Ek ishq aisa bhi - 2 in Hindi Love Stories by Anki books and stories PDF | एक इश्क ऐसा भी - 2

The Author
Featured Books
  • हीर... - 28

    जब किसी का इंतज़ार बड़ी बेसब्री से किया जाता है ना तब.. अचान...

  • नाम मे क्या रखा है

    मैं, सविता वर्मा, अब तक अपनी जिंदगी के साठ सावन देख चुकी थी।...

  • साथिया - 95

    "आओ मेरे साथ हम बैठकर बात करते है।" अबीर ने माही से कहा और स...

  • You Are My Choice - 20

    श्रेया का घरजय किचन प्लेटफार्म पे बैठ के सेब खा रहा था। "श्र...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 10

    शाम की लालिमा ख़त्म हो कर अब अंधेरा छाने लगा था। परिंदे चहचह...

Categories
Share

एक इश्क ऐसा भी - 2

अभी तक हमने देखा कि किसी बात को लेकर तनु और दीक्षित सिंह परेशान है जिस बात को वह अपनी बेटी रूही को नहीं बताना चाहते अब आगे..............
Mr. दीक्षित सिंह अपने ऑफिस चले जाते है । और तनु भी अपने घर का काम कर रही होती है तभी रूही मम्मी मम्मी बोलते हुए नीचे आती है और कहती है :
मॉम सुनिए न मम्मी कहां हो आप?
तनु किचन से आवाज़ देती है : रूही बेटा किचन में हूं। 
रूही किचन में जाती है और कहती है मम्मी मुझे 1000 rupees चाहिए बुक्स लेनी है ।
क्यों बेटा गुस्सा ढंडा हो गया चलो पहले नाश्ता करो फिर चली जाना बुक्स लेने । तनु हंसती हुई कहती है । 
नो मम्मा पहले पैसे दीजिए स्वेता भी आती होगी और नाश्ता हम दोनों बाहर करेंगे।
नहीं नहीं बिलकुल नहीं नाश्ता करके जाओ। 
तभी आवाज़ आती हैं रूही कहां है तू जल्दी कर लेट हो रहे हैं? 
मम्मा देखो स्वेता आ गई जल्दी पैसे दो आप ।
रूही बेटा मेरे हाथ अभी गंदे है एक काम कर अलमारी की चाबी ड्रायर में है अलमीरा से पैसे निकाल ले। 
थैंक यू मम्मा रूही तनु को गले लगाती हुई कहती है आप दुनिया की बेस्ट मम्मा हो ।
तनु मुस्कुरा कर कहती है और तुम दुनिया की बेस्ट बेटी हो चलो जाओ अब लेट नहीं हो रहा तुम्हें।
Ok ok जाती हूं।
रूही अलमारी से पैसे निकालती है तो उससे कुछ कपड़े नीचे गिर जाते है। रूही जैसे ही उन्हें उठा कर अलमारी में रखती है उसकी नज़र एक डायरी पर पड़ती है जिसपर लिखा होता है :1997
रूही उस डायरी को चुपके से अपने पास रखती है और बाहर चली आती है ।
Ok mumma bye मैं जा रही हूं।
Bye बेटा ध्यान रखना ।
स्वेता और रूही एक रेस्ट्रा में बैठे होते है तभी तनु कहती है:यार मेरे को एक डायरी मिली मम्मी पापा की अलमारी से पड़े क्या उसे क्या पता उनकी लव स्टोरी लिखी हो।
रूही ये गलत बात है किसी की डायरी पड़ना । 
क्या स्वेता किसी की क्या मतलब है मेरे मम्मी पापा की डायरी है और तेरे को पता है उस पर date लिखी हुई है 1996  । मुझे तो intresting लग रही है। अब बता पढ़े क्या । 
स्वेता कहती है : ऐसी बात है तो मेरा भी पड़ने का मन कर रहा है । पढ़ते है चल ।
रूही की आंखों में खुशी आ जाती है और वो कहती है ok ठीक है मैं पढ़ती हूं।

रूही  डायरी का पहला पन्ना खोलती है और पढ़ना शुरू करती है :

पता हैं आज वो कितनी सुंदर लग रही थी । वो हिरणी जैसे आँखें खुले बाल और मीठी मीठी आवाज़। बस दिल कर रहा था देखता ही रहूं । हां हां पता है 5 साल से देख ही रहा हूं पर जब भी उसे देखता हूं सब भूल जाता हूं दिल करता है देखता ही रहूं । 
आज तो पक्का कर के गया था कि दिल का हाल बता दूंगा पर उस चुड़ेल ने आके सब बिगाड़ दिया ।
और कौन होगी उस तराना ने । दिल तो करता है उसे फैंक दूं उठा के पर क्या करूं मेरी  श्रद्धा की दोस्त है । 
उसे कुछ बोलूंगा तो वो गुस्सा हो जाएगी । 
चलो ठीक है सोते है सुबह कॉलेज भी जाना है तुम्हारा नहीं मेरी श्रद्धा का संगम ।


तभी स्वेता रूही को बोलती है श्रद्धा और संगम ये कौन है और ये तराना कौन है ? अंकल आंटी का नाम तो तनु और दीक्षित है ? ये किसकी कहानी है ?
तभी रूही कहती है : hmm वही तो अब तो पढ कर पता चलेगा चल आगे पढ़ते हैं। 



क्या होगा आगे जानने के लिए बने रहे मेरे साथ ।