सुबह का समय,
राणा जिम,
इतना बोल कर वो फिर से पलट कर आगे बढ़ गया तभी एक दूसरी लड़की उसके सामने आ खड़ी हुई तो उस सिद्धांत ने कहा, " जी फरमाइए । "
उस लड़की ने क्यूटनेस के साथ कहा, " कैन आई आस्क फॉर योर नंबर ? "
सिद्धांत ने भी तुरंत ही वैसी ही क्यूटनेस के साथ कह दिया, " नो ! "
लड़की ने फिर से उसी तरह से कहा, " क्यों ? मुझे भी नो वन में गिनते हो क्या ? "
इस बार सिद्धांत ने कहा, " अरे नहीं, नहीं, कैसी बातें कर रही हैं आप, गिनने के लिए आप नजर भी तो आनी चाहिए । "
ये सुन कर वहां खड़े सभी लोग हंसने लगे तो उस लड़की ने अपने हाथ बांध कर कहा, " तुम ऐसी बातें इसीलिए बोल रहे हो न कि मुझे अपना नंबर न देना पड़े । ओ के, फाइन ! मत दो नंबर, लेकिन... "
फिर उसने अपना हाथ सिद्धांत के मास्क की ओर बढ़ाते हुए कहा, " ये मास्क उतार कर अपना ये चांद सा मुखड़ा तो दिखा दो । "
सिद्धांत ने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर कहा, " जी नहीं, ये चीज तो ऐसी है जो हम भूल कर भी किसी को दिखा नहीं सकते हैं । "
उस लड़की ने सवाल करते हुए कहा, " दिखा नहीं सकते हो, पर क्यों ? "
सिद्धांत ने कैजुअली कहा, " हैं हमारे कुछ रीजन्स । "
लड़की ने उसके सीने पर मुक्के से मार कर कहा, " यू नो, यू आर सो हार्टलेस ! "
सिद्धांत ने आराम से कहा, " वो तो हम हैं । नाउ प्लीज एक्सक्यूज मी, आई हैव टू गो । "
ये बोल कर सिद्धांत आगे बढ़ा तो तीसरी लड़की ने कहा, " हाय हैंडसम ! "
सिद्धांत ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " हेलो माय लॉन्ग लॉस्ट सिस्टर ! "
लड़की ने एक लंच बॉक्स उसके सामने करके कहा, " मैं तुम्हारे लिए कुछ लाई हूं । "
सिद्धांत ने वो बॉक्स लेते हुए सवाल किया, " ये क्या है ? "
लड़की ने उस बॉक्स की ओर इशारा करके कहा, " खुद ही खोल कर देख लो । "
सिद्धांत ने बॉक्स खोल कर देखा तो उसमें उसके फेवरेट स्नैक्स थे ।
उसने उस लड़की की ओर देख कर कहा, " वाह ! मतलब आप अपने जिम ट्रेनर को ही तला भुना खाने को दे रही हैं । "
लड़की ने आराम से कहा, " अरे, इतने से कुछ नहीं होगा और वैसे भी मैं ये किसी और को नहीं, अपने भाई को दे रही हूं । "
सिद्धांत ने मुस्करा कर कहा, " अब आपने दिया है तो हम मना थोड़ी न कर सकते हैं । "
लड़की ने खुश होकर कहा, " दैट्स माय सर्वांश । "
तभी उसके पीछे खड़ी एक लड़की ने अपना गला खराश दिया तो सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर मुस्कराते हुए ही कहा, " आ रहे हैं करिश्मा जी, आपके पास ही आ रहे हैं । "
इसी तरह से कई लड़कियों ने उसका रास्ता रोका जिन्हें सिद्धांत ऐसे ही जवाब दे रहा था । उसकी आदत थी कि वो लड़कियों से दूरी बना कर ही चलता था ।
जैसे तैसे करके वो जिम से बाहर निकला और जल्दी से आगे बढ़ गया । उसने अपनी घड़ी में समय देखा तो साढ़े नौ हो गया था ।
लगभग दस बजे,
सेंट एंड्रयूज कॉलेज, सिविल लाइंस गोरखपुर,
सिद्धांत तेजी से गेट के अंदर आया । उसे कोई बहुत तेज़ी नहीं थी लेकिन उसकी स्पीड ज्यादा थी ।
वो गेट से अंदर आते ही सीधे केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में चला गया । वहां पर पहले से ही बहुत सारे लड़के और लड़कियां खड़े थें ।
सिद्धांत को देख कर एक लड़की ने अपना हाथ ऊपर करके हिलाते हुए कहा, " हे सिड ! "
सिद्धांत ने भी उसे देख कर हाथ ऊपर करके हिलाया और उनकी ओर बढ़ गया ।
उसने उस लड़की के पास जाकर साइड में बैठते हुए कहा, " क्या हो रहा है पूर्वी जी, सर नहीं आए क्या अभी तक ? "
पूर्वी ने उसके कंधे पर अपना हाथ रख कर कहा, " अभी पंद्रह मिनट बाकी हैं, महाराज जी। "
सिद्धांत ने अपनी घड़ी में समय देखते हुए कहा, " एम आई दैट फास्ट ? लेकिन हम तो टाइम पर आए हैं । "
पूर्वी ने उसके सिर पर हल्के से चपत लगा कर कहा, " हेलो मिस्टर, सर ने हम सबको दस बज कर पंद्रह मिनट पर बुलाया था । "
सिद्धांत ने अपना बैग उतारते हुए कहा, " मींस, आई हैव फिफ्टीन मोर मिनिट्स । "
उन दोनों को देख कर वहां खड़ी एक लड़की ने मुंह बना कर कहा, " तुम दोनों के लिए हम लोग एक्जिस्ट करते भी हैं या नहीं ! "
सिद्धांत ने उसे चिढ़ाने के लिए कहा, " अरे कैसी बातें कर रही हैं मिस गुलाबो, आप और याद नहीं रहेंगी । असंभव ! "
उस लड़की ने अपने हाथ टेबल पर रख कर आगे की ओर झुक कर अपने दांत पीसते हुए कहा, " तुमने फिर हमें गुलाबो कहा ! "
सिद्धांत को उसका गुस्से से लाल हुआ चेहरा देख कर बहुत मजा आ रहा था । उसने उस लड़की को और छेड़ते हुए कहा, " अब गुलाबो को गुलाबो न कहें, तो क्या कमला कहें ! "
उस लड़की ने अपने शर्ट की बाजुओं को मोड़ते हुए कहा, " तू पिटेगा आज, मेरे हाथों से ! "
इतना बोल कर वो सिद्धांत को मारने के लिए दौड़ पड़ी । वहीं सिद्धांत उस लड़की से बचने के लिए कभी पूर्वी के पीछे चला जाता तो कभी किसी और के पीछे ।
उन दोनों को ऐसे झगड़ते देख कर वहां खड़े सारे लड़के और लड़कियां हंसने लगे, यहां तब कि उस लैब के इंचार्ज भी । सभी लोगों को इस सबकी आदत पड़ चुकी थी ।
कुछ देर बाद पूर्वी ने चिढ़ कर कहा, " तुम दोनों सुधर नहीं सकते हो न ! "
फिर उसने सिद्धांत और उस लड़की, दोनों का हाथ पकड़ कर उन्हें एक जगह पर बैठाते हुए कहा, " चलो, बैठो चुपचाप ! "
सिद्धांत ने फिर से खड़े होते हुए कहा, " बैठ जाएं, और हम ! "
फिर उसने अपना सिर ना में हिलाते हुए कहा, " बिल्कुल भी नहीं । "
पूर्वी ने अपने हाथ बांध कर एक गहरी सांस लेकर कहा, " तो क्या नौटंकी करने का इरादा है ! "
सिद्धांत ने सोचने की एक्टिंग करते हुए कहा, " नौटंकी, अच्छा डांस है पर हम हिप हॉप और ब्रेक डांसिंग सिखाते हैं, तो नौटंकी के लिए टाइम नहीं है । "
पूर्वी ने फिर से चिढ़ कर ने कहा, " तो बैठ न शांति से ! "
सिद्धांत ने कहा, " जी नहीं, हम बाहर जा रहे हैं । "
फिर उसने दरवाजे की ओर मुड़ते हुए कहा, " भूख लगी है हमें । "
पूर्वी ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " यानि कि तुमने आज भी अभी तक नाश्ता नहीं किया है । "
सिद्धांत ने हँस कर कहा, " नाश्ता, आज वर्कआउट तक नहीं किया है हमने । "
पूर्वी ने उसके मसल्स को पकड़ कर कहा, " क्या भूत सवार है तुझे वर्कआउट करने का, इतनी बॉडी काफी नहीं है तेरे लिए ! "
सिद्धांत ने आराम से ना में सिर हिलाते हुए कहा, " ना, नहीं है । "
पूर्वी ने उसकी ओर देख कर मुंह बना कर कहा, " तुझसे तो बात करना ही बेकार है । "
सिद्धांत ने अपने कंधे उठा कर कहा, " इसमें तेरा घाटा, अपना कुछ नहीं जाता । "
अपनी बात बोलते हुए वो बाहर चला गया । वो अभी क्लास से बाहर ही निकला था कि पूर्वी भी आकर उसके साथ साथ चलने लगी ।
सिद्धांत ने सामने देखते हुए ही कहा, " हमसे बात करना बेकार है और अब हमारे ही साथ चल भी रही हैं । "
फिर उसने शरारती अंदाज में कहा, " कोई खास वजह ! "
पूर्वी ने अपने हाथों की मुट्ठी बना कर कहा, " तुम्हें मार खानी है मुझसे ! "
सिद्धांत ने अपने कान पकड़ कर कहा, " ना, ना, दीदी ! माफ कर दो हमें । "
पूर्वी ने उसके हाथ पर हल्के से मार कर कहा, " हट, नौटंकी । " और स्पीड बढ़ा कर आगे बढ़ गई ।
सिद्धांत ने जल्दी से उसके पास जाकर कहा, " अरे पूर्वी जी, एक आप ही तो हैं इस शहर की जो हर प्रैक्टिकल में हमें मिल जाती हैं, वरना इग्नू में पढ़ने वाले कितने ही लोग एक दूसरे को जानते होंगे । "
पूर्वी ने हंस कर कहा, " चल, चल, अब ज्यादा मस्का मत लगा । "
इस वक्त वो दोनों ग्राउंड में पहुंच चुके थे जहां पहले से ही बहुत सारे बच्चे छोटे छोटे ग्रुप बना कर बैठे हुए थे ।
सिद्धांत ने भी वहीं पर बैठते हुए कहा, " भई, अगर हमारे पास इतना ही मक्खन होता कि हम किसी को मस्का लगा सकें तो खुद न खा लेतें, ये रिफाइंड ऑयल क्यों यूज कर रहे होते ! "
पूर्वी ने मजाकिया लहजे में ही कहा, " इतना काम करते हो और मक्खन अफोर्ड नहीं कर सकते ! "
सिद्धांत का मजाकिया लहजा तुरंत गायब हो गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं । वो चुपचाप अपनी गर्दन झुका कर बैठ गया ।
पूर्वी को ये देख कर अच्छा नहीं लग रहा था । उसने सिद्धांत के कंधे पर हाथ रख कर कहा, " कूल डाउन ब्रो, यू कैन डू एनीथिंग ( तुम कुछ भी कर सकते हो ) । "
सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर कहा, " डू यू रियली थिंक दैट ( क्या आप सच में ऐसा सोचती हैं ) ? "
पूर्वी ने पूरे विश्वास के साथ कहा, " आई डोंट ओनली थिंक दैट, आई नो दैट ( मैं सिर्फ ऐसा सोचती नहीं हूं, मैं ये बात जानती हूं ) । "
सिद्धांत के आंखों में हल्की सी नमी आ गई । उसने कहा, " थैंक यू, पूर्वी जी । "
पूर्वी ने उसकी ओर देख कर कहा, " किसलिए ? "
सिद्धांत ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " जहां कभी - कभी हमें ही खुद पर शक होने लगता है वहां आप हम पर भरोसा कर रही हैं, इसलिए । "
पूर्वी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " क्योंकि मैंने तुम्हारी मेहनत देखी है ।"
सिद्धांत ने माहौल को गंभीर होता देख कर कहा, " अच्छा, ये सब छोड़िए । चलिए नाश्ता कर लेते हैं । "
पूर्वी ने एक्साइटेड होकर कहा, " पहले ये बताओ कि आज क्या है खाने में ! "
सिद्धांत ने वो स्नैक्स वाला बॉक्स निकाल कर उसके सामने करते हुए कहा, " आप खुद देख लो । "
पूर्वी ने वो बॉक्स लेकर खोला और फिर एक्साइटमेंट के साथ कहा, " वाह, तेरे फेवरेट स्नैक्स ! "
सिद्धांत ने कहा, " हां, और पता है कहां से आए हैं ये ! "
पूर्वी ने एक स्नैक्स लेते हुए कहा, " कहां से ? "
सिद्धांत ने कहा, " हमारी दूसरी बहन के यहां से ! "
पूर्वी ने उन स्नैक्स को खाते हुए कहा, " तेरे तो मजे हैं । "
सिद्धांत ने कहा, " वो तो है । "
वो बातें तो कर रहा था लेकिन नाश्ता नहीं कर रहा था । ये देख कर पूर्वी ने कहा, " तू खा क्यों नहीं रहा है ? "
सिद्धांत ने कहा, " आप जानती हैं न, हम अपना मास्क नहीं उतारते हैं । "
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उस लड़की ने सिद्धांत को सर्वांश कह कर क्यों बुलाया ?
सिद्धांत अपना मास्क क्यों नहीं उतारता है ?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,
बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस
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लेखक : देव श्रीवास्तव