Ishq da Mara - 17 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 17

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इश्क दा मारा - 17

तब यूवी बोलता है, "बातो को घुमाओ मत, सीधी तरह से बताओ की कोन हो और यहां पर क्या कर रही हो"।

तब गीतिका बोलती है, "मैं वही लड़की हू जिसे तुमने सुबह उस गुंडे से बचाया था, और मेरी वजह से तुम्हे गोली खानी पड़ी "।

तब यूवी बोलता है, "सुबह गई बात गई, मगर तुम यहां पर क्या करने आई हो ????

तब गितिका बोलती है, "मैं तुम्हे देखने आई हू की तुम अब कैसे हो और तुम्हे थैंक्स भी बोलने आई हू"।

तब यूवी बोलता है, "मुझे तुम्हारे थैंक्स की कोई जरूरत नहीं है, और तुम पागल हो क्या जो इतनी रात में आई हो, अगर किसी ने देख लिया तो क्या सोचेंगे "।

तब गीतिका बोलती है, "कोई देख ना ले तभी तो रात में आई हू "।

तब यूवी बोलता है, "अच्छा ठीक है अब निकलो यहां से और आइंदा मुझ से मिलने की कोशिश मत करना"।

तब गीतिका बोलती है, "कैसे इंसान हो, एक तो मैं इतनी रात में रिस्क ले कर तुम्हारा हाल चाल पूछने आई हू और तुम मुझे भगा रहे हो, अच्छा ठीक है ये फूल तो ले लो"।

तब यूवी बोलता है, "तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, मैं तुम से फूल क्यो लू, चलो देखो अब बिना देर किए हुए, यहां से चली जाओ अगर किसी ने देख लिया तो बहुत बड़ी प्रोब्लम हो जाएगी " 

तब गितिक बोलती है, "चली जाऊंगी, मैं कोन सा यहां पर हमेशा के लिए आई हू "।

तब यूवी बोलता है, "चलो अब जल्दी से जाओ, और हा अगर मै कही दिख भी जाऊ तो मुझे देख कर अनदेखा कर देना, मगर मेरे पास मत आना "।

तब गीतिका बोलती है, "तुम सच में बड़े ही रुड हो, जा रही हू मै "।

उसके बाद गीतिका वहा से चली जाती है।

सुबह होती है.............

गीतिका तैयार हो कर नाश्ते की टेबल पर आ कर बैठ जाती है और नाश्ता करने लगती हैं।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "तुम इतना तैयार हो कर क्यो आई हो"।

तब गीतिका बोलती है, "डैड वो तो मै रोज होती हू, कॉलेज जाने के लिए"।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "तुम आज से कॉलेज नही जाओगी "।

ये सुनते ही गीतिका चोक जाती है और बोलती है, "मगर क्यो डैड मैं कॉलेज क्यो न जाऊ ????

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, " तुम्हे जितना पढ़ना था तुमने पढ़ लिया है,अब मेरे साथ ज्यादा सवाल जवाब मत करों"।

तब गीतिका बोलती है, "मगर यू इस तरह अचानक, सॉरी डैड मैं आपकी ये बात नही मान सकती हूं, चाहें कुछ भी हो जाए मैं अपनी पढ़ाई नही छोड़ सकती हूं"।

तब गीतिका के भाई बोलते हैं, "अब तुम डैड के साथ जबान लड़ाओगी "।

तब गीतिका बोलती है, "मैं जबान नही लड़ा रही हू, बस बोल रही हूं, मैं कॉलेज जाऊंगी तो जाऊंगी"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "तुम्हारे लिए कॉलेज तुम्हारे डैड से बढ़ कर है "।

तब गीतिका बोलती है, "जब आप लोगो को मेरी परवाह नही है, तो फिर मैं क्यो बात मानू आप लोगो की, एक तो आप लोगो ने बिना मेरे पूछे उस गुंडे से मेरा रिश्ता कर दिया है और अब मेरा कॉलेज बंद कर रहे हैं, मगर मैं कॉलेज जाना नही छोड़ सकती हूं सॉरी "।

उसके बाद गीतिका उठ कर कॉलेज चली जाती है।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "देख रहे हैं आप इस लड़की की बदतमीजी, आपके मना करने के बाद भी ये चली गई"।

तब गितिका के डैड बोलते हैं, "लगता है अब मुझे कुछ करना ही होगा इसका..............