अब तक :
" ना मुन्ना ना.. झूठ नही बोलते.. । मुझे तो ये तक लग रहा है कि तू मुझसे भी ये प्यार वाली बात इसलिए पूछ रहा था ताकि तेरे रास्ते में कोई कांटा न आए.. " बोलते हुए अक्षत उसे हंसते हुए देख रहा था तो शिवाक्ष गुस्से से उसे घूरे जा रहा था ।
अक्षत ने दांत दिखाए और भोहें उचका दी ।
अब आगे :
" बहुत बकवास करने लगा है तू " शिवाक्ष ने चिढ़ते हुए सिर हिला दिया।
" अच्छा , मैं कुछ पूछूंगा सच सच बताना । Ohk ! "
" नही , तू उल्टी बातें पूछेगा जिनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना "
" अरे पहले बात तो सुन । ज्यादा नही पूछूंगा , बस थोड़ी सी बातें "
" पूछ " बोलकर शिवाक्ष ने बाजुएं बांध ली ।
" वो लड़की सुंदर नही है क्या.. ? "
शिवाक्ष उसे घूरते हुए बोला " मैं उसको देखने का काम नही करता । क्या पूछे जा रहा है ? मुझे नही बताना और ना ही मुझे पता है.. " ।
अक्षत ने उसकी आंखों पर हाथ रखा और बोला " अरे आंखें बंद करके एक बार इमेजिन कर ना । और अगर मेरा दोस्त है तो बता.. " ।
" ये सब मत बोला कर अक्षत.. " शिवाक्ष ने चिढ़ते हुए कहा और आंखें बंद कर ली ।
अक्षत मुस्कुरा दिया और बोला " अच्छा अभी इमेजिन कर उसको । और बता वो सुंदर नही है क्या.. ? "
शिवाक्ष ने आंखें बंद की तो अंजली का चेहरा अपने आप ही उसे दिख गया ।
" हां.... सुंदर तो है.. " शिवाक्ष ने एक ठहराव के साथ जवाब दिया । उसका लहजा अभी गुस्से वाला नही रहा था बल्कि नॉर्मल हो गया था।
अक्षत ने आगे पूछा " वो कोई झगड़ा नहीं करती है तो सुशील नही है क्या.. ? " ।
" Hmm.. सुशील भी है.. " ।
" कितनी इज्जत से बात करती है , वो प्यारी नही है क्या.. ?? " ।
" हां प्यारी भी है.. " ।
" सोच समझकर बोलती है , वो समझदार नही है क्या.. ? " ।
" hmm.. समझदार भी है " ।
" और जब कोई इतना प्यारा है तो तुझे उससे प्यार नही है क्या.. ? " ।
" hmm... प्यार भी है.. "।
" क्या ??? प्यार भी है. ? " बोलते हुए अक्षत ने शिवाक्ष की आंखों पर से अपना हाथ हटा लिया । और हैरानी से उसे देखने लगा ।
शिवाक्ष को एहसास हुआ कि वो flow flow में क्या बोल गया । उसने अपने बालों में हाथ फेरा और बोला " देख , देख अक्षत ऐसा कुछ भी नही है.. । ये अभी फ्लो फ्लो में गलती से निकल गया.. । तू गलत सोच रहा है.. । तूने जान बूझकर ये उगलवाया है " ।
अक्षत ने अंगड़ाई ली और बोला " अरे गलत सोचे हमारे दुश्मन.. । गलत और मैं , वो भी तेरे बारे में.. हो ही नहीं सकता.. " बोलते हुए अक्षत हंसने लगा और आगे बोला " कुछ तो गड़बड़ है रे मुन्ना.. । " बोलकर अक्षत गाड़ी में बैठ गया ।
शिवाक्ष ने अपनी गर्दन पर हाथ फेरा और गाड़ी में बैठते हुए बोला " कुछ गड़बड़ नहीं है और अगर अब तुने अपना बेकार दिमाग चलाया तो मेरा गुस्सा सारा का सारा तेरे ऊपर ही निकल जायेगा । समझा.. " ।
अक्षत ने उसकी बात को हवा में उड़ाया और खिड़की खोल कर बाहर से दरवाजे पर tap करते हुए गुनगुनाने लगा
" हो गया है तुझको तो प्यार सजना
लाख कर ले तू इनकार सजना.. " ।
शिवाक्ष ने सिर पर हाथ रखा और गाड़ी लेकर वहां से बाहर निकल गया ।
कुछ वक्त बाद दोनो वापिस कॉलेज कैंपस में पहुंचे तो अक्षत बोला " ये कॉलेज ड्राइव के भी अपने ही मजे हैं "
" Hmmm " शिवाक्ष ने छोटा सा जवाब दिया ।
दोनो कॉलेज के अंदर आने लगे तो श्वेता सामने से उनकी तरफ चली आई और अक्षत से बोली " मुझे शिवाक्ष से कुछ बात करनी है अक्षत । कुछ देर अकेला छोड़ोगे ? "
अक्षत कुछ बोलता इससे पहले शिवाक्ष बोल पड़ा " बात इसके सामने भी हो सकती है श्वेता "
" अरे कोई बात नही , अकेले में बात करनी है तो मैं यहां नही रहना चाहता । मैं म्यूजिक रूम में इंतजार करता हूं । आ जाना " बोलकर अक्षय निकल गया ।
श्वेता बोली " शिवाक्ष, ये सब क्या हो रहा है । वो लड़की इतना सब कर रही है और उसके बाद भी तुम उसको कुछ नही कह रहे । क्या अब तुम्हारी दोस्ती पहले जैसी नही रही "
" मेरी दोस्ती पहले जैसी ही है । पर जब दोस्ती में झूठ आ जाता है तो शिवाक्ष लोगों पर भरोसा करना बंद कर देता है । कोई उम्मीद मत रखो , जो दिल में आता है मैं करता हूं , मुझे दोस्ती बताने की जरूरत नही है श्वेता " बोलकर वो निकल गया ।
श्वेता हैरान परेशान सी खड़ी रही । उसे समझ नही आया था कि शिवाक्ष क्या कहकर निकल गया था ।
4 बजे तो कॉलेज के बंद होने की bell बजी । अंजली आकाश और खुशी कॉलेज से बाहर निकल आए ।
आकाश ने कहा " अंजली.. कल तक हम लोग समान इकट्ठा कर लेंगे.. तो कल कॉलेज बंद होने के बाद अपने प्लान पर काम करेंगे.. " ।
अंजलि ने सिर हिला दिया । आकाश और खुशी दोनों स्कूटी पर बैठकर निकल गए और अंजलि भी अपने रूम की ओर चल दी ।
वो कॉलेज से थोड़ी दूर आई ही थी कि तभी उसे जोर से किसी के सीटी बजाने की आवाज सुनाई दी । अंजली ने मुड़कर देखा तो पीछे कोई नही था । फिर उसने सामने देखा तो शिवाक्ष अपने दोस्तों के साथ खड़ा था ।
अंजली को शिवाक्ष की धमकी याद आ गई । शिवाक्ष के कहे शब्द उसके कानों में सुनाई देने लगे जब उसने जाते जाते धमकाया था ।
बुली गैंग अंजली से थोड़ी दूरी पर खड़ी थी । और धीरे धीरे वो अंजली की ओर बढ़ रहे थे । देखते ही देखते बुली गैंग अंजली के नजदीक आ गई ।
राजीव आगे आया और बोला " कभी तूफान से पहले की शांति देखी है क्या ? " । अंजली ने कुछ जवाब नही दिया ।
राजीव आगे बोला " it's okay..... अगर नहीं देखी है तो आज तुम देख ही लोगी । अभी जो सन्नाटा आस पास पसरा हुआ है ना.. कुछ ही देर में तुम्हारी चीखों से गूंजेगा.. " । बोलकर राजीव तिरछा मुस्कुरा दिया ।
अंजली ने अक्षत की ओर देखा । उसे उम्मीद थी कि अक्षत कुछ गलत नही होने देगा ।
श्वेता आगे राजीव के बगल में खड़े होते हुए बोली " तुम्हे क्या लगा कि अगर.. principal ने तुम्हें छोड़ दिया है.. तो हम भी तुम्हें ऐसे ही जाने देंगे ! " कहकर श्वेता उसकी ओर कदम और आगे लेने लगी ।
अंजली ने मुट्ठियां कसी और बोली " उन्होंने मुझे नही छोड़ा बल्कि , उन्होंने आपको जाने दिया है । आपकी गलती होने के बावजूद भी उन्होंने आपको कुछ नही कहा और आपका साथ दिया " ।
अंजली ने कहा ही था कि इतने में मालविका ने आकर उसे पीछे की ओर जोर से धक्का दे दिया ।
अंजलि लड़खड़ा गई लेकिन अपने आप को गिरने से उसने संभाल लिया ।
अंजलि आंखों में गुस्सा भर कर मालविका को देखने लगी । वो लोग दिन पर दिन अपनी हरकतों को बढ़ाते जा रहे थे ।
मालविका ने उसे ऐसे देखता पाया तो sarcasm से बोली " awww. गुस्सा आ रहा है ? , अब सोचो कि हमें कितना गुस्सा आया होगा.. । जब तुमने श्वेता को धक्का मारा था । और अभी तो तुम उसपर ही इल्जाम भी लगा रही हो.. "
तभी उसकी ओर और आगे गई और एक और बार उसे पीछे धक्का दे दिया । इस बार अंजली नीचे सड़क पर गिर गई । शिवाक्ष ने उसे गिरते देखा तो मुट्ठियां कस ली ।
अंजली ने अपने हाथ सड़क पर लगा लिए तो उसके हाथों में स्क्रैचेस पड़ गए । वो गुस्से से सबको देखने लगी ।
अक्षत ने शिवाक्ष को देखा तो वो चुप खड़ा सब देख रहा था । अक्षत उससे बोला " शिव बहुत हो गया यार.. अब रहने दे , इन सब को बोल कि इसे छोड़े और चले यहां से । तूने उसको पहले भी हर्ट किया था और अब ये सब भी धक्का देने पर उतर आए हैं. " ।
शिवाक्ष ने अक्षत की बात का कोई जवाब नही दिया । अक्षत ने एक बार फिर से कहा " शिवाक्ष रोक ना इनको । अभी ये लोग सिर्फ तेरी बात ही मान सकते हैं " ।
शिवाक्ष आगे बढ़ गया और मालविका राजीव और श्वेता को पीछे कर दिया ।
माही अक्षत के बाजू में ही खड़ी थी और अक्षत की कही बात उसने भी सुनी थी । माही बोली " क्या लगता है अक्षत , शिवाक्ष आगे क्यों गया है.. ? क्या वह उन लोगों को रोकने गया होगा ? "
अक्षत ने सामने शिवाक्ष को देखते हुए जवाब दिया है " जितना मैं उसे जानता हूं वो किसी की बात भी नहीं सुनता.. , तो ये उम्मीद करना भी बेकार ही लग रहा है " ।
माही उसकी बात पर हामी भरते हुए बोली " hmm... ये भी सही कहा... शिवाक्ष कब क्या करता है ये तो किसी को नहीं पता.. " ।
अक्षत ने सिर हिला दिया ।
शिवाक्ष ने नीचे बैठी अंजली को देखा और पंजों के बल उसके पास बैठ गया । अंजली उसे घबराते हुए देखने लगी । शिवाक्ष बोला " बहुत हिम्मत है तुम्हारे अंदर । I like it . पिछली बार हमने तुम्हें अंडे से गंदा कर दिया था ना.. तो इस बार हम तुम्हे साफ कर देंगे । बिल्कुल साफ"।
अंजली उसे सवालिया से देखने लगी । आखिर शिवाक्ष के कहने का मतलब क्या था.. ?
अंजली अपने मन में खुद से बातें करने लगी " ये तो नही पता कि अब ये क्या करने वाले हैं.. । लेकिन इतना जरूर पता है कि अब मेरा यहां रुकना सही नही है । कुछ भी करके यहां से भाग अंजली.. । " सोचते हुए उसने सामने खड़ी बुली गैंग के हर एक मेंबर पर नजर डाली ।
सबकी नजरें उसके उपर ही थी ।
शिवाक्ष बोला " तुम्हे तैरना तो आता है ना.. ? "
अंजली ने ना में सिर हिला दिया ।
" तो आज हाथ पैर चला लेना , क्योंकि हम गाड़ी में से ही तुम्हे पास वाली झील के अंदर धकेलेंगे और उसके बाद का सारा काम तुम्हारा ही है.. । बच गई तो कल कॉलेज में फिर मिलेंगे... और अगर " बोलकर वो शरारत से अंजली को देखने लगा । वहीं उसकी बातें सुनकर अंजली की सांसें थमती जा रही थी ।
शिवाक्ष खड़ा हुआ और बोला " गाड़ी लाओ.. ले चलो इसको.. " ।
राजीव गाड़ी की ओर जाने लगा ।
अंजली ने कुछ सोचा और फिर जोर से चिल्लाई " आह... जंगली सुअर.. बचाओ.. " ।
अंजली की बात सुनकर सब लोग पीछे की तरफ देखने लगे । उन लोगों के पीछे मुड़ते ही अंजली जल्दी से उठी और सड़क के किनारे के जंगल में घुसकर पेड़ के पीछे छिप गई । वो इतनी तेजी से खिसकी थी कि मुश्किल से 10 सेकंड उसे वहां तक जाने में लगे हों ।
शिवाक्ष ने तिरछी नजरों से उसे देख लिया था ।
सब आस पास देख ही रहे थे कि तभी शिवाक्ष ने पूरा पलटकर वापिस अंजली की ओर देखा और बोला " कलेवर गर्ल.. "
अंजली अब वहां से गायब थी ये देखकर बाकी सब शौक थे । सबने यहां वहां देखा लेकिन अंजली नजर नही आई ।
" ये कहां गई.. ढूंढो उसे " बोलते हुए राजीव आस पास देखने लगा ।
पेड़ काफी लंबा और चौड़ा था तो अंजली उसके पीछे आसानी से पूरी तरह से छिप चुकी थी ।
राजीव ने लंबी सड़क को देखा तो बोला " सड़क काफी लंबी है यहां से भागती तो इतनी जल्दी गायब नही हो सकती थी.. और हमे भागते हुए दिख ही जाती । " ।
तभी अक्षत बोला " पर तेज तो वो भागती है । हो सकता है निकल गई हो.. " ।
श्वेता ने चिढ़ते हुए कहा " ऐसा नहीं हो सकता अक्षत.. । वो कोई बिजली नही है जो अभी यहां कड़के और कुछ देर में कहीं और.. । वो यहीं कहीं छिपी है.. । जंगल में देखते है.. । " । श्वेता ने कहा तो सब जंगल में देखने लगे ।
अंजली भी उनकी बातें सुन सकती थी । श्वेता की बात सुनकर उसकी जान हलख में अटकी हुई थी ।
" hey Bholenath.. बचा लीजिए प्लीज... । अगर ये जंगल में आकर देखेंगे तो पक्का पकड़ लेंगे.. और मुझे तैरना नहीं आता है.. " बोलते हुए उसने बेचारा सा मुंह बनाया और पेड़ से हल्का सा सिर साइड निकालकर झांकने लगी ।
अक्षत माही और राजीव उसकी तरफ के जंगल में आकर देखने लगे और श्वेता मालविका और शिवाक्ष दूसरी तरफ देखने लगे ।
बुली गैंग को अंजली नही मिली तो श्वेता बोली " gyes.. एक साथ चलकर एक ही जगह मत देखो । जंगल बोहोत बड़ा है.. सब अलग अलग और दूर दूर जाकर देखो.. " ।
" श्वेता सही कह रही है.. । " बोलते हुए राजीव ने आगे बोला " वो यहीं आस पास ही होगी.. । सब दूर दूर जाकर देखते हैं । मैं और अक्षत उसके रूम की डायरेक्शन में जाकर देखते हैं । हो ना हो वो उसी डायरेक्शन में जायेगी... । " ।
राजीव और अक्षत अंजली के रूम की डायरेक्शन में जाकर देखने लगे ।
काफी देर तक ढूंढने के बाद भी उन लोगों को अंजलि कहीं नहीं मिली । शिवाक्ष जेब में हाथ डाले एक ही जगह पर खड़ा रहा ।
मालविका के दिमाग में कुछ आया तो वो सबको इकट्ठा करते हुए आवाज ऊंची करके बोली " shit Yaar , ये लड़की आज फिर से बच के चली गई ! , लगता है आज हम लोग उसे नहीं पकड़ पाएंगे ! चलो gyes घर चलते हैं.. " बोलने के साथ वो सबको इशारा भी कर रही थी ।
राजीव बोला " सही कह रही है मालविका.. । ये तो बिजली ही निकली । जैसे मिस्टर इंडिया होता है वैसे ही अब से मिस इंडिया भी हुआ करेगी... " ।
श्वेता ने दांत पीसते हुए कहा " अगर आज मिल गई तो छोड़ेंगे नही इसे "
मालविका ने इधर उधर देखा और बोली " चलो यार gyes अब चलते हैं यहां से । मुझे तो लगता है कि वो जा चुकी है... और अब हम उसे नहीं पकड़ पाएंगे तो यहां पर टाइम waste करने से कोई फ़ायदा नहीं है " ।
सब लोग जोर से बातें कर रहे थे ताकि अंजली को ये सुनाई दे कि वो अब यहां से जा रहे हैं ।
सब लोग कुछ दूर खड़ी अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गए । शिवाक्ष ने अपनी गाड़ी चला दी ।
एक मोड़ आगे जाकर शिवाक्ष ने गाड़ी में ब्रेक लगा दिया और बोला " राजीव देख ज़रा बाहर निकली या नहीं.. "
शिवाक्ष की बात सुनकर राजीव गाड़ी से उतरा और एक पेड़ के पीछे छिपकर सड़क को देखने लगा । 5 मिनट तक देखने के बाद भी अंजली उसे नही दिखी ।
गाड़ी में बैठे हुए अक्षत ने कहा " मालविका क्या तुझे पूरा यकीन है कि वो बाहर आ जायेगी ? I mean , मुझे तो नहीं लगता कि , वो अभी तक यहां पर छुपी होगी । अब तक तो वो छुपकर भागते हुए बोहोत दूर जा चुकी होगी । वैसे भी पिछली बार भी तो कितना तेज भागी थी । पूरे ग्राउंड के चक्कर काटने के बाद भी हम उसे पकड़ नहीं पाए थे । और उसके बाद जब जंगल में भागी थी तब भी हमने शॉर्ट कट से जाकर उसे पकड़ा था। तो हो सकता है कि अपने रूम को ही भाग गई हो और यहां ना छिपी हो "
माही ने भी अक्षत की बात में हामी भरी और बोली " हां.. है तो वो लड़की बोहोत तेज़ , बातों में भी और भागने में भी । एकदम चक्करी की तरह अपने पीछे घुमा रही है । चेहरे से तो बोहोत प्यारी और भोली - भाली दिखती है पर है बिल्कुल खुराफाती दिमाग की । एकदम तीखी मिर्ची की तरह । वाकई मानना तो पड़ेगा.. कितनी होशियारी से चकमा देकर भागी है यार "
तभी अक्षत बोला " hmm सही कह रही हो माही.. । मुझे भी लगा ही था कि वो इतनी आसानी से पकड़ में नहीं आएगी । और वही हुआ , वो भाग ही गई । "
माही मुस्कुराई और बोली " कुछ भी कहो लड़की है तो क्यूट.. । वैसे अगर मैं लड़का होती तो अब तक पक्का उसके प्यार में पड़ चुकी होती " ।
माही को इस तरह से अंजली की तारीफ करता देखकर श्वेता चिढ़ते हुए बोली " माही , इसे होशियारी नही कहते है.. । मुसीबत अपने सिर मोल लेना कहते हैं । और वैसे भी इतनी भी कुछ खास नही लगी मुझे तो । ना अच्छी ड्रेसिंग सेंस है और न ही उसकी हैसियत.. । और भूलो मत वो हमसे बचकर भागी है मतलब वो हमें हराकर और नीचा दिखाकर भागी है । और जहां तक रही प्यार की बात तो वो तुम तो करो ही मत ।
हम सब जानते हैं कि तुम्हारी च्वाइस प्यार के मामले में कैसी रही है । और वो इंसान कितना अच्छा साबित होता है । तो किससे प्यार होना चाहिए और किससे नही ये तुम हमे मत बताओ.. । और इस मुसीबत से तो किसी को भी प्यार नही हो सकता " ।
श्वेता की कड़वाहट भरी बातें सुनकर माही चुप हो गई । उसका चेहरा उदासी से घिर गया ।
कैसा लगा आज का अध्याय ? क्या ढूंढ लेंगे ये को अंजली को ? कहां छुप गई अंजली ?
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