Ishq da Mara - 16 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 16

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इश्क दा मारा - 16

मेहमानो को देख कर गीतिका के डैड उसके भाई से बोलते हैं, "अभी किसी से कुछ भी मत कहना, मैं किसी के सामने कोई तमाशा नही चाहता हूं"।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "ओके डैड"।

उधर राजीव अपने डैड से बोलता है, "वाह डैड आपने तो कमाल ही कर दिया, क्या झूठी कहानी सुनाई है आपने उन्हे"।

तब MLA साहब बोलते हैं, "देखो राजीव आज तो मैने सब कुछ संभाल लिया है, मगर जरुरी नहीं है कि हर बार मै सब कुछ संभाल लू, इसलिए अब तुम भी थोड़े जिम्मेदार बनो और इस तरह की गिरी हुई हरकत छोड़ दो "।

तब राजीव बोलता है, "डैड आखिर मेने ऐसा क्या कर दिया है, मैं तो बस गीतिका के साथ घूमना चाहता हूं और इंजॉय करना चाहता हूं, मगर वो मेरी बात मानती ही नहीं है "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "बस थोड़े ही दिनो की तो बात है, थोडा तुम रुक नही सकते हो, जब तुम्हारी शादी होगी उसके बाद घूम लेना "।

तब राजीव बोलता है, "डैड शादी के बाद बीवी की तरफ मुड़ कर कोन देखता है "।

रात होती है..........

यश अपने पापा और मां को घर भेज देता है और खुद हॉस्पिटल में रुक जाता हैं।

उधर गीतिका भी चोरी चुपके से अपनी खिड़की से कूद कर बाहर आ जाती है और नव्या के साथ कार में बैठ जाती है और हॉस्पिटल के लिए निकल जाती है।

नव्या फूल का गुलदस्ता ले कर आती है गीतिका के लिए क्योंकि गीतिका ने वो यूवी को देने के लिए मंगवाया होता है।

गीतिका हॉस्पिटल पहुंच जाती है। तब नव्या बोलती है, "बहन तू उस लड़के से केसे मिलेगी तुझे उसका नाम पता भी मालूम है"।

तब गीतिका बोलती है, "तू परेशान मत हो मेने सब पता लगवा लिया है"।

उसके बाद गीतिका काउंटर पर जा कर यूवी का नाम लेती है और उसके बारे में पूछती है तो नर्स उसे यूवी के पास ले जाती है। यश दवाई लेने गया होता है और युवी सो रहा होता है।

गीतिका उसके सामने जा कर खड़ी हो जाती है। थोड़ी देर बाद युवी की आंख खुलती है और वो देखता है कि एक लड़की उसके सामने खड़ी होती है फूलो का गुलदस्ता लिए हुए "।

तभी यूवी बोलता है, "अब ये चूड़ेले हॉस्पिटल में भी आने लगी है "।

तब गीतिका बोलती है, "ओह हेलो मैं चुड़ेल नही इंसान हू "।

तब यूवी बोलता है, "तो यहां पर क्या कर रही हो????

तब गीतिका बोलती है, "तुम से मिलने आई हू "।

तक यूवी बोलता है, "मैं तो तुम्हे जानता तक नही हू, नही नही.... तुम इंसान नही हो तुम चुड़ेल हो तभी तो रात में आई हो, क्योंकि चुड़ेल दिन में नही आती है वो रात में आती है"।

ये सुनते ही गीतिका को गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलती है, "तुम पागल हो गए हो क्या, तुम्हे इतनी सुन्दर सी लड़की चुडेल नज़र आ रही है, जरूर तुम्हारी आंखे खराब है "।

तब युवी बोलता है, "तुम और सुंदर, मुझे तो किसी भी तरह से नही लग रही हो, और तुम्हे किसने कहा की तुम सुन्दर हो "।

तब गीतिका बोलती है, "सच में तुम्हारी आंखे खराब है, जो एक सुन्दर सी लड़की तुम्हे सुंदर नही लग रही है "।

तब यूवी बोलता है, "सुन्दर सी लड़की पहले तो आप मुझे ये बताईए कि आप है कोन ,और यहां पर क्या कर रही है "।

तब गीतिका बोलती है, "मेरा नाम गीतिका है, मैं वहीं लड़की हू जिसकी वजह से तुम यहां पर हो...............