Devil se Mohhabat - 5 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 5

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Devil se Mohhabat - 5

लेकिन विराज ,,,उसे नहीं छोड़ता ,,,,जब तक वह उसके किस से,,,,सर्टिफाइड नहीं हो जाता ,,,,,लेकिन विराट उसकी फोटो को छोड़ उसके गर्दन पर आ जाता है,,,,जिसे महसूस कर अंजलि ,,,,के रोगते,,, खड़े होने लगी थी ,,,,,और वह  और भी ज्यादा छटपटाने लगी थी ,,,,,लेकिन लम्बी किस होने कि ,,,,,,,,वजह से ,,,, उसकी सासे फुलने लगी थी,,,,,,,,,,, उसे सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी, ,,,जिससे अंजलि खुद के सांसों को काबू पा,,,,विराज को खुद से दूर धक्का देते हुए,,,प्लीज मुजझे ,,,मुजझे दूर रहो

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Abb aage______

लेकिन विराज उसे नहीं छोड़ रहा था,,,  या यूं कहे,,,,,,वह उसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था,,,,,जिससे अंजलि जोर-जोर से रोने लगती है ,,,,,,की तभी विराज अंजलि की रोने की आवाज सुन,,,,,अपना सर ऊपर कर,,,,,अंजलि का चेहरा देखता है ,,,,,तो उसका पूरा चेहरा ,,,,आसुओ से भीगा हुआ था ,,,,,,जिसे देख,,,,वह कुछ देर बड़े गोर से अंजलि को देखता है ,,,,,,और फिर बगैर वक्त घबराए ,,,,,,वह अंजलि के ऊपर से उठ ,,,,,वहां से चला जाता है ,,,,,

और वही अंजलि विराट के कमरे से जाते ही,,,,,,बगैर  वह जल्दी से बेड पर बैठ खुद को खुद में समेट लेती है ,,,,,और भी जोर-जोर से रोने लगती है,,,,,, वह लगभग 5 मिनट ही रोई, होंगी,,,,,कि तभी उसकी नजर सामने दरवाजे पर जाती है,,,,,,,जिसे देख उसकी आंखों में चमक आ जाता है,,,,,,क्योंकि विराज जल्दबाजी में यहां से जाने के चक्कर में,,,,,वह दरवाजे बंद किए बगैर ही,,,,वहां से चला गया था ,,,

और रूही का हाथ भी खुला था,,,,,,जिससे अंजलि बगैर देरी कीये ही,,,,वह अपने पैरों की रफ्तार तेज कर,,,,,वह उस कमरे से,,,,,,बाहर निकल जाती है ,,,,,,वह इस वक्त जितना रोई थी,,,,उसे उतना ही ज्यादा खुश थी ,,,

कि अब वह आजाद हो जाएगी ,,,,,जिससे वह दौड़ते हुए,,,,,बस वहां से भागना चाहती थी ,,,,,,,और वही विराज के सभी गॉड्स भी इस वक्त ,,,,,अपनी चेयर पर बैठे ,,,,,,पहले पहर की नींद,,,,ले रहे थे ,,,,,,,जिसे देख अंजलि वह गार्डन,, की एरिया की तरफ जा ,,,,

वहीं पास में,,, पडे,,,,जितने भी थी,,, उन ईटों को इकट्ठा कर ,,,,,वह ऊंचा कर लेती है ,,,,और फिर उस पर चढ़,,,,वह जल्दी से,,,दीवार से कूद जाती है,,,,,और वहीं दूसरी तरफ खुद से ,,,,वहां पर कई सारे पत्थर थे ,,,,,जिससे वह  अंजलि के पैरों पर जा लगते हैं,,,, 

लेकिन वह अपने दर्द  प्रभाव कीये बगैर,,,,वहां से भागने लगती है ,,,,,उसके  पैर से ,,,,खून भी बह रहे थे,,,,,लेकिन फिर भी वह ,,,,,बस वहां से भागी जा रही थी,,,,,,इस वक्त उसके चेहरे पर दर्द ,,,,,और दिल में एक खुशी के एहसास थी,,,,,,,कि वह वहां से आजाद हो गई है ,,,,,,और वही विराज ,,,,,जो अपने कमरे में,,,,,,,सबसे पहले शॉवर लेने चला जाता है,,,,,क्योंकि उसे एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी ,,,अंजलि के करीब जाकर ,,,

जिसे वह शावर के नीचे कम करना चाहता था ,,,,,वह लगभग आधे घंटे बाद ,,,,बाहर आता है,,,,,तब तक 4:00 बज चुके थे ,,,,,जिससे वह सीधा,,,,जिम चला जाता है ,,,,,,और फिर वह कुछ टाइम बाद,,,,,,

वह वहा से,,,,नीचे की तरफ आता है,,,,,,कि तभी उसकी नजर एका एक अंजलि के कमरे की तरफ चली जाती है,,,,,,जो की खुला था ,,,,,जिसे देख विराज की आंखें छोटी हो जाती है,,,,,,,और फिर वह अपने लंबे कदमों से,,,,,अंजलि के कमरे की तरफ चला जाता है,,,,,लेकिन वहां अंजलि को ना पा ,,,,,वह अपने दांत पीसते हुए,,,,,तुमने सही नहीं किया अंजलि ,,,,,मेरी कैद से भाग कर ,,,,,जिसका हरजाना तुम्हें,,,, भुगतना,, होगा,,,,, यह कहें वह लंबी कदमों से,,,,वह ,,,अपने किसी दूसरे रूम में चला जाता है

और वह  वहां से ,,,,लगभग 10 मिनट बाद ,,,बाहर आ,,,,सीधा गाडन एरिया जाता है ,,,,,जहां पर से अंजलि  भागी थी ,,,,,,,जिसे देख ,,,,वह मुस्कुराते हुए,,,,,,इतना आसान नहीं है ,,,,,,विराज की कैद से,,,,भागना,,,,,यह कहैं ,,,,,,वह अपनी कार ले,,,,,असली को ढूंढने चला जाता है

क्योंकि यह जंगली इलाका था ,,,,,क्योंकि यहां आना तो आसान था ,,,,,लेकिन जो इंसान जानता नहीं है,,,,,उसे यहां से निकलना आसान नहीं था,,,,,जिससे जंगल की एरिया के पास ले जा,,,,वह कार रोक,,,, अपने कदम जंगल की तरफ बढ़ा देता है ,,, 

और वही अंजलि तो भागे जा रही थी ,,,,उसे इस वक्त,,,,बहुत डर लग रहा था,,,,,एक तो पीछे से विराज से,,,,और आगे उसे जंगल से ,,,,लेकिन फिर भी वह जंगल को गले लगाए,,,,भागे जा रही थी 

उसे नहीं पता,,,,कि आगे जाकर,,,,उसका क्या होगास,,,,लेकिन उसे किसी भी हालत में,,,,,,अपने घर पहुंचना था,,,,अपने डैड से अपने भाई से मिलना था

 की तभी वह,,,,,किसी पत्थर से,,,,जा टकराती है,,,,,,जिससे वह सीधा जमीन पर जा ,, गिरती है ,,,,और उसके घुटनों से खून बहने लगता है, ,, जिससे वह अपने डैड का नाम ले,,,,चिख पड़ती है ,,,,,क्योंकि उसने जिंदगी में कभी एक,,, खरोच तक नहीं हुआ था,,,,क्योंकि वह एक फूल की गुड़िया की तरह ,,,सजा कर रखी गई थी ,,,,उसे उसके बाप,,,,,और भाई ने,,,,,उसे बहुत प्यार दिया था 

,,,,जिससे वहां हिम्मत जुटा ,,आगे की तरफ बढ़ती जा रही थी ,,,की तबीयत उसे एक नदी सा दिखता है,,,,,जिससे देख वह,,,,अब में क्या करूं,,,,क्या करूं कि तभी,,,,उसे शेर की दहाड़ने की आवाज सुनाई देती है ,,, 

जिसे सुन ,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,और फिर वह उसी रास्ते दौड़ने लगते हैं ,,,,जिस रास्ते वहां,,,,,,यहां तक आई थी,,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,, 

जिससे वह अपनी पूरी हिम्मत जुटा,,,,आगे जा रहे थे,,,,,लेकिन उससे,,भागा नहीं जा रहा था,,,,क्योंकि उसके घुटनों से खून बह रहा था ,,,,

की तभी उसे,,,,,अपने थोड़े से दूर पर,,,,शेर दिखाई देता है ,,,,,,जिसे देख ,,,,,हक लाते हुए ,,,,पीछे की तरफ धीरे-धीरे पीछे की तरफ जाने लगती है ,,,,क्योंकि,, इस वक्त वह बहुत ही ज्यादा डरी हुई थी ,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,,,और उसके सामने ही,,,, उसकी मौत,,,खड़ा था,,,,,उसे यह तो उम्मीद थी,,,,,,की विराज के हाथों क्या पता,,,वह बच जाती ,,,,,, लेकिन शेर की आगे,,, वह कभी नहीं बचेगी,,, 

उसे नहीं पता विराज कैसा इंसान था,,,,,लेकिन फिर भी ,,,,,,इस वक्त ,,,, विराज को याद कर रही थी,,,,,की तभी वह शेर अपने कदम अंजलि की तरफ बढ़ाने लगता है ,,,,,और वही अंजलि इस तरह जमीन पर बैठे ,,,,पीछे की तरफ खिसक रही थी ,,,,,कि तभी उसे, ,,अपने पीछे किसी की आहाट सुनाई देती है ,,,,,जिसे सुन,,,, वह अपना सर पीछे कर देखती है ,,,,,तो उसके पीछे कोई और नहीं विराज था,,,, 

जिसे देखो बगैर देरी कीए ,,,, वह दौड़ते हुए ,,,,सीधे विरात के गले जा लगती है,,,,,वह उसी के गले लगी थी,,,,,जिससे वह,,,,,थोड़ी देर पहले ,,,,भाग कर यहां आई थी,,,,,,वह उसे इस तरह टाइट से पकड़ी थी ,,,,,कि जैसे वह उसे कहीं छोड़कर चला जाएगा,,, 

और वही विराज,,जो अपनी आंखों में गुस्से के ,,,लावा लिए ,,,,अंजलि को देख रहा था,,,,उसे बाजुएँ से पकड़ ,,,उसे खुद से दूर कर ,,उसे खींच के चांटा लगाता है ,,,और उसके होटो से खून बहने लगता है,,, 

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,,वहां से भागने की ,,,,तुम्हें मरने का बहुत शौक है ना,,,,तो ठीक है मारो ,,,,इसी जंगल में ,,,,भागना ना भागो ,,,,जितना भागना है भागो ,,,,,यह कहे वह पीछे ,,, मुर्ड अंजलि को बगैर ध्यान दिए ,,,,,,वह वहां से जाने लगता है ,,,

और वही अंजलि एक नजर शेर को देख,,,जो वहीं पर खड़ा  था,,,,वह जमीन से उठते हुए ,,,,एक बार अपने गालों को ,, सहला,,,वाह,,,, जमीन पर से उठे दौड़ते हुए,,,,विराज के पास चली जाती है ,,,,और फिर उसका हाथ पकड़ ,,,,मैं नहीं भागूंगी ,,,,,पर मुझे इस तरह शेर के पास मत छोड़ो,,,,,प्लीज प्लीज मुझे मार देगा ,,,,मैं अभी मरना नहीं चाहती,,मुझे मुझे जीना है ,,,,प्लीज मुझे यहां छोड़कर मत जाओ,, 

यह कहते हुए ,,,वह बार-बार उसका हाथ पकड़ रही थी,, 

और वहीं विराज ,,,, उसे धक्का दे,,,,जमीन पर दोबारा गिराते हुए ,,,,,,तुम मरोगी,,,,,क्योंकि मैं भी तुम्हें नहीं बचाने वाला,,,,बहुत शौक है ना तुम्हें मरने का ,,,,,तो जाओ मरो,,,,,लेकिन मुझे उम्मीद मत करना ,,,,, कि मैं तुम्हें बचाऊंगा ,,,,यह कह वह  वह वहां से जाने लगता है

,, जिसे सुन अंजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,जिससे वह अपने नंम  आंखों से ,,,,एक नजर विराज को देख,,,,दोबार  शेर की तरफ देखती है ,,,

जो कि वह अपने कदम उसी की तरफ बढ़ा रहा था  ,,,, जिसे देख ,,,,,अंजलि की सांस रुक से गई थी,,,,,की वह शेर ,,अंजली के बिल्कुल नजदीक का जाता है,,,,और फिर वह दहाड़ते हुए ,,,,, और फिर,,,वह शेर दहाड़ते हुए, , ,,अंजलि के बिल्कुल करीब पहुंच जाता है

शेर को अपने इतने पास देख अंजली, की तो ,, जैसे सांस ही रुक गई थी

 आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि कल क्या होने वाला है क्या अंजलि कुछ देर से बचेगी या फिर यहीं खत्म हो जाएगी अंजलि की कहानी