Bairy Priya - 6 in Hindi Love Stories by Anjali Vashisht books and stories PDF | बैरी पिया.... - 6

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बैरी पिया.... - 6

शिविका ने लिफ्ट में आकर नीचे का बटन दबाया तो लिफ्ट आकर ग्राउंड फ्लोर पर रुकी । सुबह हो चुकी थी तो हर तरफ उजाला था और विल्ला के अंदर भी रोशनी आ रही थी तो सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था ।


रात के समय वो विला जितना खतरनाक दिख रहा था उतना डरावना अभी वो नहीं लग रहा था ।

शिविका नेे एक गहरी सांस ली और शिविका लिफ्ट से बाहर आ गई । जैसे ही उसने लिफ्ट से स्टेप आउट किया एक रेड लाइट से उसके आगे एक रास्ता बन गया । मानो शिविका को डायरेक्शन दी जा रही हो कि अब इस दिशा में उसे जाना है ।

शिविका ने आस पास देखा तो उसे कोई नजर नहीं आया । फिर उसने उस red light को फॉलो करना ही सही समझा । रास्ता फॉलो करते हुए शिविका एक डाइनिंग एरिया में पहुंच गई जहां डाइनिंग टेबल की मुख्य चेयर ( आर्मचेयर ) पर संयम पहले से ही बैठा हुआ था । किसी के चलने की आवाज सुनकर उसने नजरें उठाकर देखा तो उसकी नजर शिविका पर ठहर गई ।


ग्रीन 💚 आउटफिट , प्यारा सा चेहरा और उसपे बड़ी बड़ी पलकें , साथ ही कमर तक झूलते हुए लंबे बाल... । शिविकाा उसकी नजरें इस तरह से अपने उपर पाकर ठिठक सी गई । उसे समझ नही आया कि आखिर संयम उसे ऐसे क्यों घूर रहा है ।


एक पल को संयम पलकें झपकाना ही भूल गया था । फिर सीरियस एक्सप्रेशंस के साथ उसने शिविका को उसके बगल वाली चेयर पर बैठने का इशारा किया ।


शिविका आकर उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गई । संयम ने तीन बार चुटकी बजाई तो 3 से 4 सर्वेंट्स हाथों में डिशेज उठाए वहां पर आ गए और टेबल पर सब रख दिया ।


सब बर्तन ढके हुए थे इसलिए शिविका को दिख नही रहा था कि उनमें क्या बनाया हुआ था । शिविका ने अपने होंठ को lick कर लिया । उसे बोहोत भूख लग रही थी ।


शिविका ने अपने सामने रखी प्लेट सीधी की और बर्तन के उपर की प्लेट हटाकर देखने लगी कि इतने में संयम ने अपना गला साफ किया । शिविका के हाथ हवा में ही रुक गए ।


उसने संयम की ओर देखा तो संयम उसे ही घूरे जा रहा था । शिविका ने हाथ वापिस पीछे खींच लिए ।
संयम ने सर्वेंट को उंगली से इशारा किया तो वो डिशेज के उपर से प्लेट्स हटाने लगे ।


डिशेज को देखते देखते शिविका के चेहरे के भाव बदलने लगे ।


" ये.. ये सब क्या है.... ?? " बोलते हुए शिविका ने अजीब सा मुंह बना लिया ।


" Explain to her... " बोलते हुए संयम ने सर्वेंट को उंगली से इशारा किया ।


सर्वेंट ने सिर हिलाया और उंगली से प्वाइंट आउट करते हुए बोलने लगा " मैम ये करेले का सूप.. , करेले की चटनी , करेले की सब्जी , करेले का आचार , करेले का हलवा , करेले की बर्फी , भरवा करेले , करेले के पकौड़े... और करेले का जूस.... " सर्वेंट ने बिना रुके शिविका को सारी डिशेज के बारे में बता दिया । उसके चेहरे के भाव बताते वक्त बिल्कुल स्ट्रेट थे ।


सब कुछ करेले का है ये तो शिविका को भी पता था । उसने डिशेज के नाम जानने के लिए नहीं पूछा था बल्कि उसे ये जानना था कि इतना सब कुछ सिर्फ करेले का ही क्यों बनाया गया था । जहां देखो वहां करेला रखा हुआ था । शिविका को ये सब देखकर ही तबियत खराब होने लगी थी ।


शिविका संयम को देखने लगी । संयम ने एक नज़र उसपर डाली और फिर सर्वेंट को उसे सर्व करने का इशारा किया ।


सर्वेंट शिविका की प्लेट में सारी डिशेज थोड़ी थोड़ी डालने लगी । प्लेट में कई सारे सांचे थे इसलिए एक साथ 8 से 10 डिशेज उसमे आ सकती थी ।


शिविका ने सर्वेंट को सब कुछ परोसते देखा तो शिविका ने प्लेट के उपर हाथ रखकर उसे और डालने से मना करते हुए कहा " बस बस... काफी है... । और वैसे भी मुझे कुछ खास भूख नही है तो मैं खाऊंगी भी नही... " बोलकर शिविका फीका सा मुस्कुरा दी ।


हालांकि उसे बोहोत भूख लग रही थी लेकिन करेला उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं था । उसे खाने से अच्छा वो भूखा रहना पसंद करे ।


शिविका उठने लगी तो संयम ने टेबल पे जोर से हाथ रखा । शिविका उसे देखने लगी ।


" कोई टेबल से बिना खाना खाए उठे.. मुझे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं... " बोलते हुए संयम ने शिविका को तिरछी नजरों से देखा ।


शिविका उसकी डरावनी नजरें अपने उपर पाकर फिर से जल्दी से कुर्सी पर बैठ गई ।


संयम के एक इशारे पर सर्वेंट ने एक ग्लास में करेले का जूस भरकर शिविका की ओर बढ़ा दिया ।


" Drink it.... " बोलते हुए संयम कुर्सी पर लीन हो गया ।


शिविका बेचारी निगाहों से जूस के गिलास को देखने लगी और फिर लाचार नजरों से उसने संयम को देखा । संयम के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे ।


शिविका ने घबराते हुए दबी हुई सी आवाज में कहा " मैं बाद में पी लूंगी... " ।


" Do i have to repeat... " बोलते हुए संयम लगभग घुर्राई आवाज में कहा ।

शिविका ने जल्दी से गलास उठाया और होंठों से लगा लिया ।


फिर आंखें बंद करके वो पीने लगी तो दो तीन घूंट पीने के बाद ही उसे उल्टी आ गई । शिविका जल्दी से किचन की ओर भाग गई । हालांकि उसे नहीं पता था कि किचन कहां है लेकिन उसने जिस डायरेक्शन से सर्वेंट्स को आते देखा था वो उसी डायरेक्शन में भाग गई । संयम के चेहरे पर तिरछी मुस्कान एक गई ।


Wash basin के पास आकर शिविका ने वॉमिट कर दिया । बाहर से लेकर उसने वॉमिट रोक रखी थी । तो उसकी आंखें भी लाल पड़ चुकी थी । वो गहरी सांसें लेने लगी ।

शिविका ने पानी से चेहरा साफ किया और पीछे मुड़कर देखा तो सर्वेंट हाथ में juice का ग्लास लिए खड़ा था । शिविका हैरान सी उसे देखने लगी । क्या वो अभी भी शिविका को juice पिलाने पर तुला हुआ था ???? ।


शिविका ने कुछ बोलना चाहा कि इतने में उसकी नज़र पीछे खड़े संयम पर पड़ी ।


संयम उसके पास आया और juice का ग्लास अपने हाथ में पकड़ लिया ।


शिविका गुस्से से भर चुकी थी । लेकिन संयम को कुछ बोल नही पा रही थी । संयम इस तरह का बिहेव क्यों कर रहा था ??? । आखिर शिविका ने उसका क्या बिगाड़ा था ??? । और संयम येे सब करके किस बात का बदला ले रहा था ???

ये सब इस वक्त शिविका की समझ के बाहर था । उसे बेचारी निगाहों से करेले के juice के ग्लास को देखे जा रही थी ।

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