Love Contract - 18 in Hindi Love Stories by M K books and stories PDF | Love Contract - 18

The Author
Featured Books
Categories
Share

Love Contract - 18

शाम से अब रात हो चला था अदिति अपने कमड़े में इधर उधर घूमते हुए ' रिवान जी को गए काफी समय हो गया अभी तक घर क्यों नहीं आए मेरे पास तो मेरा फोन भी नहीं रहा जिससे मैं उनको कॉल करके पूछ लूं अभी कहां है ??

सांवरी जी दरवाजा खटखटायी अदिति का ध्यान दरवाजे के पास गया अदिति दरवाजे के तरफ बढ़ते हुए मां अंदर आयिये ना आप बाहर क्यों खड़ी है ? बेटा मैं तो बस तुम्हारे कमड़े को देखने आयि थी रूम डेकोरेटर अच्छे से सजाया है या नहीं ,अंदर चारो ओर देखते हुए कही कुछ कमी तो नहीं है सजावट में नजर आए तो बता देना बेटा हमें ये सब कहां पता है हमारे जमाने में तो ये सब कुछ होता नहीं था । तुम मॉडर्न लड़की हो कुछ कमी नजर आए तो बता देना अपनी मां को । " अरे नहीं नहीं मां आप
बेकार की चिंता कर रही है कमी तो है सोचते हुए अदिति बोली । आश्चर्य से क्या कमी है बेटा सांवरी जी पूछती है ?
अदिति " आपके चेहरे की हंसी मां " वो कहां गायब है ?
बताओ आप , सांवरी जी मुस्कुराते हुए लो अा गई हंसी।
ये हुई बात आप ऐसे ही हंसती मुस्कुराती रहना वरना
आपकी बेटी आप पर बहुत गुस्सा करेगी ।
मेरे साथ तुम रहोगी तो भला मैं कैसे उदास रह सकती हूं ?
मुस्कुराते हुए अदिति सांवरी जी से लिपट जाती है ।

रिवान अभी तक घर नहीं आया , दोनों का फोन भी नहीं
लग रहा है पता नहीं दोनों कहां रह गए । मां आप फिर से चिंता कर रही हैं देखो आप अपनी हंसी भी गायब कर रही हो , अरे नहीं बेटा पर देखो अब तो 8 बजने वाले है अभी तक घर नहीं आया । मां अा जाएंगे आप चिंता मत करो ।
बेटा तुम दोनों के लिए दूध फ्रिज में रख दिया है और खाना भी निकाल दिया है आज तुम दोनों साथ में ही खाना खाना ये हमारे घर की परंपरा है ऐसा मानना है इससे सात जन्मों का रिश्ता बनता है और साथ ही दोनों के बीच प्यार भी बढ़ता है ।

दोनों के बीच बातें हो ही रही थी तो बाहर से गाड़ी की आवाज़ सुनाई दिया । लगता है दोनों अा गए तुम दुल्हन के जोड़े में तैयार हो जाओ अपने सामने ही ये रश्म करवाऊंगी ।

विराज " अरे भाई ख़ुद को संभाल आंटी अभी जग रही होगी और आज तो तेरी पहली रात भी है । पानी का बॉटल देते हुए विराज ले पहले अपना चेहरा धो ले , काफी
अच्छा मेहसूस करेगा रिवन । रीवान अपना चेहरा धो कर अंदर गया , सांवरी जी ये समय हुआ है तुम दोनों के घर आने की ।
" विराज " कुछ पुराने दोस्त मिल गए थे आंटी जी ,
इसीलिए थोड़ा सा देर हो गई है हमें । विराज के कमड़े में जा तेरे लिए एक ड्रेस रखी हूं पहन कर जल्दी से तैयार हो जा । बहू तेरा कब से इंतजार कर रही है कमड़े में ।
आज तुम्हारी पहली रात है ये भूल गया क्या ?
" रीवान " जब शादी हुई ही नहीं तो पहली रात कैसी मां ?
सांवरी जी : क्या मतलब तेरा ? घर में बीबी तुम्हारी राह देख रही है तू ऐसी बात कर रहा है । कहीं दोस्तों के साथ शराब पीकर तो घर नहीं आया । कैसी बात कर रही है आंटी जी आपको तो पता है रीवन शराब को हाथ तक नहीं लगाता है।

" सांवरी जी " हां मुझे सब पता है लेकिन आजकल के बच्चों पर भरोसा कर भी नहीं सकते , अब देखो कौन जानता था कि रिवान शादी कर के घर चला आयेगा।
हां विराज तुम रिवान की तरफदारी करना थोड़ा बंद करो ।
किसी दिन तुम भी अपनी बीबी घर ले आना , फिर मुझे
तुम्हारे मम्मी - पापा को मनाना पड़ेगा ।
विराज मुस्कुराता हुआ " मेरी दुल्हन आप ढूंढोगी तभी मैं शादी करूंगा " । अब बस .. बस ज्यादा मसका मारने की जरूरत नहीं है । रिवान् को अपने कमड़े में ले जाकर चेंज करवा दो ।

कुछ ही पल में सांवरी जी खाना और दूध लेकर कमड़े में पहुंचती हैं , रिवान को विराज लेकर आया । रिवान
के कान में विराज फुसफुसाया ' देख भाई अभी तू नशे में है कुछ गलती मत करना जैसा आंटी बोले वैसे करते जाना ठीक है । ठीक है कोशिश करूंगा रिवान कहा ।

अदिति और रिवान के सामने खाना से भरा थाली रखते हुए सांवरी जी रस्म समझाती है , जैसे - जैसे कहती गई दोनों अदिति रिवान रश्म करते गए । कुछ ही पल में रश्म ख़तम हो गए । सांवरी जी और विराज दोनों अपने कमड़े में चले गए । फिर सांवरी जी विराज के कमड़े में पहुंचती है ' बेटा तुम खाना खा लेना भूलना नहीं खाना से भरा प्लेट पकड़ाते हुए । मैं खा लूंगा आप चिंता मत करो ।

__________________________________

नेक्स्ट डे
******
रिवान के जब आंख खुली तो देखा उसकी बाहों में अदिति
सुकून के सांसे भरते हुए नींदों में खोई हुई थी एक पल के लिए रिवान अदिति में खो जाता है शायद उसे अच्छा लग रहा था , कुछ याद आते ही एक झटके में अदिति को ख़ुद से अलग करता है , बेड से नीचे उतरा तो देखा
कमड़े में चारों तरफ फूल बिखरे हुए थे उसके कपड़े भी अस्त - व्यस्त थे । कुछ कदम आगे बढ़ा तो ख़ुद को आईने में देखा कर अपने आंखे बड़े कर लिया " ये लिपस्टिक की
निशान मेरे गाल पर , फिर गुस्से से आदिती के तरफ देखता है फिर कुछ सोच कर शांत हो जाता है । "

पहले याद करने की कोशिश करता है आखिर रात को हुआ क्या था? लेकिन रिवान को कुछ भी याद नहीं रहता है । " आज फिर से एक सपना आया जिसमें बोलते हुए अचानक रुक गया "??

" क्या है हकीकत मै इनमें उलझता जा रहा हूं
कब मिलोगी तुम ये सोचकर टूटता जा रहा हूं "

Continue .....