Tu bhi Sataya Jayega - 6 in Hindi Fiction Stories by Shalini Chaudhary books and stories PDF | तू भी सताया जायेगा ! - भाग - 6

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तू भी सताया जायेगा ! - भाग - 6

जय श्री कृष्णा 🙏

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,
प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।

आशा है की आपको मेरा प्रयास पसंद आ रहा होगा। आप सब से अनुरोध है की कहानी को अधिक से अधिक प्रेम दे, और अपने विचारों की टिप्पणी करे, आपकी टिप्पणी मेरे लेखन में अत्यंत सहायता प्रदान करती है। आप सबको झोला भर कर प्रेम ❤️

अब बिना देरी किए चलते है कहानी के ओर.......

मुंबई ( पाठक मैंशन )

एक नौकर सफाई में लिए उस रूम में आता है वहां रिवाज को ऐसे बेहोश देख कर उठा कर उसे उसके कमरे में ले जा कर लिटा देता है, लेकिन रिवाज जैसे हट्टे कट्टे आदमी को उठा कर एक रूम से दूसरे रूम तक ले जाने में उसकी हालत खराब हो जाती है, वो सर्वेंट बुरी तरह से हांफ रहा होता है।

सर्वेंट ( अपने मन में ) " आदमी है की पहाड़ समझ ही नही आता है। हर रोज इसे शराब पी कर वहीं लुढ़कना है, और रोज इसे यहां लाने के चक्कर में कहीं मुझे दम्मे की बीमारी न हो जाए। ये पेट भी जो न कराए सो थोड़ा है।"

ऐसे ही भुनभुनाते हुए वो वहां से चला जाता है, वहीं बेड पर रिवाज अभी भी बेहोशी की हालत में ही था, अब जब उसका नशा उतरता तब जा कर कहीं वो उठता। उसकी यही जिंदगी हो गई थी ऑफिस से घर और घर में आ कर या तो शराब या फिर शाइनी। यही रह गया था, उसकी जिंदगी, उसकी जिंदगी नशे और हवस में इतनी बुरी तरह उलझ गया था जैसे कोई कीड़ा मकरी के जाल में फंस जाता है। कुछ देर के बाद रिवाज को होश आता है वो उठ कर बैठ जाता है, उसके सर में काफी तेज दर्द हो रहा था किसी तरह बाथरूम में जा कर फ्रेश हो कर निकलता है। और फिर कमरे से निकल कर हॉल में आ कर बैठता है।

रिवाज ( हल्के तेज आवाज में ) " आंटी जी नींबू पानी !"

कुछ ही देर में एक औरत हाथ में नींबू पानी लिए आती है। रिवाज एक ही झटके में पूरा ग्लास खतम कर देता है और वही सोफे पर आंख बंद करके लेट जाता है, कुछ देर में ही उसे फिर से नींद आ जाती है। कुछ देर में वहां शाइनी आती है उसे आते देख कर वहां काम करने वाले सर्वेंट का मूंह बन जाता है।

तभी एक औरत जो गमला साफ कर रही थी।

औरत ( मूंह बनाते हुए दूसरे सर्वेंट से ) " लो आ गई चुड़ैल इसे देख कर तो उल्टी करने का मन करता है, इतना मेकअप भी इसे ठीक नही कर पा रही है। छी साहब के साथ तो और भी बुरी लगती है।"

दूसरी औरत ( दबी आवाज में ) " साहब की जोड़ी तो खनक मैडम में साथ ही जमती थी, लेकिन इस के चक्कर में उन्हे छोड़ दिया और नाम लगा दिया की वो भाग गई। कितने बेकार किस्म के आदमी है।"

पहली औरत ( सामने देखते हुए ) " देखना आज नही तो कल साहब कितना पछताएंगे।"

वो औरतें उसे जी भर कर गाली दे रही थी। तभी शाइनी सबको वहां से जाने का इशारा करती है सब चुप चाप वहां से चले जाते है अगले कुछ ही मिनट में पूरा हॉल खाली हो चुका था। शाइनी रिवाज के ऊपर लेट जाती है और उसे हल्के हल्के किस करने लगती है, वहीं नींद में जब रिवाज को महसूस होता है की कोई उसके ऊपर है तो उसे ऐसा लगता है जैसे खनक है वो एक झटके से आंख खोलता है खनक को देखने के आस में लेकिन अपने सामने शाइनी का चेहरा देख कर वो एक पल के लिए निराश हो जाता है लेकिन अगले ही पल में, पलट कर शाइनी को खुद के नीचे दबा लेता है।

रिवाज ( हल्के गुस्से से ) " नींद से जगाने की हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी ?"

शाइनी ( मुस्कुराते हुए ) " क्योंकि ये हिम्मत मेरे अंदर ही है, इसलिए मैने की।"

रिवाज कुछ नही बोलता है और उठ जाता है उसके दिमाग में कुछ पुरानी यादें ताजा हो जाती है।

अतीत,

खनक ( रिवाज को उठाते हुए ) " रिवाज उठिए सुबह हो गई है, आपको आज ऑफिस जल्दी जाना है।"

रिवाज ( कसमसाते हुए ) " सोने दो ना।"

इतना बोल कर वो सो जाता है जब खनक थक जाती है उठा कर तो उसके दिमाग में एक आइडिया आता है वो बेड कर चढ़ कर रिवाज के ऊपर ही सो जाती है, और हल्के हल्के उसके गालों पर आंखो पर किस करके उसे उठाने लगती है।

प्रेजेंट टाइम,

रिवाज के दिमाग से खनक कभी निकल ही नही पाई, वो हर चीज में उसे ढूंढ लेता था, लेकिन इस बात को वो एक्सेप्ट नही करता था, वो हर पल उसे याद करता लेकिन एक्सेप्ट नही करता था।

रिवाज का सर अभी भी दर्द कर रहा था इसलिए वो दवा ले कर खा लेता है वहीं शाइनी सोफे कर बैठी उसे देख रही थी।

शाइनी ( मन में ) " तुम्हे उसे भूल कर मेरे पास आना होगा। क्योंकि मै तुमसे बहुत प्यार करती हूं।"

उसके आंखो में जुनून दिख रहा था।

बनारस,

खनक घर में पूजा कर चुकी थी, और अब दोनो मंदिर में पूजा कर के लौट रही थी, तभी अचानक से भूमि खनक के गोद से उछल कर नीचे उतर आती है और अपने छोटे छोटे पैरों से चलते हुए एक तरफ जाने लगती है, अंबर और खनक भी उसके पीछे जाने लगती है भूमि अपने थोड़ी ही दूर पर खड़े उस आदमी के पैरों से लिपट जाती है वो आदमी नीचे देखता है तो अपने पैरों से एक बच्ची को लिपटा हुआ देखता है, उस आदमी के गोद में भी एक बच्चा था वो भी नीचे उतर आता है, और दोनो एक दूसरे के साथ खेलने लगते है।

अंबर ( खनक से ) " खनक यही है वो बच्चा अर्पण जिसके साथ भूमि की दोस्ती हुई है। और ये उनके पापा के साथ थे।"

क्षितिज ( अंबर और खनक से ) " मेरा नाम क्षितिज है। क्या थोड़ी देर बच्चों को खेलने दे सकते है ?"

खनक ( मुस्कुराते हुए ) " जी जरूर।"

तो आगे क्या होगा इस कहानी में ? क्या रिवाज को होगा अपने गलती का एहसास ? किस हद तक जा सकती है शाइनी ? और क्या होगा खनक के साथ ? जानने के लिए बने रहे ! तू भी सताया जाएगा ! मेरे यानी शालिनी चौधरी के साथ।

मेरे मन की बात,

हां तो फैमिली कैसा लगा आज का पार्ट ? कॉमेंट करके बताइए और अगर पसंद आया तो लाइक करें ❤️ कॉमेंट करे और शेयर करें अपने जैसे नॉवेल लवर्स के साथ और अपनी फैमिली को बड़ा करे ये आपकी भी जिम्मेदारी है 🙂 और अगर हो कोई सजेशन कहानी से रिलेटेड तो कॉमेंट में बताइए आपके सजेशन का तहे दिल से स्वागत है 🙏 आप सबको मेरा झोला भर कर प्रेम ❤️ ❤️ ❤️

✍️ शालिनी चौधरी