अब आगे
रूही रुद्र के सामने सोफे पर बैठ गई रूद्र जो गुस्से मे रूही को देख रहा था रूही रुद्र के गुस्से में देखने से उसने अपनी नज़र नीचे कर रखी थी और दोनों हाथ आपस में उलझा हुई थी रुद्र चलकर रूही के पास आया और रूद्र ने रूही के बराबर हाथ रख कर रूही के उपर झुक गया रूही जो रूद्र को अपने इतने पास देख कर हाडवड़ा कर पीछे झुक गई
रूद्र रूही के कान के पास वाइफी मैंने तुमसे कहा था कि तुम मुझसे दूर नहीं जा सकती और अब मैं तुम्हेंर साथ किया करोगा तूम सुच भी नहीं सकती रुही रूद्र के इस तरह कहने से घबराई गई थी उसने रूद्र से डर कर कहा तुम मेरे साथ क्या करोगे रुद्रा रूही को बिना जवाब दे
अपनी जगह पर जाकर बैठ गया इस तरह जाने से रूही ने रुद्र की तरफ देखकर कहा मेरे साथ क्या करोगे रूद्र ने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया रूही और कुछ बोलती उससे पहले सुनीता जी कॉफी लेकर आ गई सुनीता जी ने काॅफी रूद्र को दी और रूही के पास बैठ गई
सुनीता जी रूही तुमने बताया नहीं कि तुम इन्हें कैसे जानती हूं रूही वो मम्मा रूही कुछ बोलती उससे पहले ही दरवाजे की घंटी बजी रूही मामा आप बैठिये में देख कर आती हूं यह कहकर दरवाजे की तरफ चल दी जैसे ही रूही ने दरवाजा खुला उसके सामने दीपक जी खड़े थे रूही पापा आप कहां गए थे
आप तो मामा के साथ है तो फिर आपको इतनी देर कैसे हो गई दीपक जी सॉरी बेटा रास्ते में मेरा पुराना दोस्त मिल गया उसके घर चला गया इसलिए आने में देर हो गई रूही ठीक है चलिए यह कहकर दोनों हाॅल में आ गए दीपक जी ने जैसे ही रूद्र को दिखा वोले तुम तो रुद्र सिंघानिया हो ना नंबर वन बिजनेसमैन रूद्र दीपक जी की आवाज सुनकर खड़ा हुआ
दीपक जी की तरफ हाथ बढ़ाकर कहा जी अंकल मैं ही हूं रूद्र सिंघानिया दीपक ने रुद्र से हाथ मिलाया और कहा लेकिन सर आप यहां रूद्र अंकल आप मुझसे बड़े हैं
आप मेरा नाम से बुलाएंगे तो मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा दीपक जी जरूर बेटा बैठो यह कहकर दोनों बैठ गए सुनीता जी बोली यह हमारी रूही से मिलने आए हैं दीपक जी ने रूही की तरफ देखकर कहा बेटा तुम इनको कैसे जानती हो रुही दीपक जी के बात सुनकर उसने अपनी निगाहें नीचे करी और कहा वो पापा यह मेरे रुही कुछ बोलती उससे पहले ही रूद्र ने कहा यह मेरी वाइफ है
दीपक जी और सुनीता जी ने जैसे ही सुना दोनों ही शौक हो गए रूही जो गुस्से में रूद्र को देख रही थी वह जल्दी से अपने मां पापा के पास आई और कहा पापा आई'एम रियली सॉरी पापा मैंने आपको इतनी बड़ी बात नहीं बताई यह कहकर रूही की आंखे नम हो गई रुद्रा अंकल इसमें वाइफी की कोई गलती नहीं है
क्योंकि वाइफी ने मेरी वजह से आपको दुख नहीं देना चाहती थी दीपक जी रुद्र की तरफ देखकर कहा तुम्हारा कहने का क्या मतलब है रुद्रा मेरी शादी मेरे दादाजी ने बिना मेरी मर्जी की करवाई थी जिसकी वजह से मैं वाइफी को कभी अपनी बीवी होने का दर्जा नहीं दिया मुझे उसके दुख दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता था
लेकिन जब मैं वाइफी से प्यार करने लगा तो वाइफी मुझे छोड़कर यहां आ गई जैसे ही दीपक जी ने रुद्र की बात सुनी उन्होंने रूही की आंखों में से आंसू पहुंचे और कहां तुम्हें सॉरी कहने की जरूरत नहीं है बेटा मैं समझ सकता हूं तुमने यह सब हमारी वजह से नहीं बताया होगा ताकि हमें दुख ना हो यह कहकर रूही को गले लगा लिया
दीपक जी रुही से अलग हुए और रुद्र की तरफ देखकर कहा अगर तुम शादी को नहीं मानते तो रूही को डिवोर्स दे दो जैसे ही रूद्र ने यह सुना वह गुस्से में खड़ा हुआ और कहा यह नहीं हो सकता मैं वाइफी को नहीं छोड़ सकता और रही डिवोर्स के बात वो मैं कभी नहीं दूंगा
To be continue