Hot romance - Part 29 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Hot romance - Part 29

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Hot romance - Part 29

लोहड़ी फेस्टिवल....

शाम के वरदान विला दुल्हन कि तरह सजा हुआ दिखाई दे रहा है आज लोहड़ी का त्योहार था और अरव कि बुआ लुधियाना से अपने परिवार के साथ पहुंच गई थी घर पर हलचल मची हुई थी,घर के गार्डन को गांव स्टाइल में डेकोरेशन करवाया था रोनित ने ...

अरव भी आज जल्दी ही घर आया और बुआ के लाए गिफ्ट्स टोटली पंजाबी पोशाक पहनने के लिए लाई थी सभी के गेटअप पंजाबी पोशाक थी महिलाओं के लिए भी पंजाबी वुमेन्स पोशाक थी , अरुल को लाल हरा का कॉम्बिनेशन के पटियाला सलवार सूट मिली थी जो उसने पहनी थी अरुल ने दो लंबी चोटी बनाई थी चुनरी सिर पर लगाई वहीं अरव सफेद पंजाबी कुर्ता पायजामा और हाफ ब्लैक जैकेट पहना था ..

मिरर के सामने बैठी अरुल को शिद्दत से निहारते अरव दरवाजे बंद किए खड़ा था अरुल अपना सारा ध्यान लिपिस्टिक लगाने में लगी थी तभी ..

अरव ने मुस्कुराते हुए कहा " कोई फायदा नहीं सोणियों लिपिस्टिक लगाने कि ये अभी साफ हो जाएगी ,अरुल अरव के तरफ देखी तो अरव के आंखों पर ढेर सारा प्यार और शरारत दिखाई दे रहा था ..

अरुल मुस्कुरा कर चेतावनी देते हुए बोली " अरव हमें लेट हो रहा है गार्डन में बुआ और उसकी फैमिली मेंबर्स चले गए होंगे हमें भी चलना चाहिए वैसे भी आप उन लोगों से मिले भी नहीं है ऑफिस से आए हो और तैयार हो रहे हो ,वो लिपिस्टिक रखी और खड़ी हुई।।

अरव अपने हाथ के अस्तिन को खींचकर ऊपर चढ़ते अरुल के तरफ कदम बढ़ाया बोलते हुए " बेबी चले जाएंगे और फैमिली मेंबर्स से मिल भी लेंगे पर इस दिल में जो आग लगा रखी हो उसे बुझाने के बाद ..

अरुल आंखें दिखाते हुए बोली वो भांप गई कि अरव का मूड बदल रहा है और जब रोमांस करेगा तो उसके मेकअप फिर खराब होगी वो पीछे हटी " अरव नो..नो... मुझे जाने दो प्लीज़ सब लोग क्या सोचेंगे मेरे बारे में बुआ जी ने पहले ही बोल दिया था कि मैं जल्दी तैयार हो कर नीचे आ जाऊं ,वो पीछे क़दम लेती है ..

अरव अब तो फूल मुड में था और अरुल के लरजते होंठ पर नज़र था वो आगे बढ़ा तो अरुल दीवार पर सट गई अरव ने अपने दोनों हाथों को दीवार पर रखा ताकि अरुल भागे ना ,वो बोला " बस एक किस और तुम फ्री हो कुछ देर के लिए क्योंकि इतनी खूबसूरत लग रही हो कि मेरे अंदर का डिजायनर जगा दिया तुमने अब भुगतान तो पड़ेगा ही ,अरुल अरव के आंखों में खो चुकी थी उसके बातों पर फोकस हुआ और अरव ने धीरे से अपने दोनों हाथों को अरुल के कमर में लपेटा और अपने तरफ सटा लिया फिर एक हाथ में कसाव बनाकर दूसरे हाथ से अरुल के चिन उठाया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया और शिद्दत से किस करने लगा ....

नीचे ...

बुआ के फैमिली तैयार होकर नीचे लिविंग रूम में आने लगे थे बुआ के साथ निवेदिता बैठी थी सोफे पर फिर जब सभी को देखकर अरव और अरुल को ना देखकर बोली " ये अरव कहा रह गया ऑफिस से आया है कि नहीं ...

निवेदिता ने जवाब दिया"ऑफिस से आ गया है कुछ देर हुआ है ,वो तैयार हो रहा होगा ..

बुआ बोली उठते हुए " आ गया है तो इतनी देर क्यों लगा रहा है उसकी वोटी को तो आना चाहिए वो सीढ़ियों के तरफ आई और आवाज लगाई" अरव...अरव ..

अरव तो अरुल के होंठों को चूसने पर बिजी था उसे अपने डिजायर पूरा कर रहा था..

नीचे गाड़ियों कि आवाज आई...

बुआ फिर सोफे पर आई और आवाज लगाई " रोनित इथे आ जा तैनु अरव को बुला ले आ ..

रोनित सिर हिला कर ऊपर गया..

दरवाजा नॉक हुआ तो सबकी नजर दरवाजे पर गई, निवेदिता ने पहचान लिया और सोफे से खड़े होकर बोली" दी ये अरुल कि फैमिली आ रहे हैं ..!!

बुआ खड़े हुई दोनों हाथों को जोड़कर नमस्ते करते हुए ..

निवेदिता ने पहचान करवाई " दी ये मिस्टर शशांक राजवंश अरुल के फादर और उसकी बहन आएशा ..

बुआ उम्रदराज महिला है पर सोच नई है सूट पहने आज वो भी पंजाबी सलवार सूट में थी उसके पति भी खड़े थे और शशांक से गले मिले तो निवेदिता ने शशांक को परिचय दिया " भाई साहब ये हमारी दीदी है अरव के सगी बुआ मनजीत कौर और इनकी हसबैंड गुरूचरण सिंह ,बड़े बेटा हरप्रीत सिंह और उसके बगल में उसकी पत्नी सिमर कौर और छोटे बेटा कबीर सिंह उसकी मंगेतर मोनिका बेदी ये दोनों कनाडा से लोहड़ी मनाने आए हैं . ..

सभी एक दूसरे से हाय हेलो किया और फिर गार्डन कि ओर जाने लगे क्योंकि मेहमान आने लगे थे जो करीबी रिश्तेदार थे ...

थोड़ी देर बाद..

अरव अरुल के हाथ पकड़कर गार्डन एरिया आया और बुआ जी के पैर छुए फिर फुफा जी के पैर छूकर गले मिला और हरप्रीत सिंह से गले मिला और उसकी पत्नी को देखकर बोला " परजाई जी तुसी हेल्दी हो गई हो ..??

बुआ जी ने मुस्कुराते हुए बोली" वो हेल्दी इसलिए हुई है कि नया मेहमान आने वाला है ..

फिर अरव कबीर से गले मिला और फिर उसके मंगेतर को हेलो किया अरुल सबसे आते ही मिल चुकी थी इसलिए वो खड़े होकर देखते रही फिर अपने डैड को देखी तो वहां चली गई और खुशी से डैड के गले लग गई , फिर आएशा के तरफ आई और गले लगी आज आएशा बहुत तैयार होकर आई थी वही शशांक को कुछ भय सता रहा था अंदर ही अंदर ...

सभी मेहमान आ गये थे और बोले " चलो भाई प्रोग्राम शुरू करो ...!!

अरुल आएशा के मन से अनजान खुश थी फिर अरव के साथ उसके परिवार आया और लकड़ी पर अलावा जलाने के लिए अरव से बोली ...

शशांक कुछ बेटी दामाद के लिए गिफ्ट लाया था वो बोले " दो मिनट रुको अरव ये मेरी तरफ तुम दोनों को छोटी सी गिफ्ट है आएशा ने दो छोटे कैरी बैग को शशांक को दिया और शशांक ने अरव और अरुल को दिया ..

अरव ने रोनित के मदद से लकड़ियों के बने ढेर पर आग जलाई और अलाव जल उठे फिर ढोल नगाड़े बजने शुरू हुआ.....

शेष अगले भाग में...

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