You Are My Choice - 11 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 11

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You Are My Choice - 11

जय और श्रेया जय के रूम की बाल्कनी में बैठके बाते कर रहे थे। जय ने धीरे से श्रेया से पूछा, "आकाश को लेके क्या खयाल है तेरा?"

"जो भी कहो, स्टाइल अच्छा है उसका।" उसकी बात सुनते ही जय गुरके उसे देखने लगा। अपनी तरफ जय को इस तरह से गुरता देख श्रेया ने बात बदलते हुए कहा, "पहले जैसा हसी मजाक करने वाल नही रहा। बहुत बदल चुका है, शायद।"

"में वापिस आ रहा था तब मुझे मिलने मेरे केबिन आया था। अपनी दोस्त के हालात के बारे में पूछ रहा था।"

"वो तो पूछेगा ही ना। उसके लिए तो है वो हॉस्पिटल में।"

श्रेया की बातो को सुनके जय ने आगे उससे कहा, "उसकी बातो से लग रहा था जैसे, जैसे दोनो की फैमिली काफी क्लोज हो, एक दूसरे से। कुछ ज्यादा ही केयर कर रहा था। उस लड़की के पापा की भी।"

"अच्छा है, कमसे कम वो अकेला तो नही है।" उतना कहते ही थोड़ी देर बाद श्रेया सोने के लिए विद्या के रूम में चली गई। "में जा रही हु सोने गुड नाईट।"

"Good night" जय को लग रहा था की वो सब इग्नोर कर रही है।

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दो दिन बाद हर्षवर्धन, रोनित और आकाश काव्या के VIP ward में बैठे हुए थे। अचानक से काव्या की तबियत बिगड़ने लगी, यह देखके आकाश ने तुरंत ही जय को कॉल लगा दिया। रोनित ने हॉस्पिटल के दूसरे स्टाफ को बुला दिया। काव्या की ट्रीटमेंट के दौरान ही उसको होश आया। उसके BP में चेंजेस हुए थे। काव्या ने जैसे ही आंखे खोली उसने सबसे पहले जय को देखा और बहुत ही धीरे से कहा, "तुम?" 

जय ने उसकी बात का कोई जवाब दिया नही था। बाकी का स्टाफ जय के इशारे से वहा से चला गया। जय अभी भी उसके vitals चेक कर रहा था। थोड़ी देर में बाहर खड़े सभी अंदर आए। काव्या ने अपने पापा को देखके थोड़ी हिम्मत से कहा, "da..d" 

"मेरा बच्चा।" हर्षवर्धन उसके बेड के पास आ गए। काव्या अपने सिर को हिला नही पा रही थी। अभी भी बहुत दर्द था। सभी इमोशनल होके खड़े थे। काव्या से बात कर रहे थे। जय बीच में बोलना तो नही चाहता था लेकिन पेशेंट की हालत को नज़रंदाज़ भी नहीं किया जा सकता था।

"आप सब यह नहीं रुक सकते। It's better अगर यहाँ कोई एक रहे और इन्हे rest करने दिया जाए।" हर्षवर्धन की तरफ देखते हुए जय ने कहा, "आप इनके guardian है तो.. प्लीज मेरे साथ चलिए, मुझे आपसे कुछ बात करनी है।"

Dr. Jay के केबिन में आकाश और हर्षवर्धन सहगल उसके सामने बैठे थे। "देखिए सर, आपकी बेटी को होश तो आ गया है। It's a good sign. But अभी भी complication बहुत है। हमे पूरा खयाल रखना पड़ेगा की उन्हे ज्यादा स्ट्रेस न हो, ना फिजिकल ना ही मेंटल, इमोशनल। उनकी डायट का पूरा खयाल तो डॉक्टर श्रेया अवस्थी रखेंगी। She is the best. मैने उन्हे बता दिया है, वो आती ही होंगी। और ख्याल रहे की पेशेंट के साथ ज्यादा डिप्रेस्ड बाते नही करनी है। उन्हे ज्यादा बोलने भी मत देना।" उतना बोलके वो अपने केबिन चला गया।

हर्षवर्धन के अंदर जाते ही उसने आवाज दी, "da...d" उसकी आवाज़ से साफ पता चल रहा था की उसमे इतनी एनर्जी भी है की वो एक वर्ड भी बोल सके। 

" ज्यादा बाते नही करनी।" अपने पापा की इतनी बात सुनके काव्या ने जरा सा मुस्कुरा दिया। आकाश जैसे ही अंदर आया उसने काव्या के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट देखी। "कबसे तरस रहे थे सब यह हसी देखने के लिए। बहुत तड़पाया है तूने हमे।" उसकी इस बात को भी काव्या ने हंसते हुए सुना। आकाश समझ रहा था की काव्या अपने मन में जो भी है वो उस मुस्कुराहट के पीछे छुपा रही है। पर वो उसकी आंखो में छुपा दर्द देख पा रहा था।


Countinues in the next episode.....