Dhundh : The Fog - A Horror love story - 23 in Hindi Horror Stories by RashmiTrivedi books and stories PDF | धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 23

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धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 23

क्रिस के पूछे गए हर सवाल का जवाब अशोक के पास था। उसने अपने आप को संभालते हुए कहा,"जब पहली बार तुम लोगों ने मुझे क्रिस्टीना की मौजूदगी और उस टैटू के बारे में बताया था,उसी दिन से मुझे पता था कि एक न एक दिन ऐसा ज़रूर होगा। मुझे उस रूह का सामना करना ही पड़ेगा और यही वजह थी कि बेकसूर होते हुए भी मैं अपने हाथ पर बने इस जहाज के चित्र को छुपा रहा था।"

"मगर यह कमाल की बात है कि इससे पहले मैंने कभी आपके हाथ पर इसे नहीं देखा!",क्रिस ने कहा। 

अशोक ने उसकी ओर देख कहा,"इसमें हैरानी की कोई बात ही नहीं है। दरअसल यह टैटू मैंने पिछले महीने ही बनवाया है और शायद इसीलिए आपकी कभी इस पर नज़र नहीं पड़ी। बात ऐसी है कि पिछले महीने मेरे भांजे ने यहाँ गोवा में एक नया टैटू पार्लर खोला है। मैं उससे मिलने और उसे बधाई देने उसके इस पार्लर में गया था। 

मैंने अपने भांजे को उपहार स्वरूप कुछ देना चाहा लेकिन उसने मना कर दिया। उसकी एक ही ख्वाहिश थी कि मैं उसका सबसे पहला ग्राहक बनूँ। मैंने उसे लाख समझाया, मैं टैटू बनावाने का शौक़ीन नहीं हूँ,मुझसे यह नहीं होगा मगर वह माना ही नहीं। 

फिर उसकी ही ज़िद पर मैं यह टैटू बनवाने के लिए मान गया था। लेकिन मुझे क्या पता था कि इसके रूप में मैं एक मुसीबत मोल ले रहा था! जब आप लोगों ने मुझे बताया कि क्रिस्टीना के क़ातिल तक पहुँचने की एक मात्र कड़ी यह टैटू ही है तो मैं और भी डर गया। मेरे पास इसे छिपाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था बस इसीलिए इसे छिपाता रहा।

अशोक की बात सुन सभी कुछ देर शांत हो गए जैसे हर कोई कुछ सोच रहा हो। 

तभी अतुल ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा,"आज के इस वाक़िये से एक बात तो समझ में आ गई और वो यह कि हमें अपनी तफ़्तीश का रूख बदलने की ज़रूरत है।"

वेनेसा ने पूछा,"क्या कहना चाहते हो?"

"मैं कहना चाह रहा हूँ कि सिर्फ़ एक टैटू के ज़ोर पर हम क़ातिल को नहीं ढूँढ सकते। हमें कुछ और भी सबूत ढूँढ़ने पड़ेंगे!"

उसकी बात सुन शिवाय ने कहा,"मैं अतुल की बात समझ रहा हूँ। ज़रा सोचो, गोवा में कितने सारे टैटू पार्लर्स हैं। हररोज़ कितने ही लोग टैटू बनावाते होंगे और फिर यह समुद्री जहाज़ वाला टैटू तो काफ़ी फेमस है। इसे तो कितने ही लोगों ने बनवाया होगा। ऐसे में क़ातिल को सिर्फ़ इससे पहचानना ज़रा मुश्किल है।" 

"बिल्कुल सही! यह तो अच्छा हुआ कि हम लोग सब अशोक अंकल के पास ही थे और हमने उन्हें वक़्त रहते बचा लिया मगर हर बार ऐसा होना मुश्किल है। ऐसे तो कोई बेगुनाह बेमौत मारा जाएगा!", अतुल ने कहा। 

शिवाय ने भी उसका साथ दिया,"और ऐसा ना हो,इसके लिए हमें कोई न कोई और सबूत भी ढूँढ़ने ही पड़ेंगे।"

तभी जेनेट ने उसकी ओर देख पूछा,"मगर हमें और सबूत मिलेंगे कहाँ से? यह तो इतनी पुरानी वारदात है। मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है। हाँ मगर, एक बात हो सकती है अगर हम जान ले कि क्रिस्टीना की मौत की वजह क्या थी तो शायद कोई सिरा हाथ लग जाए!"

आगे वेनेसा ने कहा," क्रिस...मेरे ख़याल से तुम्हें क्रिस्टीना से एक बार फिर बात करनी होगी। अब वही हमें कोई न कोई सुराग ढूँढने में मदद कर सकती है।"

"आय नो वेनेसा,मैं ख़ुद भी यही सोच रहा था। मुझे उसे उसके माँ के बारे में भी कई सारी बातें पूछनी है लेकिन तुम लोगों ने देखा न, अशोक अंकल के वाक़िये से वह भी काफ़ी दुखी हो गई है। 

खैर, जो भी हो... देर से ही सही कोई न कोई रास्ता हमें ढूंढ़ना ही पड़ेगा। थैंक गॉड कि अशोक अंकल ने अपने टैटू में अपने नाम के इनिशियल्स का इस्तेमाल करवाया। जिससे हम फ़र्क समझ पाए और उनकी जान बच गई। वरना आज यहाँ बहुत कुछ बुरा हो सकता था।", क्रिस ने कहा। 

बातों बातों में जेनेट ने अपनी घड़ी की ओर देखा। रात के दस बज चुके थे। उसने कहा,"यार इट्स टेन ओ क्लॉक ऑलरेडी! आज तो पूरा दिन कैसे बीता पता ही नहीं चला। सॉरी गाइज लेकिन मुझे अब घर जाना है। 

"हाँ मुझे भी।", वेनेसा ने कहा। 

"ओके दोस्तों, मैं ड्राइवर से कहता हूँ। वह तुम सबको घर छोड़ आयेगा! कल मिलते हैं।", क्रिस ने उन दोनों को देख कहा। 

"कल मैं नहीं मिल पाऊँगी। वजह मैं बता चुकी हूँ। मॉम को अपसेट नहीं करना चाहती। बट यू ऑल कंटीन्यू और आगे कुछ भी पता चले तो मुझे ज़रूर बताना। वैसे मैं जेनेट के कनेक्ट में रहूँगी। ओके क्रिस, प्लीज टेक केअर, अब हम सब चलते हैं। अशोक अंकल, अब आप भी रेस्ट कर लीजिए और अब आपको अपना टैटू छुपाने की भी कोई ज़रूरत नहीं है।"

वेनेसा की बात सुन अशोक के साथ साथ बाकी सब लोगों के चेहरे पर भी सुकून की एक मुस्कान आ गई। विला से बाहर निकलते हुए वेनेसा ने जेनेट को एक तरफ़ ले जाते हुए कहा," जेनी, मैं कल तुम लोगों के साथ नहीं रहूँगी लेकिन तुम प्लीज क्रिस का ध्यान रखना। ख़याल रखना कि वह किसी भी बड़ी मुसीबत में न पड़ें!"

उसकी बात सुन जेनेट ने मुस्कुराते हुए कहा,"वो तो ठीक है लेकिन मुझे एक बात बताओ, तुम अपने दिल की बात उसे कब बताने वाली हो? क्या तुम्हें नज़र नहीं आ रहा है वो एक रूह से दिल लगाए बैठा है। उसके ऊपर एक आत्मा के प्यार का भूत सवार है!"

वेनेसा ने उससे कहा,"शट अप! फ़िजूल बात मत करो। यह सही वक़्त नहीं है उससे अपनी दिल की बात कहने का। वैसे भी क्रिस्टीना वाली बात का मुझे बिल्कुल भी टेंशन नहीं है। क्यूँकि मैं जानती हूँ कि जैसे ही उसका क़ातिल पकड़ा जाएगा,उसकी रूह को शांति मिल जाएगी और उसे इस जहान से मुक्ति मिल जाएगी। क्रिस चाहकर भी उसे रोक नहीं पायेगा।"

"और अगर ऐसा नहीं हुआ और वह यहाँ से नहीं गई तो?", जेनेट ने पूछा। 

"ऐसा नहीं होगा, वो एक अच्छी आत्मा है। वो ऐसा नहीं कर सकती है!"

वेनेसा की बात सुन जेनेट ने कहा,"ओके देखते हैं क्या होता है। अभी तो चलो घर,बहुत देर हो गई है।"

उसके बाद वह चारों ड्राइवर के साथ क्रिस की गाड़ी में बैठ पैराडाइस विला से अपने अपने घर की ओर निकल गए।

क्रमशः 

रश्मि त्रिवेदी