Bepanaah Mohabbat - 23 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बेपनाह मोहब्बत - 23

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बेपनाह मोहब्बत - 23

अब तक :

आकाश ने अपने चारों ओर देखा तो उसे लगा जैसे हर कोई उसका मजाक उड़ा रहा हो । और खुशी के हंसने से आकाश की आंखों में नमी तैर गई जो उसके चश्मे को भिगोने लगी ।

खुशी को देखकर वो भी हल्का सा हंस दिया उसके दिल पर इस वक्त क्या गुजर रही थी सिर्फ वही समझ सकता था ।

अब आगे :

खुशी उसके पास आई तो आकाश मासूमियत से बोला " मुझे लगा कि तुम्हे गाना सुनना पसंद है, और गाना गाने वाले लोग भी इसीलिए मैं तुम्हारे लिए गा रहा था खुशी "

" ओ आकाश " बोलते हुए खुशी उसके पास बैठी और बोली " क्या तुमने ये सिर्फ मेरे लिए गाया ? " ।

आकाश ने हान में सिर हिला दिया ।

खुशी ने आकाश पर हंसते हुए बच्चों को डांटते हुए चुप कराया और आकाश से बोली " awww.. तुम कितने स्वीट हो " बोलते हुए खुशी ने उसे hug कर लिया ।

" how sweet " बोलकर खुशी उससे अलग हुई और उसके गाल को पिंच करने लगी ।

आकाश ने खुशी को देखा और फिर अपने गाल को पकड़े हुए उसके हाथ को देखने लगा ।

खुशी ने उसकी गाल से हाथ हटाया तो आकाश ने अपने गाल पर हाथ रख दिया और खुशी को एक टक देखने लगा ।

खुशी ने उसे एक तक देखते हुए देखा तो उसकी आंखों के आगे अपना हाथ हिला दिया । आकाश झेंप सा गया और इधर-उधर देखने लगा ।

खुशी हल्का मुस्कुराई और बोली " यूं तो गाना सुनने का मजा तभी आता है जब कोई अच्छा सिंगर गा रहा हो । लेकिन अभी जो तुमने इतने प्यार से मेरे लिए गाया , तो मेरे लिए ये गाना भी बहुत अच्छा था । थैंक यू आकाश.. " । बोलकर खुशी ने उसके दूसरे गाल पर किस कर दी ।

आकाश का मुंह खुला का खुला रह गया । उसने दूसरे गाल पर भी हाथ रख दिया और आंखें फाड़े खुशी को देखने लगा । उसे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी । वहीं खुशी के लिए तो ये बिल्कुल नॉर्मल लग रहा था ।

खुशी ने उसे मुंह खोल खुद को देखते हुए देखा तो उसका मुंह बंद करते हुए बोली " इस बार तो मुझे तुम्हारा गाना पसंद आया आकाश.. । लेकिन अगली बार जब भी गाओ ना.. तो पहले मुझे बता देना.. ताकि मैं तैयार हो जाऊं । और एक बात सच बताऊं.. तो तुम्हारी आवाज सुनकर मरा हुआ इंसान भी जिंदा हो सकता है... । इतनी ताकत है तुम्हारी आवाज में.. " । बोलकर खुशी हंस दी तो आकाश भी हल्का सा हंस दिया ।

खुशी काफी देर तक आकाश के गाने को याद करके nonstop हंसती रही तो आकाश को भी उसकी हंसी पर हंसी आ गई । दोनों साथ में हंसने लगे ।

अंजली अपने खयालों में उलझी हुई सी म्यूजिक रूम के अंदर आई । शिवाक्ष की कही बातें उसके दिमाग में चली जा रही थी ।

खुशी ने उसे दरवाजे से अंदर आते देखा तो उसे आवाज देते हुए बोली " अंजलि कहां रह गई थी तुम ? तुम्हें पता है अभी आकाश ने कितना अच्छा गाना गाया " बोलते हुए खुशी के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल थी । आकाश ने उसकी स्माइल देखी तो वो भी मुस्कुराता रहा ।

अंजलि अभी भी कहीं खोई हुई सी थी मानो खुशी की बात उसे सुनाई ही ना दी हो । खुशी और आकाश ने उसे ऐसे देखा तो एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे ।

खुशी उठी और अंजलि के पास चली गई । अंजलि अभी भी किसी सच में डूबी थी । खुशी ने उसे बाजू से पकड़ा तो अंजलि की सिसकी निकल गई । उसकी बाजुओं को शिवाक्ष ने इतना कसकर दबाया था कि अभी भी उसे बोहोत दर्द हो रहा था ।

वो अपने ख्यालों से बाहर आई और खुशी को देखने लगी ।

खुशी ने उस की बाजू को देखा तो उसे पर लाल निशान दिखाई दे रहे थे खुशी ने फिक्र से पूछा " अंजलि क्या हुआ ? कहां थी तुम ? और ये बाजू पर निशान कैसे ? " ।

अंजलि जल्दी से उसके गले से लिपट गई और सिसकने लगी । उसकी आंखों से आसूं बहने लगे । खुशी ने उसे ऐसे रोते देखा तो उसकी पीठ सहलाते हुए बोली " hey , क्या हुआ अंजलि ? बताओ तो सही.. ऐसे क्यों रो रही हो.. ? "

खुशी उसके रोने से घबरा गई थी । आकाश भी उनके पास आ गया और पूछा " क्या बात है अंजली...? फिर से उन लोगों ने परेशान किया क्या.. ? "

अंजली ने उसकी तरफ देखा तो आकाश समझ गया कि जो वो सोच रहा था , बिल्कुल सही था । अंजलि खुशी से अलग हुई तो आकाश ने उसे बेंच पर बैठा दिया और बोला " अब क्या किया उन्होंने ? " ।

तभी खुशी ने पूछा " क्या भाई ने कुछ किया है.. ? अंजली तुम बताओ मुझे मै अभी जाकर बात करती हूं । एक बात गुस्से से बोलूंगी तो अगली बात से भाई तुम्हारे आस पास भी नजर नही आयेंगे । बताओ क्या किया उन्होंने " ।

अंजलि ने ना में सिर दिया और बोली " नहीं उन्होंने कुछ नहीं किया "

" तो फिर किसने किया " आकाश ने पूछा ।

अंजली ने उन्हें प्रिंसिपल के झूठ और सीसीटीवी फुटेज की पूरी बात बता दी ।

" ये तो कितना गलत हुआ है । प्रिंसिपल होकर वो ऐसा कैसे कर सकती हैं । अगर तुम्हारी गलती होती तो तुमको तो कॉलेज से हफ्ते भर को रस्टीकेट किया जाता और जब श्वेता दी की गलती साफ दिखी उसके बावजूद भी उनको कोई पनिशमेंट नही दी । कुछ नही कहा गया "

अंजली ने ना में सिर हिलाया और बोली " नहीं खुशी , और यही बात अब दिल में डर दे गई है । इस बात में कोई शक नही रहा कि इन लोगों में इतनी हिम्मत क्यों है । आजकल तो हर जगह रैगिंग को रोकने के लिए कई रूल्स बने हैं पर फिर भी यहां ये सब खुले आम हो रहा है क्योंकि यहां तो प्रिंसिपल भी रोक नही लगाती "

" सही कह रही हो अंजली । ये सब तभी होता है जब बढ़ावा दिया जाता है " आकाश ने भी उसका साथ दिया तो खुशी बोली " मुझे बहुत बुरा लग रहा है कि मेरे भाई भी इन सब में शामिल है । I am sorry अंजली "

" सॉरी तुमसे नही चाहिए खुशी और किसी से भी नही चाहिए । क्योंकि एक सॉरी सुनने से सब सही नही हो जाता । मुझे बस चाहिए कि वो लोग समझें और अपने अंदर सुधार लाएं " अंजली ने सहजता से कहा तो खुशी ने सिर हिला दिया ।

आकाश बोला " तो अब क्या करना है ? "

अंजली ने गहरी सांस ली और बोली " मां कहती है कि समस्या उसकी जड़ की वजह से जिंदा रहती है । और जब तक जड़ को खतम नही करते तब तक समस्या का इलाज नहीं हो सकता । इसलिए सबसे पहले इस भेदभाव की जड़ को खतम करना होगा । हमें पता लगाना होगा कि आखिर प्रिंसिपल मैम ने ऐसा किया क्यों । और जिस भी वजह से किया उस वजह को खतम करना होगा "

" मैं तुम्हारे साथ हूं अंजली । ऐसी जड़ काटेंगे कि डूबता उग नही पाएगी " खुशी ने गर्मजोशी से कहा तो आकाश बोला " सही कहा , अगर आज डर गए तो आने वाला पूरा साल डरकर ही बीतेगा । मैं भी तुम्हारे साथ हूं अंजली "

" तो फिर लग जाते हैं काम पर । उनसे सच उगलवाना पहला काम होगा । उसके लिए कुछ सोचना होगा " अंजली ने कहा तो आकाश बोला " आइडिया " ।

खुशी ने excitement से पूछा " कैसा idea " ।

आकाश ने आस पास देखा और फिर दोनो को नजदीक आने को कहा । तीनो नजदीक नजदीक आकर बैठ गए ।

आकाश धीरे से बोला " हम लोग प्रिंसिपल को किडनैप करवा लेते हैं... और फिर उनसे सब सच उगलवा लेंगे "

" हैं !!!! " अंजली और खुशी ने एक साथ हैरान होकर कहा और आकाश को घूरने लगी ।

" क्या हुआ ? मैने कोई crime तो नहीं किया है , जो तुम लोग मुझे ऐसे घूर रहे हो । मैं तो सिर्फ idea दे रहा था । " बोलकर आकाश ने बेचारा सा मुंह बना लिया ।

" तुम आईडिया दे रहे थे या हमारी कब्र खुदवा रहे थे । अगर किसी को पता चल गया ना तो पुलिस के हाथों हमारा किडनैप करवा दिया जाएगा... । " बोलते हुए खुशी को कुछ याद आया तो चेहरे पर शरारती मुस्कान लाते हुए उसने कहा " इससे अच्छा idea तो मेरे पास है.. " ।

खुशी के कहने पर आकाश और अंजली उसे देखने लगे ।

खुशी उनके जवाब का इंतजार किए बिना ही आगे बोली " तो प्लान ये है कि.. हम लोग प्रिंसिपल मैम को भूत बनकर डराते हैं । भाई ने मुझे बताया था कि यहां की प्रिंसिपल भूतों से बहुत डरती है और इस तरह की चीजों में बहुत विश्वास करती है तो अगर हम उन्हें डराएंगे.. तो डर के मारे वो सब कुछ सच - सच उगल देंगी " ।

अंजलि ने सुन तो उसकी आंखों में एक उम्मीद सी जग गई । कुछ सोचते हुए उसने आगे कहा " अच्छा तो नही लग रहा उनका अनादर करना लेकिन प्रिंसिपल मैम के झूठ बोलने की वजह का तो पता लगाना ही है और साथ ही साथ वो पेन ड्राइव भी लेना है... जिसमें वो वीडियो है । तो उसके लिए ये तो करना ही पड़ेगा "

आकाश बोला " हां , तो उसके लिए तो हमे प्रिंसिपल ऑफिस की तलाशी भी लेनी होगी और उसको चुराना होगा । क्योंकि principal mam तो हमे पेनड्राइव देने से रही । क्योंकि अगर वो वीडियो हमने सबको दिखा दी तो वो तो झूठी साबित हो जाएंगी ना.. और ऐसा वो बिल्कुल भी नही चाहेंगी... "।

" hmm.. तो फिर तय रहा.. हम लोग पेनड्राइव भी चुराएंगे और प्रिंसिपल से सच भी उगलवाएंगे.. " खुशी ने कन्फर्म करते हुए कहा ।

अंजली ने सुना तो एक बार फिर झिझक सी गई और बोली " मैं करना तो चाहती हूं पर कहीं कुछ गलत ना हो जाए । और वो गुरु भी तो हैं हमारी । ऐसा बिहेव करना सही तो होगा ना "

खुशी ने सुना तो बोली " अब अगर कोई गलत कर रहा है तो उसके साथ गलत करने में कोई बुराई नही है । और उन्होंने गलत किया है तो उसे तो सामने लाना होगा । अंजली हम लोग कुछ गलत करने के इरादे से तो कुछ नहीं कर रहे हैं ना , तो हम कहीं से गलत नही हैं "

" और अगर कुछ गड़बड़ हुई तो.. । मतलब तुमने कहा ना कि वो भूत प्रेत से डरती हैं.. तो अगर वो कुछ ज्यादा ही डर गईं और कुछ हो गया तो.. " अंजली ने थोड़ा फिक्र करते हुए पूछा ।

खुशी ने गहरी सांस ली और बोली " अंजली... हम लोग सिर्फ उतना ही डराएंगे जितना जायज़ होगा । और अगर बात बिगड़ती है तो हम प्लान को एकदम से बंद कर देंगे " ।

अंजली को खुशी की बात कुछ हद तक ठीक लगी तो उसने सिर हिला दिया ।

उन्होंने कुछ देर वहीं बैठकर आगे का प्लान सोचा और फिर अपनी अगली क्लास लगाने चले गए ।

पार्किंग में शिवाक्ष और अक्षत गाड़ी के बोनट से टिककर खडे थे ।

शिवाक्ष ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां बांधी हुई थी और उसके हाथों की नसें साफ उभरी हुई दिखाई दे रही थी ।

अक्षत ने गहरी सांस ली और बोला " हाथ देख अपने नसें दिखाई दे रही है.. कितना ज्यादा गुस्सा आ रहा है तुझे । और इसी गुस्से में तूने उसकी बाजू को इतनी जोर से पकड़ा था ना शिव... निशान तक पड़ गए थे... । क्यों करता है इतना गुस्सा ? " ।

" अक्षत तू ना सच में पागल हो गया है । तू अपने बारे में कुछ भी सुन सकता होगा.. लेकिन मैं तेरे बारे में कुछ नहीं सुन सकता। मुझे गुस्सा आता है और मैं इसका कुछ नहीं कर सकता । " शिवाक्ष ने सपाट लहजे में जवाब दिया ।

" ऐसा नहीं है कि मैं कुछ भी सुन सकता हूं शिव.... लेकिन वो जो कह रही थी वह गलत भी नहीं था । ये सच है कि मैं सही गलत जानता हूं लेकिन फिर भी जाने अनजाने गलत का ही साथ देता हूं.. । क्योंकि मेरे दोस्त ही गलत हो चुके हैं " अक्षत ने कहा तो शिवाक्ष आंखें छोटी करके उसे देखने लगा ।

" अरे मतलब , गलत तो गलत है ना शिव । और उसने मुझे जो कहा वो कहा , लेकिन उसके अलावा तेरा कोई और गुस्सा भी है जो तू निकाल रहा है "

" क्या मतलब ? "

" मतलब ये कि तू ऐसा क्यों चाहता है कि वो तुझ से सामने से बात करे और मदद मांगे । और अगर मदद नहीं करनी तो पीठ पीछे से मुझे इशारा करके फुटेज लाने का क्यों कहा । तू बोल कुछ और रहा है पर कर कुछ और रहा है "

शिवाक्ष गाड़ी से हटा और कमर पर हाथ रखकर अक्षत को घूरते हुए बोला " एक बात बता.. कहीं तुझे उससे प्यार तो नहीं हो गया ना.. ? कहीं ऐसा तो नहीं की तुझे वो पहली नजर से ही पसंद आ गई हो और.. इसीलिए तू हर बात पर उसे बचाता आ रहा है और इल्जाम मेरे सिर पर लाद रहा है । सच बता क्या चल रहा है.. " ।

अक्षत ने सुना तो वो भी अपनी कमर पर हाथ रखे शिवाक्ष के सामने खड़ा होते हुए बोला " ऐसा कुछ नही है शिव । मुझे उससे कोई प्यार नहीं हुआ है.. " ।

" अगर ऐसा नही है तो इतनी हमदर्दी क्यों है.. ? क्यों उसकी बातों पर गुस्सा नही आता.. । क्या तुझे वो अच्छी नहीं लगती " शिवाक्ष ने एक और सवाल उससे कर दिया ।

अक्षत ने गहरी सांस ली और बोला " पता नहीं.. पर उसकी बातें सही लगती हैं.. और हां ये सच है कि वो कहीं न कहीं मुझे अच्छी भी लगती है.. । और कोई अच्छा लगता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उससे प्यार हो गया है । अच्छा तो कोई भी लग सकता है ।

लेकिन अपने दिल में मैने सिर्फ एक लड़की को जगह दी है । और ये बात तू भी जानता है.. कि उसके अलावा मेरे दिल में किसी के लिए कोई जगह नहीं है.. " बोलकर अक्षत चुप हो गया ।

" हां वो मैं जानता हूं.. । पर इसके साथ का तेरा , मुझे समझ में नहीं आ रहा था.... इसलिए पूछ लिया.. " बोलते हुए शिवाक्ष ने अपनी जेब में हाथ डाल दिए और वापिस से गाड़ी से टिक गया ।

अक्षत भी वापिस से गाड़ी से टिक गया और सामने देखते हुए बोला " मेरा तो ऐसा कोई सीन नहीं है पर कहीं तुझे तो उससे प्यार तो नही हो गया ना.. " ।

शिवाक्ष ने सुना तो अक्षत को घूरते हुए बोला " क्या बक रहा है अक्षत.. । प्यार और वो भी उससे ! कभी नही । पर उसको छेड़ने में कसर नहीं छोडूंगा " ।

अक्षत हल्का मुस्कुराया और बोला " ऐसा लग तो नही रहा । उसके हाथ से खाना खाया और मुझे वीडियो रिकॉर्डिंग लाने का इशारा किया.. । तो ये सब छेड़ने में आता है क्या ? "

शिवाक्ष ने ठंडी आंह भरी और बोला " खाना खाया तो उसका एहसास भी मैने चुका दिया था । और रही बात रिकॉर्डिंग की तो वो मैने श्वेता के लिए मंगाई थी.. " ।

" ना मुन्ना ना.. झूठ नही बोलते.. । मुझे तो ये तक लग रहा है कि तू मुझसे भी ये प्यार वाली बात इसलिए पूछ रहा था ताकि तेरे रास्ते में कोई कांटा न आए.. " बोलते हुए अक्षत उसे हंसते हुए देख रहा था तो शिवाक्ष गुस्से से उसे घूरे जा रहा था ।

अक्षत ने दांत दिखाए और भोहें उचका दी ।


क्या काम करेगा प्रिंसिपल को डराने का प्लान ? क्या चल रहा है शिवाक्ष के दिल और दिमाग में ?

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