Devil se Mohhabat - 1 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 1

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Devil se Mohhabat - 1

यह कहानी है अंजलि और विराज की जो उलझे हुए हैं परिवार की दुश्मनी सेजिससे विराज अपने दुश्मनी में कर लेता है अंजलि को अपने मेंशन में कैद

और वहीं दूसरी तरफ विधि जो अपने परिवार की दुश्मनी से अनजान बचपन से भरपूरअपने भाई की लाडलीसबके चेहरे पर खुशी और मुस्कान लाने वाली किसी एंजेल की तरहजिसे मोहब्बत है विराज के दोस्त अभय से

लेकिन जा पहुंचती है अनिरुद्ध की कैद मैजो छीन लेता है उसकी मासूमियत अनिरुद्ध जो बदले की आंग मेंअपनी बहन को विराज से ना बचा पाने की वजह से कर लेता हैविधि को अपनी कैद में तो क्या होगा इन दोनों की जिंदगी में क्या कभी विधि और अंजलि विराज और अनिरुद्ध के कैद से आजाद हो पाएंगे और क्या कभी खत्म होगी इन दोनों के परिवार की दुश्मनीक्या रंग लाएगी इनकी कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे devil se mohhabat

तो प्लीज मेरे प्यारे readersमेरी इस कहानी को भी अपना फुल सपोर्ट और प्यार देते रहे

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आगे ज्यादा ना बात करते हुए जारी करते हैं इस कहानी को

एक लड़की डरी सहमी सी एक कमरे में बंद थीउस कमरे में सिर्फ उस वक्तचांद की रोशनी आ रही थी जिसमें वह लड़की बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी

मानो की  जैसेवह कोई परी हो उस लड़की की खूबसूरती का कोई जवाब नहीं थाअगर कोई भी उसे लड़की को    एक नजर देख ले तो खुद को उसका दीवाना होने से रोक नहीं सकता था उसे लड़की की आंखें उसके  होंठ उसकी नाक जैसे की बड़ी फुर्सत से उसे तराशा गया हो 

लेकिन कमी थी तो उसे लड़की के चेहरे पर खुशी कीजो इस वक्त बिलकुल भी नहीं थी वह एकदम डरी हुई बेड पर एक नुक्कड़ पर बैठी हुई थीऔर उसके दोनों हाथ भी बधे हुए थे

उस लड़की को वहां पर कुछ भी नहीं नजर आ रहा था शिवाय अंधेरे की क्योंकि उस लड़की की आंखों परपट्टी बंधी हुई थी

जो उसे सिर्फ और सिर्फ उस कमरे में अंधेरा नजर आ रहा थाऔर वह लड़की अपनी डरी हुई आवाज से बार-बार एक ही चीज़ दोहरा रही थीतुम कौन होमुझे यहां से जाने दोतुम सब मुझे यहां क्यों लाए होमैं तुम्हें नहीं जानती मुझे मेरे डैड के पास जाना हैप्लीज मुझे जाने दो मेरे घर वाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे यह कहते हुए वह लड़की बस रोए जा रही थी

की तभी  उस लड़की को कमरे में किसी के चलने की आवाज सुनाई देती हैजो की उसेबहुत ही तेज और साफ सुनाई दे रही थी जिसे सुन वह लड़की और डर जाती है और फिर वह खुद को और उस नुक्कड़ में छुपाते हुए त तुम कौन हो और तुम मुझे यहां क्यों लाए हो 

की तभी उस बहुत ही भरी और एक सख्त कर्कश आवाज सुनाई देती है

तो तुम हो अजली रावतअच्छा लगा तुमसे मिलकरयह कहते हुएवहां लड़कअपने धीरे कदमों से anjali  के पास आउससे बड़े गोर से देखने लगता है जैसे कि वहां उसे अपनी आंखों में बसा लेना चाहता हो

इस वक्त उस लड़के के दिमाग में क्या चल रहा था कोई भी नहीं बता सकता था कि वह इस लड़की को आबाद  करना चाहता हैया बर्बाद

की तभी वहां पर एक और लड़का आता है

जो विराज सर जो आपने कहा वह मैंने कर दियाअब आप यह बताइए कि अब मैं उस इंसान का क्या करूं जिसे सुन विराज बड़ी गौर से अंजली को देखते हुएमार दो उसेऔर उसके टुकड़े मेरे  शेरू के आगे फेंक दो जो उसका नामो निशान  मिटा देना यह कहते हुए विराज की नजर आब भी अंजली पर थी

और वही अंजली विराज की बात सुनवह तो और भी ज्यादाडर से कांपने लगी थीजैसे कि उसने किसी एमराज की आवाज सुन ली हो क्योंकि उसने आज तक तो कभी किसी की ऊंची आवाज  या डाट तक नहीं सुनी थी क्योंकि उसकी डैड नेउसे बहुत ही नाजुक से पाला था जिससे वह आब  भी बहुत भोली और  नादान थी

उसे अब भी दुनियादारी की कोई खबर नहीं थी लेकिन आज  वह जहाँ फस चुकी है और अपने सामने खड़े इंसान की आवाजजिसे उसने अभी तक देख भी नहीं उसके मुंह से किसी को मारने की बात सुन कर वह और भी डर से कापने लगती और वहां उसे तरफ मुंह करके जिस तरह से उसे आवाज आ रही थीउस तरफ देखते हुएप्लीज मुझे मत मारना मुझे जीना है 





जिसे सुन वह लड़का और विराज प्रिया की तरफ देखने लगते हैं जिसके चेहरे पर पसीने की लकीर नजर आ रही थी

जिसे सुन वह लड़का विराज तुम इस लड़की का क्या करोगे वही जो इसके बाप ने किया थादूसरों की जिंदगी तबाह  करके यह कह वह वहां से चला जाता है 

और वही वह लड़का जिसका नाम विवेक थावह एक नजर anjali को देखजो अब भी डरी सहमी सीखुद को सिकोडे हुएनुक्कड़ पर बैठी थी

वह बगैर कुछ कहे चुपचाप वहां से जाते हुए अपने मन मेंविराज कहीं अपने दुश्मनी में और अपने बदले की आग  में इस मासूम की जिंदगी ना तबाह कर दे यह कहते हुए विवेक वहां से चला जाता है

और वही अंजली रोते हुएमुझे मुझे यहां से बाहर जाना है वह मुझे भी मार देगा 

और वही विराज एक कमरे मेंजहां पर एक बड़ी सी फोटो लगी थी जिसमें दो औरतों और एक आदमी था और उसी के बगल में एक छोटा सा बच्चा जो उस आदमी का हाथ पकड़े हुए खड़ा था और उसमें से एक औरत की गोद में एक छोटी सी बच्ची थी जिसे देखते हुए विराज बस अब मेरी दर्द सहने की वक्त खत्म

और उसकी  शुरुआत हो चुकी है बर्बादी कीमैं उसे बर्बाद कर दूंगा जैसे उसने मेरी फैमिली मुझसे छीनी हैमैं उससे उसकी  जिन्दगी छीन लूंगाबस देखते जाओ धनराज रावत कि मैं अब तुम्हारा क्या हाल करता हूं

अगर मैं तुम्हें तड़प तड़प कर मौत ना दीतो मेरा नाम भी फिर विराज राठौड़ नहीं 


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मेरे प्यारे readers तो आप सबको यह कहानी कैसे लगी मुझे जरूर बताइएगा और रिस्पांस भी दीजिएगा ताकि मैं इस कहानी को आपके सामने और भी अच्छी तरह पेश कर सकूं

और जाते-जाते लाइक कमेंट जरुर करना

आज के लिए बस itna

ओके बाय एंड गुड नाइट