Devil se Mohhabat - 3 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 3

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Devil se Mohhabat - 3

और नहीं दूसरी तरफ है विराज अपने ऑफिस में बैठा फाइल पढ़ रहा था,,,,,कि तभी उसके फोन की घंटी बजती है,,,,,जिसे देख  विराट ,,,,जल्दी से फोन उठा ,,,,,अपने कान से लगा लेता है,,,,,कि तभी पीछे वाले की बात सुन ,,,,,,,रहने दो ,,,,,जब भूख लगेगी,,,,,तो अपने आप खा लेंगे,,,,,और दोबारा मुझे बार-बार फोन कर ,,,,डिस्टर्ब मत करना यह कहे है,,,,,मेरा विराट गुस्से से फोन कट कर देता है

और वही कॉलेज में विधि ने पहले दिन ही पूरे कॉलेज में तहलका मचा दिया था ,,,,,,और वह इस वक्त ऑफिस में प्रिंसिपल सर के सामने अपना सर झुकाए खड़ी थी,,,,,,,प्रिंसिपल सर विधि को सुनाई जा रहे थे ,,,,,,विधि बेटा तुम कब बड़ी होगी ,,,,,,, तुमने ऐसा क्यों किया ,,,,,अपनी खाई हुई चिलगम,,,उस लड़के की टैक्स के ऊपर,,,,क्यों रखा ,,,,,तुम्हारी वजह से उसकी पूरी पेंट खराब होगी ,,,,,हां बोलो तुम अपने स्कूल में भी यही करती थी,,,,,आप तो सुधर जाओ

क्योंकि हमेशा स्कूल से तुम्हारी कंप्लेंट मुझे आई थी,,,,,,,,और मैं हमेशा विरात से छुपा लेता था,,,,,,ताकि तुम्हें डांट ना पड़े ,,,,,,लेकिन तुम अब तक सुधरी नहीं

क्या तुम चाहती हो ,,,,,,कि मैं तुम्हारी कंप्लेंट विराट से करूं ,,,,,जिसे सुन विधि अपने नकली आंसू बहाते हुए,,,,,,प्लीज अंकल सॉरी ,,,,आई प्रॉमिस आब से मैं,,,,ऐसा नहीं करूंगी,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह अपनी आँखों को बलि्क कर सामने प्रिंसिपल को देखने लगती है,,,,,इस वक्त उस ऑफिस में,,,,विधि और प्रिंसिपल के सिवा कोई नहीं थ

जिसे जिसे देख ,,,,वह प्रिंसिपल भी रोहि कि इस मासूम बोली; सकल के चक्कर में पिघल जाता है ,,,,,और फिर वह विधि के सर पर ,,,,,हाथ रख ठीक है विधि ,,,,,इस बारे में तुम्हें माफ करूं ,,,,,विराज को तुम्हारी शिकायत नहीं करूंगा,,,,,लेकिन आई प्रॉमिस अगली बार में तुम्हारी कंप्लेंट,,,,विराट से जरूर करूंगा

जिसे; सुन विधि अपना भोला सा मुंह बना,,,,,ओके सर,,,,यह कहे वहां ऑफिस से निकल जाती है ,,,,,,और फिर विधि ऑफिस से बाहर ,,,,,बड़े आए; विराट भाई से शिकायत करने ,,,,,,और फिर अपने चेहरे पर स्माइल ला,,,,,,,बस एक बार फोटो मिल जाए ,,,,,,,

फिर मैं प्रिंसिपल को छोड़ेगी नहीं,,, आप ने मुझे डाटा,और   भाई को बताने की धमकी दी,,,,, देखो अब मैं कैसे आंटी से आपकी कंप्लेंट कर, ,,,,,आपको आपकी बीवी से दांत खिलाती हूं ,,,,,,फिर विधि अपना मुंह टेढ़ा करते हुए,,,,वह वहां से निकल जाती है

और वही ऑफिस के अंदर ,,,,प्रिंसिपल सर विधि के ऑफिस से बाहर जाते ,,,ही ,,,,एक लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए ,,,,,इसे में बचपन से देखता रहा हूं,,,,,,इसकी शरारती कम नहीं होती ,,,,,,अब मैं पक्का आखिरी बार इसे वोरन कर रहा हूं ,,,,,,अगर इसमें कोई शरारत की ,,,,,तो मैं सच में इसकी कंप्लीट,,,, विराज से कर दूंगा ,,,,,,फिर विराज ही संभालेगा ऐसे,,,,,क्योंकि यहां कोई और नहीं विराज और विधि के अंकल,,,,,थे,,,बचपन से ही उन्हें संभाला था

और फिर विराज ऑफिस से सीधा ,,,,,मेंशन से सीधा,,,,विधि के कमरे में जा देखता है तो ,,,,,,,विधि बड़े सुकून से अपनी आंखें मुद्दे,,,,बेड पर सो रही थी ,,,,,,,जिसे देख विराज धीरे से ,,,,अपने कदम विधि की तरफ बढ़ा,,,,,,,अपना हाथ विधि  के सर पर रख,,,,,मेरी प्यारी गुड़िया ,,,,,,,कहते हुए विराट नीचे झुक ,,,,,विधि के माथे को चूम लेता है ,,,,,,,और फिर वह चुपचाप दरवाजा बंद कर ,,,,,,अपनी कार की चाबी ले,,,,,दोबारा वह उस मेंशन से निकल जाता है

और सीधा वह अपने फार्म हाउस जा,,,,,अपने एक मेड से ,,,,,क्या आप तक उसने कुछ खाया ,,,,,जिसे सुन वह मेड ना सर

जिसे सन विराज गुस्से से ,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है,,,,और गुस्से से ,,,,अपनी कदम उस कमरे की तरफ बढ़ा देता है जिस कमरे में इस वक्त अंजलि कैद थी

वह उस कमरे में जा सीधा बेड के पास खड़ा हो,,,,,अंजलि को देखने लगता है ,,,,जो अब भी ,,,,,,अपना सर घुटनों में छुपाए रो रही थी

और वही अंजलि,,,,,,,जो कि बस रोये जा रही थी,,,,,,लेकिन अपने सामने खुद को किसी को घुरता देख,,,,,वह धीरे से,,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है ,,,,,तो विराट का चेहरा देख

, , वह उसे देखते रह जाती है,,,,ब्लैक बिजनेस सूट पहने ,,,,,वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था,,,,,, वह किसी कामदेव की तरह लग रहा था ,,,,,,,लेकिन उसके सिर्फ आंखें थी जो लाल थी , ,, अंजलि आब भी उसे एक तक देख रही थी

जिसे देखकर अंजलि झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,

आज के लिए बस इतना

कमश