My Devil Hubby Rebirth Love - 22 in Hindi Adventure Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 22

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My Devil Hubby Rebirth Love - 22

अब आगे 


रुद्र की बात सुनकर दीपक जी खड़े हुए और रुद्र से कहा तुम रूही को नहीं अपनी पत्नी होने का दर्जा दे रहे हो और ना ही डायवोर्स दे रहे हो तो तुम चाहते क्या हो रुद्रा में अपनी शादी को एक मौका देना चाहता हूं मैं रूही  से  बहुत प्यार करता हूं उसके बगैर नहीं जी सकता दीपक जी ने रुद्र की बात सुनकर कहा ठीक है 



तुम अपने रिश्ते को एक मौका देना चाहते हो तो तुम्हें मुझे एक वादा करना होगा कि तुम कभी मेरी बेटी को कोई भी तकलीफ नहीं दोगे नहीं उसको कभी छोड़ कर जाओगे हां ‌में मानता हूं रूही मेरी सगी बेटी नहीं है लेकिन अब वो मेरी सगी बेटी की तरह है 




इसलिए मैं अपनी बेटी की आंखों में आंसू नहीं देख सकता नहीं उसको कोई तकलीफ में देख सकता हूं रुद्र  ने दीपक जी की बात सुनकर कहा मैं आपसे वादा करता हूं कभी भी मैं वाइफी को नहीं छोडूंगा और ना ही उसको छोड़ने दूंगा 



और उसको दुनिया की हर खुशी दूंगा रुद्र की बात सुनकर दीपक जी ने रूद्र को गले लगा लिया और कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी  मैंने तुम्हारी आंखों में रूही के लिए बहुत प्यार देखा है फिर उन्होंने रूद्र को खुद से अलग करा रूही की तरह देखा और कहा रूही तुम यह मत समझना अगर तुम हमसे दूर चली गई तो हमसे कोई रिश्ता नहीं रहेगा 


अगर तुम्हें कोई भी परेशानी या दुख हो तुम अपने इस फैमिली के पास चली आना और तुम रूद्र को एक मौका देखकर देखो तुमने जितने भी दुख जिले हैं रुद्र अपने प्यार से सब दुख भर देगा मेने रुद्र की आंखों में तुम्हारे लिए बहुत प्यार देखा है 



वो तुम्हारी  खुशी के लिए कुछ भी करेगा  रुही अपने पापा की बात सुनकर उसने कहा  मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी दीपक जी हम तुम्हें अपने से दूर कहां कर रहे हैं तुम तो हमेशा हमारे पास ही रहोगी हमारे दिल के पास और जब भी तुम्हें हमारी याद आए तो चली आना और हम भी तुमसे मिलने आते रहेंगे रूही कि  आंखों में आंसू आ गए‌ रूही नहीं मैं आपको छोड़कर नहीं जाऊंगी आप मुझ जबरदस्ती नहीं भेज सकते



दीपक जी ने जैसे ही रूही को रोते देखा उन्होंने रूही को गले लगा लिया और कहा ठीक है हम तुम्हें नहीं भेज रहे लेकिन रोना बंद करो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है मेरी गुड़िया की आंखों में आंसू यह कहकर उन्होंने रूही के आंसू पहुंच दिए और कहा मुझे बहुत भूख लगी अगर तुम रोती रही तो तुम्हें चुप करते करते सुबह हो जाएगी मेरे अंदर इतनी भी ताकत नहीं है


कि मैं तुम्हें चुप कराऊं पहले खान खा लेते हैं फिर बाद में आराम से बैठकर बातें करेंगे रूही ने अपने पापा की बात सुनकर चेहरे पर मुस्कान आ गई और कहा जब आपको भूख लगी थी तो पहले से क्यों नहीं बताया अब चलिए जल्दी से मुझे भी बहुत भूख लगी है 


यह कहकर दोनों डाइनिंग हॉल में चले गए सुनीता जी ने रुद्र से कहा बेटा चलो तुम भी डिनर कर लो और आज तुम यहीं रुक जाना रात काफी हो गई है चाहे तो कल चले जाना रूद्र ने सुनीता जी की बात सुनकर कहा ठीक है आंटी यह कहकर   दोनों भी डाइनिंग हॉल की तरफ चल दिये  चारों ने बैठकर डिनर करा रूही अपना डिनर कर कर कमरे में चली गई और सुनीता जी रुद्रा और दीपक जी हॉल में बैठकर बातें करने लगे रूही का कमरा रूही 



रूही ने गुस्से में पीलो  को दोनों हाथों से मरोड़ा और कहा तुम यहां पर क्यों आए डेविल तुम बहुत बुरे हो तुम मुझे मेरी फैमिली से अलग करना चाहते हो तुमने सोच भी कैसे लिया मैं अपनी फैमिली को छोड़कर तुम्हारे साथ जाऊंगी मैं तुम्हारे साथ कभी नहीं जाऊंगी और तुमने क्या कहा कि तुम मुझसे प्यार करते हो तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो यह सिर्फ तुम्हारी जिद है मैं तुम्हारी बात नहीं मानी इसलिए तुम ऐसा कर रहे हो तुम बहुत बुरे हो थोड़ी देर बाद रूही फ्रेश होने चली गई  बाहर आई और बेड पर लेट  कर मोबाइल चलाने लगी‌




Cantinue