों की छुवन महसूस करे,,,,, उसकी सासे बहुत तेज चलने लगती है,,,,,,और आंखों में एक अजीब सा दर्द सामान्य लगता है ,,,, जिससे वह हल्का करते हुए,,,तु तुम य यहां क्क्या कर रहे हैं ,, 

की तभी विराज बड़ी सुकून की नींद सोया जा रहा था ,,,,,शायद अब तुम्हारे अंदर से,,,,मेरा दर चला गया है ,,,,,या फिर तुम भूल गई हो ,,,,,कि यहां पर तुम किस लिए लाई गई हो,,,,

क्या हुआ तुम्हें याद नहीं ,,,,,,कि तुम्हें यहां किडनैप किया गया है ,,,,,कोई बात नहीं ,,,,,,आज तुम सुकून की नींद सो लो,,,,,,,कल से तुम्हारी सुकून छिन जाएगा,,

तुम सोच भी नहीं सकते,,,,कल क्या होने वाला है,,,,,तो कल के लिए तैयार रहना,,,,,,यह कह विराज नीचे नीचे झुक ,,,बगैर कुछ कहे अंजलि के होठों को हल्का सा व्हबइट कर,,,,,उसे हलका सा चुम,,,,वहां से चला जाता है,,,,,,, 

मेरे प्यारे दिवस,,,,अगर आप मेरी यह नोवल पढ़ते रहे,,,तो प्लीज थोड़ा कमेंट और लाइक तो कीजिए,,,,ताकि मुझे भी तो पता चले कौन-कौन पढ़ रहे हैं ,,,,अगर आपको यह नॉवेल नहीं अच्छी लगी तब भी आप कह सकते हैं ,,,,,ताकि मैं इस नोवल को यहीं,,,पर स्टॉप कर दूं,,,,,पर प्लीज कुछ तो रिस्पांस दिया करो,,,,,यह आप सबको मेरी तरफ से रिक्वेस्ट है,,,,,कि प्लीज कमेंट किया करो

 आज आज के लिए बस इतना ,,,,,तो देखते हैं ,,,,,कि विराज ऐसा क्या करने का सोच रहा है,,,,अंजलि के साथ,,,,,और विधि क्या कभी उसे ,,,,उसका सच्चा प्यार मिलेगा ,,,,,जाने के लिए पढ़ते रहे