Bairy Priya - 13 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बैरी पिया.... - 13

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बैरी पिया.... - 13

राजस्थान :
संयम के विला में
एक private room में :


संयम एक ब्लैक कलर की बड़ी सी आर्मचेयर पर टेबल के सामने बैठा हुआ था । उसने टेबल पर अपने पैर क्रॉस करके टिकाए हुए थे । और आंखें बंद करके उसमे सिर पीछे कुर्सी से लगाया हुआ था ।


उसके हाथ कुर्सी की arm पर tap करते हुए चल रहे थे । कमरे में लगभग 30 से 40 आदमी मौजूद थे लेकिन फिर भी संयम की उंगलियों के कुर्सी पर चलने की आवाज बोहोत क्लियर थी । या यूं कहें कि सिर्फ वही आवाज थी जो सुनाई दे रही थी । इसके अलावा किसी की सांस लेने तक की आवाज नही आ रही थी ।


हर कोई सिर झुकाए खड़ा था । दक्ष संयम के बगल में एक कुर्सी पर बैठा हुआ था । उसने एक झलक संयम और देखा और बोला " what are you thinking about SK.... ??? " ।


संयम ने आंखें खोली और सीलिंग की ओर देखते हुए बोला " मुझे लगता है कि पहले यहां खड़े लोगों को ये बताना पड़ेगा कि निशाना लगाने के लिए सही टारगेट कैसे चुनते हैं.... " ।


दक्ष ने वहां खड़े बॉडीगार्ड्स पर नजर घुमाई । वो समझ सकता था कि एक और बार राठी का भाग जाना उनकी नक्कारी में शामिल है । हालांकि वो शूटर्स बोहोत ट्रेंड थे लेकिन फिर भी राठी उनको चकमा देकर एक और बार भाग चुका था और ये बात संयम को बर्दाश्त नहीं थी ।


संयम ने पेपर वेट उठाते हुए कहा " now give me the reason.. on which bases i can trust you all that you are worth to be with me.... ( अब मुझे कारण बताओ... किन आधारों पर मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूं कि तुम मेरे साथ रहने लायक हो... । )
सब एक दम चुप चाप खड़े रहे ।


संयम ने सबको चुप देखा तो बोला " okay.... तुम्हे नहीं पता तो मैं बताता हूं... । You are not worth it... । Shoot each other.... " ।


ये सुनते ही सबके रोंगटे खड़े हो गए । पर किसी ने नजर उठाकर नहीं देखा ।


" I said shoot.... " बोलते हुए संयम ने चिल्ला दिया । तो सब बॉडीगार्ड्स ने अपनी अपनी guns load कर ली.... ।


दक्ष ने देखा तो जल्दी से खड़ा होकर बोला " SK please... Come down... पहले ही हम अपने काफी गार्ड्स खो चुके हैं । प्लीज इस बार छोड़ दीजिए... i promise अगली बार हम उसे नहीं जाने देंगे... "।
बोलते हुए दक्ष ने उनकी guns नीचे करवा दी ।


हालांकि दक्ष को उनके मरने से कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन लोगों की जरूरत उन्हें थी और इन लोगों को उन्होंने ही ट्रेन किया हुआ था । तो दक्ष नही चाहता था कि इतना बड़ा सपोर्ट वो खोए क्योंकि इससे पहले भी उनके काफी लोग मारे जा चुके थे ।


दक्ष और संयम काफी समय से साथ थे और दक्ष की वफादारी को संयम बखूबी जानता था । वहीं सिर्फ दक्ष ही एक ऐसा शख्स था जिसपर संयम आंखें बंद करके भरोसा कर सकता था और कई बार उसकी बातों से भी सहमत हो जाता था । संयम केेेेेे ज्यादातर कारनामों काा मशहूर चेहरा दक्ष ही तो थाा ।


संयम ने एक झलक दक्ष को देखा और फिर आंखें बंद करके बोला " सिखाओ दक्ष सिखाओ... और खुद भी सीखो... । तुम जानते ही मुश्किल है कंट्रोल करना.... " । बोलते हुए उसने एक गहरी सांस ली फिर झटके से हाथों में पकड़ा पेपर वेट सामने की ओर दे मारा ।




दक्ष जानता था कि संयम वाकई में कंट्रोल नहीं कर सकता । अपने नाम के मुताबिक संयम तो उसमें ना के बराबर था ।


सामने खड़े बॉडीगार्ड को पता चल गया था कि संयम ने उसकी ओर कुछ फेंका है लेकिन वो अपनी जगह से बिल्कुल भी नहीं हिला ।


पेपर वेट उसके सिर में लगा और उसके सिर से खून निकलने लगा । लेकिन एक आह तक उसके मुंह से नही निकली ।


" Yes SK.. i know... । i will do better.... " बोलकर दक्ष ने हाथों से इशारा करते बॉडीगार्ड्स को वहां से बाहर निकल जाने को कहा तो सब वहां से बाहर चले गए ।


दक्ष वापिस से कुर्सी पर बैठ गया और बोला " SK वो लड़की मुझे नहीं लगता कि राठी के साथ मिली होगी.... । क्योंकि उसकी बातें जिस तरह की थी.... " ।
बोलते बोलते दक्ष रुक गया और उसने देखा कि संयम उसे एक आंख ऊपर करके घूरे जा रहा था ।


दक्ष को समझ नहीं आया कि आखिर संयम उसे ऐसे क्यों घूर रहा था ।


संयम ने टेबल पर से पैर नीचे लिए और आगे की ओर झुकते हुए बोला " she is your lady boss... दक्ष... । वो लड़की वो लड़की क्या होता है ?? " बोलते हुए संयम की आवाज बोहोत सर्द थी ।


दक्ष ने गला साफ किया और फिर सिर हिला दिया ।


संयम आगे बोला " मैं जानता हूं कि वो राठी से नहीं मिली है । You may go now.... " ।


संयम की बात सुनकर दक्ष वहां से चला गया । संयम वहीं बैठा रहा । दरअसल पहले उसे लगा था कि शायद शिविका राठी के साथ मिली हो सकती है लेकिन अब उसे पता चल गया था कि ऐसा नहीं था ।




अगर ऐसा होता तो राठी उस से उसका नाम नहीं पूछता... । और ऐसी अंजान बातें नहीं होती । बस उसे शिविका पर गुस्सा था तो इस बात का कि उसने धोखे से भागने की कोशिश की थी ।


संयम ने दोनो हाथ आपस में बांध कर सामने टेबल पर रखे और गहरी आवाज में बोला " शिविका चौधरी... You are too sharp baby.... " ।


बोलते हुए संयम के चेहरे पर हल्की तिरछी मुस्कान आ गई । उसे याद आया कि कैसे शिविका पहले राठी को जानने से इंकार कर रही थी लेकिन बाद में झट से उसने मान लिया था कि उसे राठी का पता मालूम है । क्योंकि उसके दिमाग में भागने का खयाल आ चुका था । संयम उसी वक्त उसके खयाल को भांप चुका था लेकिन वो देखना चाहता था कि आखिर शिविका करती क्या है इसलिए उसने उसे एक मौका दिया था ।


और शिविका की हिम्मत देख संयम काफी इंप्रेस भी हो चुका था । लेकिन शिविका ने धोखा देकर भागना चाहा था और धोखा एक ऐसी चीज थी जो संयम को बोहोत ज्यादा बुरा बना देती थी । हालांकि वो शिविका के साथ उसका एक पर्सेंट भी बुरा नहीं बना था । लेकिन गुस्सा तो उसे कुछ पल को आया ही था ।


संयम खड़ा हुआ और वहां से बहार निकल गया ।
संयम अपने रूम में गया तो उसे शिविका वहीं सोफे पर ही लेटी हुई मिली । जैसी वो उसे छोड़कर गया था शिविका अभी तक बिल्कुल वैसी ही लेटी हुई थी । उसकी ड्रेस अभी भी एक तरफ के कंधे से नीचे खिसकी हुई थी और उसने दूसरी ओर चेहरा घुमाया हुआ था । संयम ने ध्यान से देखा तो शिविका की गर्दन पर संयम के काटने से लव बाइट का निशान आ गया था जो शिविका के गोरे रंग पर लाल रंग का साफ दिखाई दे रहा था ।




संयम कुछ पल उसे एकटक निहारता रहा । मानो कुछ पल के लिए खो सा गया था ।


संयम ने जमीन पर पड़ी अपनी बेल्ट उठाई और पास में रखे टेबल पर पटक दी । फिर शिविका की ओर देखा तो वो अभी भी वैसे ही लेटी हुई थी ।


संयम उसके पास आया और उसकी नाक के नीचे उंगली रखते हुए बोला " मरी तो नहीं है... । सांस भी ठीक है.... । ( आवाज तेज करतेेे हुए ) Hey slut... उठो.... Get up i said.. " । बोलते हुए संयम उसे घूरता हुआ खड़ा रहा । लेकिन शिविका नही उठी । ।


संयम ने पास में रखा पानी का jug उसके उपर उड़ेल दिया । शिविका जल्दी से बौखलाहट के साथ उठ बैठी । जग पुरा पानी से भरा हुआ था जिससे शिविका का चेहरा बाल और कपड़े काफी भीग चुके थे । शिविका हैरान सी आंखों से उसे देखने लगी ।




और गहरी सांसे लेते हुए उसने अपने चेहरे से पानी को साफ किया ।




संयम ने jug को भी सोफे पर फेंक दिया और एक उड़ती हुई नजर शिविका पर डालकर बाथरूम जाने लगा ।


वो दरवाजे तक पहुंचा ही था कि इतने में उसे कुछ गिरने की आवाज सुनाई । " क्या गिरा दिया.... ?? " बोलते हुए संयम ने पीछे देखा तो उसकी आंखें खुली की खुली रह गई ।

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