सपने सामान्य शुभफलदायक स्वप्न
जो व्यक्ति स्वप्न में सूर्य या चन्द्रमा का स्पर्श करता देखता है वह व्यक्ति सौभाग्य बंधन की प्राप्ति करता है। जो स्वप्न में शुक्ल वस्त्र और श्रेष्ठ आभूषणों से अलंकृत होकर हाथी पर चढ़ा हुआ भयभीत देखता है वह समृद्धि को प्राप्त होता है। जो स्वप्न में संतोष के साथ देव, साधु, ब्राह्मणों को और प्रेतों को देखते हैं वे सब सुख चाहते हैं, सुख प्राप्त करते हैं और विपरीत देखने से विपरीत फल होता है। अर्थात् स्वप्न में उक्त देव, साधु का क्रोधित होना देखने से उलटा फल होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में गृह को विवर्ण देखे या पहचाने वह शीघ्र ही विपत्ति से छुटकारा पाता है। यदि स्वप्न में शर्बत या जल को पीता हुआ देखे अथवा किसी बंधे व्यक्ति को छोड़ता हुआ देखे तो उस स्वप्न का फल ब्राह्मण के लिये सोमपान और शिष्यों के लिए धन सम्पत्ति देने वाला होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में नीचे कुएँ के छिद्र को और भयभीत होकर स्थल पर चढ़ता हुआ देखता है वह धन धान्य द्वारा वृद्धि को प्राप्त होता है। स्वप्न में वीणा, वल्लकी और विष को ग्रहण करे पश्चात् जागृत हो जावे तो उसी स्त्री को सुन्दर गुणवती कन्या की प्राप्ति है। जो स्वप्न में विष भक्षण द्वारा मृत्यु को प्राप्त हो अथवा विष भक्षण करना देखे तो वह धन—धान्य से युक्त होता है तथा चिरकाल तक वह किसी प्रकार के बन्धन में बंधा नहीं रहता। स्वप्न में पूज्य व्यक्तियों का दर्शन करना, सामायिक पुष्प और फलों का दर्शन करना धन प्राप्ति के लिये होता है। स्वप्न में शयन आसन करना हितकर और प्रशस्त माना गया है। शोक युक्त व्यक्ति, यदि स्वप्न में मरुस्थल, वृक्षरहित वन एवं जल रहित नदी को देखता है तो उसके लिए वह स्वप्न शुभ फलप्रद होता है। स्वप्न में जो कोई आसन, शय्या, सवारी, घर, वस्त्र आभूषण दान करता है व देखता है वह सुखी होता है तथा लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। अलंकृत पदार्थ, श्वेत हाथी, घोड़े, बैल आदि का स्वप्न में दर्शन करने से यश की प्राप्ति होती है। पताका, तलवार, लाठी, शुक्ति, सीप, मोती, सोना, दीपक आदि को स्वप्न में प्राप्त करता है वह भी धन प्राप्त करता है। जो व्यक्ति स्वप्न में सांप, बिच्छू या अन्य कीड़ों द्वारा काटे जाने पर भयभीत नहीं होता और शोक नहीं करता हुआ देखता है वह धन को प्राप्त करता है। जो व्यक्ति स्वप्न में काला गुरु, चन्दन की घिसने से सुगन्धित के कारण प्रशंसा करता है तथा उनका लेपन करना पीसना देखता है उसे धन की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति स्वप्न में पुष्पित केला और देवदारु या नीम के वृक्ष पर बैठना या चढ़ना देखता है उसे धन की प्राप्ति होती है। यदि स्वप्न में कोई मगर या घड़ियाल मनुष्य को खींचता हुआ दिखाई पड़े तो व्यक्ति कारागार आदि या मुकदमा में पँâसा हो उसकी मुक्ति होती है। स्वप्न में यदि किसी व्यक्ति को पीले या लाल फूल या फल दिखलाई पड़े तो उसे सोना—चाँदी का लाभ नि:सन्देह होता है। श्वेत आसन, श्वेत सवारी, श्वेत माला का धारण करना तथा अन्य श्वेत द्रव्यों का दर्शन स्वप्न में शुभ होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में श्रेष्ठ बैलों के रथ पर चढ़कर पूर्व तथा उत्तर की तरफ गमन करता है वह धन प्राप्त करत्ाा है। स्वप्न में गृह में स्थित पुष्प और शाखाओं से युक्त वृक्षों से यदि गिरता हुआ देखता है तो उसकी चेष्टायें सफल होती हैं। जो स्वप्न में शुक्ल और हरे वृक्षों से युक्त अपने को देखता है, उसी समय जाग जाता है व अग्नि द्वारा जलता हुआ अपने को देखता है वह फांसी पर लटकाने के समय फांसी से या कारागार से बद्ध होने पर छोड़ दिया जाता है।