अब आगे,
राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर को अपनी कार से बांध कर घसीटते हुए ले जा रहे थे और उस की हालत तो राजवीर और उस के दोस्त अभय के पर्सनल बॉडीगार्ड देव और राज के मारने से वैसे ही खराब हो चुकी थी और अब ऐसे कार के पीछे घसीटते हुए जाने से वो लगभग आध मरी हुई हालत में लग रहा था..!
तभी राजवीर को किसी आदमी का कॉल आया और जिस को राजवीर ने रिसीव कर लिया तो अब उस आदमी ने राजवीर से कहा, "बॉस, उन लोगो को हम ने ढूंढ लिया है अब आप बताए कि उनके साथ क्या करना है...!"
उस आदमी की बात सुन कर अब राजवीर ने उस आदमी से कहा, "अच्छे से खातेदारी करो उन लोगो की और मै वहा पहुंच जाऊं तो सिर्फ उस के मुंह से सच ही बाहर आना चाहिए, समझ में आया...!"
राजवीर की बात सुन कर अब उस आदमी ने राजवीर से कहा, "जी बॉस...!"
उस आदमी की बात सुन कर अब राजवीर ने अपने वफादार ड्राइवर दीपक से कहा, "दीपक गाड़ी रोको और उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर को कार की डिकी में डाल दो, साथ में कार को जंगल की तरफ मोड़ लो...!"
राजवीर की बात सुन कर अब उस के वफादार ड्राइवर दीपक ने ठीक वैसा ही किया और अब कार को जंगल की तरफ मोड़ दिया और साथ में जितनी भी कार राजवीर को फॉलो कर रही थी वो सब भी जंगल की तरफ जाने लगी..!
अभय, राजवीर को अच्छे से जानता था इसलिए उस के ऐसे अचानक से जंगल की तरफ जाने पर भी अभय ने राजवीर से कुछ नही कहा..!
करीब एक घंटे बाद,
राजवीर और उस का दोस्त अभय की ब्लैक बुलेट प्रूफ लक्जरी कार जंगल के रास्ते पर बहुत ही अंदर जा रही थी और अब राजवीर और उस का दोस्त अभय की ब्लैक बुलेट प्रूफ लक्जरी कार एक बहुत बड़ी हवेली के सामने आकर रुक गई और वो हवेली दिखने में किसी भूतिया हवेली जैसी लग रही थी..!
अब राजवीर और उस का दोस्त अभय अपनी अपनी कार से बाहर आ गए और राजवीर के कुछ बॉडीगार्ड्स अब उस 55 वर्षीय आदमी अमर के साथ उस भूतिया हवेली के बाहर ही खड़े हो गए थे..!
और अब राजवीर और उस का दोस्त अभय उस भूतिया हवेली में अंदर जाने लगे और साथ में राजवीर और अभय के पर्सनल बॉडीगार्ड और पी ए भी जाने लगे..!
वही वो 55 वर्षीय आदमी अमर की उस घने जंगल में हालत खराब हो रही थी क्योंकि उस घने जंगल में शाम होने की वजह से अब अंधेरा छाने लग गया था और साथ में जंगली जानवरों की आवाजे आ रही थी, जिस से उन 55 वर्षीय आदमी अमर ने अब अपने मन में कहा, "हे बाके बिहारी (भगवान) मुझे मेरे घर सही सलामत पहुंचा देना नही तो मेरे बच्चे अनाथ हो जायेंगे..!"
राजवीर और उस का दोस्त अभय अभी उस भूतिया हवेली में थोड़े अंदर गए ही थे कि वहा किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाजे आने लगी और कोई सामान्य व्यक्ति उन की चीखे और चिल्लाने की आवाजे सुन ले तो उस की अंदर तक की रूह तक कांप उठेगी...!
और वहा खड़े उस भूतिया हवेली में राजवीर के बॉडीगार्ड्स को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था उन को देख कर लग रहा था कि जैसे कुछ हुआ ही न हो...!
वो बॉडीगार्ड्स, राजवीर और उस के दोस्त अभय को देख ग्रीट करने लगे और अब वो दोनो एक बड़े से अंधेरे कमरे की तरफ मुड़ गए, जहा करीब 3 लोगो को जंजीरों से बांधा हुआ था और उन लोगो को बेरहमी से मारा जा रहा था..!
अब राजवीर अपनी किंग साइज कुर्सी पर बैठ गया और उस का दोस्त अभय उस के साइड में रखी हुई कुर्सी पर बैठ गया और दोनो के पर्सनल बॉडीगार्ड और पी ए दोनो के अगल बगल में खड़े हो गए..!
राजवीर ने अपने कोट को उतार दिया था और वो अब अपनी व्हाइट शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल कर एक हाथ में अपनी लाइसेंस गन को लेकर अपनी किंग साइज कुर्सी पर किसी "डेविल" की तरह बैठा हुआ था..!
तभी उन तीनो आदमियों में से एक आदमी अब रेंगते हुए राजवीर के पैरो तक आ गया और राजवीर से गिरगिराते हुए कहने लगा, "डेविल, मैने कुछ भी जानबूझ कर नही क्या, प्लीज मुझे कर दो, आज के बाद ऐसा कभी नहीं करूंगा..!"
उस आदमी की बात सुन कर अब राजवीर ने अपनी गन उस आदमी पर प्वाइंट करते हुए उस से कहा, "तुम्हे पता तो है मोहित, मुझे धोखा बिलकुल भी बर्दाश्त नही है और फिर भी तुम ने मुझे धोखा देने की कोशिश करी और वो भी अपने इन दो साथियों के साथ मिल कर...!"
राजवीर अपनी बात कह कर, उस आदमी मोहित की ओर झुक गया और राजवीर की दोनो आंखो में तूफान जैसा कुछ नजर आ रहा था जिसे देख उस आदमी मोहित की हालत खराब हो रही थी..!
दरअसल, मोहित राजवीर के खास आदमियों में से एक हुआ करता था पर कल रात जब राजवीर ने दिल्ली से बनारस आने का सोचा तो मोहित ने राजवीर के दुश्मनों के साथ मिलकर उस की जान लेने के लिए प्लान बना लिया था..!
और साथ मे राजवीर के दुश्मनों को उस के नए प्रोजेक्ट के बारे मे बता कर उस का अरबों रुपयों का नुकसान करवा दिया था..!
राजवीर की भनायक आवाज सुन कर, मोहित की हालत खराब होने लग गई थी और अब उस के अपने चेहरे पर आया पसीना पोंछ लिया और राजवीर से कहा, "डेविल, प्लीज मेरा भरोसा कीजिए, मैने कुछ भी नही किया है..!"
मोहित की बात सुन कर अब राजवीर ने अपनी कड़क आवाज में मोहित से कहा, "मुझे पता चल गया है कि तुम मेरे दुश्मनों से मिल गए हो और आज सुबह बनारस आते समय तुम ने ही मुझ पर हमला करवाया था मुझे मारने के लिए, तुम्हे क्या लगा मुझे पता नही चलेगा...!"
राजवीर अपनी बात कह कर अब मोहित की आंखो में देख रहा था और वही मोहित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी थी..!
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।