Bairy Priya - 9 in Hindi Love Stories by Anjali Vashisht books and stories PDF | बैरी पिया.... - 9

Featured Books
Categories
Share

बैरी पिया.... - 9

शाम का वक्त :


संयम जब कमरे में वापिस आया तो उसकी नज़र सोफे पर सो रही शिविका पर ठहर गई ।


शिविका की एक बाजू सोफे से नीचे लटक रही थी । संयम के कदम अपने आप ही उसकी ओर बढ़ गए । संयम ने उसे ठीक से सुलाया और कुछ पल देखकर वाशरूम की ओर चल दिया ।


संयम जब वापिस आया तो शिविका फिर से वैसे ही बाजू लटका कर सो रही थी ।


" Silly girl " बोलकर संयम ने कुछ देर उसे घूरा और फिर कुछ सोचते हुए कमरे से attached स्टडी रूम में चला गया । फिर रात उसने वहीं गुजार दी ।




°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°


सुबह का वक्त :


संयम सुबह सुबह जिम चला गया था । शिविका की नींद पेट में उठ रहे दर्द से खुली । शिविका उठ कर बैठ गई । अब भूख बर्दाश्त के बाहर थी ।


" यहां तो लगता है कि ये राक्षस भूखा ही मार डालेगा... । पर अब तोो येे भी लगता है कि इसके मारने से पहले मेरे पेट के भूखे खूंखार चूहे मेरे पेट को ही खाना शुरू कर देंगे... " बोलते हुए शिविका उठी और शिविका दरवाजे के पास गई ।




Door लॉक्ड था और बिना संयम के फिंगर सेंसर के खुलने भी नहीं वाला था तो शिविका नीचे किचन में किसी भी हालत में नहीं जा सकती थी । शिविका ने कमरे में नजरें दौड़ाई तो वहां के बाकी अटाचेड doors नॉर्मल लग रहे थे । उनपर कोई फिंगर सेंसर भी नहीं लगाया गया था ।


शिविका एक दरवाजा खोलकर अंदर गई तो वो एक बड़ा सा कमरा था जिसको देखकर लग रहा था मानो कपड़ों की दुकान हो । तरह तरह के डिजाइनर mens सूट वहां पर रखे हुए थे ।


और कई सारे wardrobes थे जो काफी बड़े थे और जिनमें ना जाने कितने सारे कपड़े भरे हुए होंगे ।
" दुनिया भर में कपड़ों की सप्लाई यही से जाती है क्या.... ??? " बोलते हुए शिविका चारों ओर देखने लगी ।


वहां पर कुछ काम का ना पाकर शिविका बाहर निकल गई । फिर दूसरे दरवाजे को खोला तो वो एक study room था । जहां बोहोत सी बुक शेल्फ्स रखी हुई थी और उनमें किताबों के साथ साथ बोहोत सी फाइल्स भी रखी हुई थी ।


शिविका ने अंदर step in किया तो उसके पैरों की आवाज तक गूंजने लगी । इतनी ज्यादा अजीब सी शांति से शिविका को घबराहट होने लगी थी । कमरे में ज्यादा रोशनी नहीं थी । बस एक पीले और दो लाल रंग के बल्ब जल रहे थे । बाकी सब अंधेरा था । सुबह हो चुकी थी लेकिन कुछ खास रोशनी उस कमरे तक नही पहुंच रही थी ।




शिविका को लग रहा था मानो किसी भूत बंगले में चल रही हो.... । सामने देख कर चलते हुए वो नीचे रखे स्टूल के टकरा गई और स्टूल गिर गया । अचानक से किसी चीज के टकराने से शिविका घबरा गई ।


शिविका ने आगेे बढकर देखा तो दीवारों पर कई सारी फोटोज लगाई गई थी और उनपर लाल मार्कर से क्रॉस का निशान लगाया हुआ था ।

कुछ पर पेपर pins 📌 लगाई गई थी और कुछ पर knifes चुभाए हुए थे । सब कुछ सिस्टेमेटिक लग रहा था । पर क्या था ये शिविका को समझ में नहीं आ रहा था ।


शिविका सब फोटोज को देखने लगी । आगे बढ़ते हुए शिविका ने देखा कि एक किताब को सबसे अलग रखा हुआ था । शिविका उस किताब की ओर चल दी ।


शिविका आगे बढ़ी ही थी कि तभी उसेेेे अपने पीछे किसी की प्रेजेंस फील हुई । शिविका कुछ समझ पाती इससे पहले ही किसी ने पीछे से उसे पकड़ लिया । शिविका की चीख निकल गई और वो घबरा गई । शिविका ने आंखें कसकर बंद कर ली ।




वो समझ चुकी थी कि यहां संयम के सिवाय और कोई नही आ सकता । उसे महसूस हो रहा था कि पीछे खड़ा शख्स बोहोत गुस्से में है । शिविका अब पीछे देखने से भी डर रही थी ।


संयम उसके कान के पास आकर बोला " क्या हुआ... ?? मेरी छुअन रास नहीं आ रही क्या.... ?? Oh.... शायद तुमने उस 60 साल के बूढ़े की छुअन को एक्सपेक्ट किया होगा...। राइट.... !! लेकिन मिल गया एक 25 साल का नौजवान... । तो थोड़ा अजीब तो लगेगा ही ना.... " बोलते हुए संयम ने शिविका को अपनी ओर घुमाया और उसकी कमर मेंें हाथों की उंगलियां जोर से धंसा ली ।


शिविका के हाथ संयम के सीने पर चले गए । संयम अभी जिम से आया था तो वो sweat कर रहा था वो इस वक्त शर्टलेस था और उसने सिर्फ लोअर पहनी हुई थी । संयम के हाथ उसकी कमर से चढ़ते हुए उपर की ओर आने लगे । शिविका की धड़कने तेज हो चुकी थी । संयम ने उसकी नाक से नाक जोड़ ली ।

संयम की सांसें शिविका के चेहरे पर पड़ने लगी । शिविका सिहर उठी । संयम दांत पीसते हुए बोला " मुझे लगा तुम्हारे पैरों में दर्द होगा... तो तुम ठीक से चल भी नहीं पा रही होगी... । लेकिन तुम तो बोहोत आराम से यहां से वहां घूमे जा रही हो... और इन्वेस्टिगेशन कर रही हो.... " बोलते हुए संयम का लहजा बोहोत सर्द था । शिविका ने सिर पीछे करके उसकी आंखें देखी तो उसके रोंगटे खड़े हो गए । उस माहौल में किसी को भी डर से goosebumps आ सकते थे ।




" But Don't worry.... मैं हूं ना... " बोलते हुए संयम ने शिविका के पैर पर अपना पैर रखा और उसके पैर को मसलने लगा ।


शिविका को दर्द हुआ तो वो चीखने लगी लेकिन संयम ने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे चुप करा दिया । और उसके बालों को एक हाथ से कसकर पकड़ लिया । उसका दूसरा हाथ शिविका की पीठ को कसे हुए अपनेे सीने की ओर दबाए हुए था ।




वो उसे forcefully और पैशनैटली kiss करने लगा । और साथ ही साथ वो उसके दूसरे पांव को भी मसलने लगा । शिविका छटपटाए जा रही थी लेकिन संयम ने उसे नही छोड़ा ।


शिविका के पैरों के घाव छिलने से पट्टी लगी होने के बावजूद फ्लोर पर खून की बूंदे गिरने लगी और फ्लोर पर स्टेंस पड़ गए । संयम ने शिविका के होंठों को छोड़ा और उसके चेहरे को देखते हुए बोला " i hate noice... " । शिविका का चेहरा बोहोत डरा और सहमा हुआ थाा । वो उखड़ी उखड़ी सी सांसें ले रही थी । संयम को ये डर अच्छा लग रहा था । शिविका ने नजरें फेर ली... ।


"आइंदा जहां मैं ना बोलूं.. वहां मत जाना समझी..... " बोलते हुए संयम ने उसके चेहरे को अपने सामने किया । शिविका ने कुछ नही कहा तो संयम ने उसके बालों को कसकर पकड़ लिया ।


शिविका की आह निकल गई । संयम ने बोहोत सर्द आवाज में फिर पूछा " समझी या नहीं... ?? " ।


शिविका ने हान में सिर हिला दिया.... ।


संयम ने आई रोल की और फिर उसे गोद में उठाकर बाहर ले आया । शिविका ने संयम की पीठ पर हाथ लपेटे हुए थे । दर्द होने की वजह से उसने संयम की पीठ को कसकर पकड़ा हुआ था ।


शिविका डर और दर्द से सिसक रही थी । एक तो संयम ने कल उसे कांच पर चलवाकर चोट दी थी फिर मरहम लगाया था और आज फिर से उसी चोट को कुरेद भी दिया था । शिविका को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा उसने क्या कर दिया है जो संयम उसके साथ इस तरह का बिहेव कर रहा है ।


संयम शिविका को बाहर लाया और सीधा लेकर लिफ्ट में चला गया । शिविका उसके चेहरे को एकटक देखने लगी ।


लिफ्ट सीधी जाकर ग्राउंड फ्लोर पर रुकी । संयम उसे लेकर आगे बढ़ गया । और फिर से उसी डॉक्टर के केबिन में ले गया । अंदर आते ही शिविका को किसी के जोर जोर से चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई देने लगी ।




संयम ने शिविका को चेयर पर बैठा दिया । तभी तुरंत एक डॉक्टर वहां पर आ गया । ये वो डॉक्टर नही था जिसने कल शिविका को पट्टी की थी बल्कि कोई और ही डॉक्टर था । उस डॉक्टर के माथे से पसीना बह रहा था । मानो वो किसी बात से बुरी तरह से डरा हुआ हो ।


उसने जल्दी से शिविका के पांव से पट्टी निकाली और उसपे दवाई लगाकर नई पट्टी करने लगा ।


संयम का फोन रिंग हुआ तो वो कॉल answer करने लगा ।


शिविका ने दबी हुई सी आवाज में डॉक्टर से पूछा " ये चिल्ला कौन रहा है डॉक्टर... और इतनी बुरी तरह से क्यों चिल्ला रहा है ??? " ।


डॉक्टर ने घबराते हुए शिविका को देखा और फिर संयम को देखने लगा । फिर शिविका को देखते हुए धीमे से बोला " वो पिछले डॉक्टर ने SK के साथ कोई गद्दारी की थी तो SK उसको सजा दे रहे है । " ।
बोलते हुए डॉक्टर दूसरे पांव की पट्टी करने लगा ।




शिविका को वो आवाज़ें बोहोत दर्दनाक लग रही थी । ना जाने किस गद्दारी की सजा संयम उस डॉक्टर को दे रहा था ।


शिविका ने एक बार फिर से पूछा " वैसे क्या सजा दे रहे हैं.... ??? " ।


शिविका के पूछने पर डॉक्टर घबराते हुए बोला " वो उनके पांव में कांच को चुभाया जा रहा है वो फिर खींच कर निकाला जा रहा है... " बोलते हुए डॉक्टर की जुबान भी लड़खड़ा गई ।


शिविका की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई । उसे समझ में आ गया कि आखिर संयम किस गद्दारी की सजा उस doctor को दे रहा है । ये सब शिविका की कल की हरकत का नतीजा है जो आज वो बेचारा डॉक्टर भुगत रहा है ।




जबकि उस डॉक्टर ने तो कुछ किया भी नही था जो भी किया था वो शिविका ने ही किया था । लेकिन संयम उसकी ऐसी सजा उस डॉक्टर को दे रहा था ।




शिविका ने मुट्ठी कसकर बांध ली । बेचारे डॉक्टर को शिविका को कुछ पल के दर्द से बचाने में मदद करने की ऐसी सजा मिल रही थी । यहां तो किसी की मदद करना भी गुनाह था । शिविका डॉक्टर की मदद करना चाहती थी लेकिन उसे कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर वो कर क्या सकती है ।

----------------------------------------

Sarita यार 5 जुलाई तो आया भी नही है । किस एपिसोड की बात कर रहे हो ।