Kukdukoo - 12 in Hindi Drama by Vijay Sanga books and stories PDF | कुकड़ुकू - भाग 12

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कुकड़ुकू - भाग 12

दिलीप ने अपनी टीम के खिलाड़ियों से तैयार होने को कहा और खुद भी तैयार होने लगा। थोड़ी देर बाद वो सब किट अप हो गए। तभी मंच पर से कमेनटेटर ने माइक पर कहा, “दोनो टीम के कैप्टन अपनी अपनी टीम को लेकर मंच के सामने आ जाएं और टीम को लाइन अप करवा लें।”

कमेंटेटर की बात सुनते ही दोनो टीम के खिलाड़ी मंच के सामने आकर एक सीधी लाइन मे खड़े हो गए। रेफरी ने सभी खिलाड़ियों को चेक किया और मैदान मे जाने के लिए कह दिया। दोनो टीम के खिलाड़ी मैदान मे जाकर वॉर्म अप करने लगे। वहीं रघु और मंगल एक्स्ट्रा खिलाड़ियों के साथ जाकर बैठ गए।

थोड़ी देर बाद रेफरी फुटबॉल लेकर मैदान मे आया और बॉल को मैदान के सेंटर गोले सर्कल मे रख दिया। रेफरी ने दोनो टीम के कैप्टन को अपने पास बुलाया और टॉस करवाया। सामने वाली टीम टॉस जीत गई। रेफरी की सीटी के साथ मैच शुरू हो गया।

मैच देखने के लिए बहुत से लोग आए हुए थे। कुछ लोग दिलीप की टीम को सपोर्ट कर रहे थे तो कुछ लोग दूसरी टीम को सपोर्ट कर रहे थे। रघु और बाकी एक्स्ट्रा खिलाड़ी चिल्ला चिल्ला कर अपनी टीम का हौंसला बढ़ाने मे लगे हुए थे।

थोड़ी देर बाद सामने वाली टीम ने दिलीप की टीम पर एक गोल मार दिया। एक गोल लगने के बाद दिलीप की टीम के खिलाड़ियों का हौंसला टूट गया। ऐसा लग रहा था जैसे एक गोल लगने के बाद वो लोग हार मान चुके थे, पर दिलीप ने हार नहीं मानी। उसने अपने खिलाड़ियों को समझाते हुए कहा, “बस इतना ही दम है तुम लोगो मे ! इसी दिन के लिए इतनी मेहनत की थी ? अगर इतनी जल्दी हार मान जाओगे तो पूरा मैच कैसे खेलोगे ? और ये बताओ की गांव जाकर जब गांव वाले पूछेंगे की मैच का क्या हुआ तो क्या बोलोगे की एक गोल हम पर लगा तो हमने हार मान ली और अपने गांव का नाम डूबा दिया। और ये बताओ ये बोलते हुए तुम उनसे नजर मिला पाओगे? बोलो।”

अपने कप्तान दिलीप की बात सुनकर सभी खिलाड़ी एक दूसरे की सकल देखने लगे। उसके बाद सबने दिलीप की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा, “थैंक्यू कैप्टन, हम इतनी आसानी से हार नही मानेंगे।” ये सुनकर दिलीप के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई।

रेफरी की सीटी के साथ दुबारा मैच शुरू हो गया। थोड़ी ही देर बाद दिलीप की टीम ने एक गोल मार कर स्कोर बराबर कर दिया। उसके कुछ ही देर बाद हाफ टाइम हो गया।

सभी खिलाड़ी मैदान से बाहर आकर गोला बनाकर बैठ गए। रघु और मंगल ने सभी खिलाड़ियों को पानी पिलाया और फिर वो भी उनके साथ बैठ गए। तभी दिलीप ने रघु और मंगल को अपने पास बुलाया और उनसे कहा, “मैं तुम दोनो को मैच मे उतारने वाला हूं । पूरी कोशिश करना की अच्छा खेल दिखा सको।”

रघु और मंगल को समझाने के बाद दिलीप ने बाकी सभी खिलाड़ियों के बीच जाकर कहा, “सुनो...! मैं रघु और मंगल को मैच मे उतारना चाहता हूं , तुम लोग इस बारे मे क्या कहते हो ?”

दिलीप की बात सुनकर सभी खिलाड़ी मुस्कुराने लगे और फिर उनमें से एक खिलाड़ी ने दिलीप से कहा, “कैप्टन अगर आप ये करना चाहते हो तो ठीक ही होगा।” ये सुनकर दिलीप ने रघु और मंगल के नाम का चेंज स्लिप भर दिया।

“तुम दोनो को जब मैं इशारा करूं, तुम दोनो चेंज स्लिप लेकर टेबल रेफरी के पास चले जाना।” दिलीप ने रघु और मंगल से इतना कहा ही था की रेफरी ने सीटी बजा दी। मैच का दूसरा हाफ शुरू होने वाला था। दोनो टीम के खिलाड़ी मैदान मे जाकर अपनी अपनी पोजीशन पर खड़े हो गए।

रेफरी ने सीटी बजाया और मैच शुरू हो गया। मैच का दूसरा हाफ शुरू हुए थोड़ी ही देर हुई थी की दिलीप की टीम ने सामने वाली टीम पर दूसरा गोल मार दिया। दूसरा गोल लगने के बाद दिलीप ने रघु और मंगल को इशारा कर दिया। दोनो खड़े हुए और चेंज स्लिप लेकर टेबल रेफरी के पास चले गए। टेबल रेफरी ने उन दोनो से चेंज स्लिप लिया और एक नंबर वाला बोर्ड लेकर मैन रेफरी को इशारा कर दिया।

मंच पर कमेनटेटर ने भी खिलाड़ियों के चेंज होने की घोषणा कर दी। मैन रेफरी ने मैच रोका और चेंज का इशारा कर दिया। इतने मे मैदान के अंदर से दो खिलाड़ी बाहर आए और फिर रघु और मंगल से हाथ मिलाकर एक्स्ट्रा खिलाड़ियों के पास जाकर बैठ गए।

रघु और मंगल मैदान मे आए और उन दोनो खिलाड़ियों की जगह ले ली। रघु पोजीशन पर जाकर खड़ा हुआ ही था की अचानक उसके पास बोल आ गई। रघु ने पहले तो इधर उधर देखा, फिर दिलीप की तरफ देखने लगा। दिलीप ने उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दिया। दिलीप को पता था की रघु गोल नही कर पायेगा, इसलिए उसने रघु को आवाज देते हुए इशारा किया और अपनी जगह से आगे की तरफ दौड़ने लगा। ये देख कर रघु समझ गया की उसे किसी भी तरफ बोल को दिलीप के पास पहुंचाना है। वो बोल लेकर आगे दौड़ पड़ा। जब वो बोल लेकर आगे की तरफ दौड़ा तो लोग उसे दौड़ता देख हैरानी मे पड़ गए। वो सभी ये सोच रहे थे की ये लड़का इतना छोटा है फिर भी कितनी तेजी से दौड़ रहा है। अब लोगो ने भी रघु का हौंसला बढ़ाना शुरू कर दिया।

वहीं दूसरी तरफ रघु ने बोल ले जाकर दिलीप को पास कर दिया। जैसे ही दिलीप को बोल मिली, उसने बोल को सीधे गोल की तरफ किक कर दिया, बोल सीधा जाकर गोल मे घुस गई। ये देखकर सभी लोग खुशी से उछल पड़े।

अब दिलीप की टीम ने सामने वाली टीम पर दो गोल से बढ़त बना ली थी। इसके बाद थोड़ी देर मैच चला फिर रेफरी ने अंतिम सीटी बजाकर मैच समाप्ति की घोषणा कर दी। जैसे ही सीटी बाजी, सभी लोग भागते हुए मैदान मे गए और रघु और टीम वालो को कंधो पर उठा लिया। रघु के लिए ये बहुत बड़ा दिन था। ये उसका पहला मैच था और वो दिलीप के भरोसे पर खरा उतरा था। सभी बहुत खुश थे। उनको टूर्नामेंट को जीतने के लिए ऐसे कई मैच खेलने थे। दर्शकों ने भी खिलाड़ियों की खूब तारीफ की। इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने कपड़े बदले और घर आने के रवाना हो गए।

Story to be continued.......