Shadow Of The Packs - 7 in Hindi Fiction Stories by Vijay Sanga books and stories PDF | Shadow Of The Packs - 7

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Shadow Of The Packs - 7

वहीं दूसरी तरफ जोसेफ गोम्स और पवन कुमार कमिशनर के ऑफिस से बाहर निकलने के बाद वापस हॉस्पिटल के लिए निकल गए। हॉस्पिटल पहुंचने के बाद जोसेफ गोम्स और पवन कुमार सूर्यकांत से मिलने के लिए उसके वार्ड की तरफ जाने लगे। सूर्यकांत के वार्ड में पहुंचकर उन्होंने देखा की सूर्यकांत के हाथ का ऑपरेशन हो चुका था। सही टाइम में हॉस्पिटल पहुंचने से सूर्यकांत के हाथ का ऑपरेशन हो गया नही तो उसका हाथ काटना पड़ जाता।

“सूर्यकांत कैसे हो तुम ! ठीक तो हो ना?” पवन कुमार ने सूर्यकांत एस पूछा।

“सर मैं ठीक हूं। आप बताइए उस केस का क्या हुआ?” सूर्यकांत ने पवन कुमार से पूछा।

“अब हम कमिशनर साहब की इजाजत के बिना उस केस मे आगे कुछ नहीं कर सकते। अब जो भी करना होगा , कमिशनर साहब से पूछकर ही करना होगा। पवन कुमार ने उदासी भरे भाव से कहा।

“तुम टेंशन मत लो, हम सब सम्भाल लेंगे। तुम्हे आराम करने की जरूरत है। तुम अभी आराम करो।” जोसेफ गोम्स ने सूर्यकांत से कहा।

“चलिए जोसेफ सर, हमें जंगल में चलकर देखना चाहिए वहां क्या हो रहा है? रात में तो कुछ हमारे हिसाब से नही हुआ पर शायद दिन में कुछ सबूत या निशान मिल जाए?” पवन कुमार ने कहा। सूर्यकांत से मिलने के बाद पवन कुमार और जोसेफ गोम्स जंगल के लिए रवाना हो गए।

दूसरी तरफ विक्रांत और सुप्रिया कैंटीन में बैठकर बातें कर रहें थे। “विक्रांत, दो दिन बाद मैं और मेरे कुछ दोस्त ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए जंगल जाने वाले हैं। तुम भी हमारे साथ क्यों नही चलते?” सुप्रिया ने विक्रांत से पूछा।

“अरे यार वहां पर तुम और तुम्हारी सहेलियां होंगी। लड़कियों के बीच मैं क्या करूंगा?” विक्रांत ने मुस्कुराते हुए कहा।

“अरे तुमसे किसने कहा की सिर्फ लड़कियां होंगी! लड़के भी हमारे साथ जाने वाले हैं।” सुप्रिया ने कहा।

“ओ ऐसा क्या...! तो फिर मैं चल सकता हूं।” विक्रांत ने कहा। “तो ठीक है फिर... मैं तुम्हारा नाम लिस्ट मे जुड़वा दूंगी। तुम बस तैयार रहना। और तुम्हारा घर तो जंगल की तरफ ही है ना! तो हम एक काम करेंगे। हम वहीं से ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए निकल जायेंगे। चलो अब चलते हैं अगले लेक्चर का टाइम हो गया है।” ये कहकर दोनो लेक्चर अटेंड करने के लिए क्लास मे चले गए।

कॉलेज के बाद विक्रांत ने कुछ देर सुप्रिया से बात की और फिर बाइक से अपने घर के लिए रवाना हो गया। रास्ते में विक्रांत उसी जगह पर जाकर रूक गया जहां पुलिस की नाकाबंदी थी। विक्रांत ने बाइक साइड में खड़ी की और आगे जाकर उसने एक पुलिस वाले से पूछा–“सर यहां पर नाकाबंदी क्यों है? कुछ हुआ है क्या?”

पहले तो पुलिस वाले ने विक्रांत को बड़ी गौर से देखा , उसके बाद शक भरी नजरों से देखते हुए पूछा, “तुम कौन हो? और यहां क्या कर रहे हो?”

“सर मेरा नाम विक्रांत है। यहां से थोड़ी दूर आगे हो मेरा घर है।” विक्रांत ने उस पुलिस वाले से कहा।

“अच्छा तो वो जो जंगल के उत्तरी कोने में जो घर है वो तुम्हारा है?” पुलिस वाले ने विक्रांत से पूछा।

“जी सर वो मेरा ही घर है।” विक्रांत ने कहा।

“क्या तुमने अभी हाल ही में जंगल में हो रहे हादसों के बारे में कुछ सुना है! या जंगल में कुछ अजीब देखा है! जैसे कोई ऐसा जानवर जिसे आजतक नहीं देखा हो?” पुलिस वाला विक्रांत से पूछ ही रहा होता है की पवन कुमार की नजर उस पुलिस वाले और विक्रांत पर चली जाती है।

पुलिस वाले को इतनी देर तक किसी से बात करता देख पवन कुमार उनके पास आए और पूछा–“क्या हो रहा है यहां? और ये लड़का कौन है?”

“कुछ नही सर... ये लड़का जानना चाहता है की यहां नाकाबंदी क्यों है?” उस पुलिस वाले ने पवन कुमार से कहा।

“तुम कौन हो? और तुम क्यों जानना चाहते हो की यहां नाकाबंदी क्यों है?” पवन कुमार ने विक्रांत से पूछा।

“सर मेरा नाम विक्रांत सिंघाल है। मेरा घर आगे थोड़ी दूर पर ही है। सुबह जब मैं कॉलेज जा रहा था तब यहां नाकाबंदी थी और अभी कॉलेज से वापस आ रहा हूं तब भी है,, तो मैंने सोचा पूछ लूं की क्या हुआ है? और कोई बात नही है सर।” विक्रांत ने कहा।

“यहां पर बस रूटीन चेकिंग है, इसलिए यहां नाकाबंदी है। क्या है ना की ये जंगल है, और आजकल यहां स्मगलिंग वगेरा बहुत ज्यादा हो रही है, इसलिए चेकिंग के लिए नाकाबंदी किया हुआ है। आज शाम तक नाकाबंदी हटा दी जाएगी।” पवन कुमार ने विक्रांत को समझाते हुए कहा।

फिर पवन कुमार ने कुछ सोचते हुए विक्रांत से पूछा–“वैसे आज सुबह से तो इस रोड पर नाकाबंदी है, फिर तुम कॉलेज किस रास्ते से गए थे?”

“सर यहां से एक कच्चा रास्ता है जो की आगे जाकर पांच सौ मीटर पर इसी रोड से मिलता है। मैं उसी रास्ते से गया था।” विक्रांत ने पवन कुमार को बताते हुए कहा।

“अच्छा ठीक है अब तुम जा सकते हो। और सुनो ! ज्यादा रात में इस रास्ते से आना जाना मत करना। आज कल जंगल मे बहुत से हादसे हो रहे हैं। जंगल में खतरनाक जानवर भी रहते हैं। इसलिए रात में निकलने पर खतरा रहता है तो थोड़ा संभालकर रहना।” इतना कहकर पवन कुमार ने विक्रांत को जाने का इशारा किया। विक्रांत ने बाइक स्टार्ट की और घर के लिए निकल गया ।

विक्रांत घर पहुंचने के बाद मुंह हाथ धोकर बैठा ही था की उसे अचानक से कॉलेज में हुई बातें ध्यान मे आने लगी। वो समझ नही पा रहा था की उसमे अचानक इतनी ताकत कहां से आ गई थी! विक्रांत ये सब सोच ही रहा था की उसके फोन की घंटी बजने लगी। जब विक्रांत ने देखा तो सुप्रिया का फोन आ रहा था। उसने फोन उठाया और सुप्रिया से बातें करने लगा।

वहीं दूसरी तरफ पवन कुमार ने केस की फाइल कमिशनर साहब के ऑफिस में भिजवा दी थी। जब कमिशनर ने फाइल पढ़ी तो उसका तो दिमाग ही खराब ही हो गया। उन्होंने गुस्से में पवन कुमार को फोन लगाते हुए कहा–“तुम दोनो ने ये क्या मजाक लगा रखा है! अभी के अभी मुझसे आकर मिलो।” जोसेफ गोम्स और पवन कुमार कमिशनर से मिलने के लिए रवाना हो गए।