Devil Ceo Ki Mohabbat - 27 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 27

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 27

अब आगे,

 

आराध्या के बेहोश होने के बाद,

 

उस शक्श ने अपनी बाहों में झूल रही आराध्या को देखा और एक डेविल स्माइल देते हुए अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहने लगा, "मै ये करना नही चाहता था पर तुम ने मुझे मजबूर किया ये सब करने के लिए, खेर छोड़ो जो कुछ भी हुआ हो पर अब तो तुम हमेशा मेरे साथ और मेरे पास ही रहोगी...!"

 

अपनी बात कह कर उस शक्श ने आराध्या को अपनी गोद मे उठा लिया और कार में जाकर उस को अपनी गोद में लेकर ही बैठ गया और साथ में अपनी ड्राइवर से कह कर कार का पार्टीशन ऑन करवा लिया और जिस के ऑन होने पर अब उस शक्श ने आराध्या का सिर अपने कंधे पर रख लिया...!

 

और उस को बड़ी ही प्यार से देखने लगा और साथ ही अपने एक हाथ की उंगलियों को आराध्या के चेहरे पर फेर रहा था और साथ में उस शक्श की नजर बार बार आराध्या के होटों पर आकर ही रुक रही थी और वो शक्श बार बार अपना सलाइवा गटक रहा था क्योंकि वो आराध्या पर से अपना कंट्रोल खोता जा रहा था..!

 

इसलिए अब उस शक्श ने थोड़े गुस्से से अपने ड्राइवर से कहा, "जल्द से जल्द मुझे मेरे विला लेकर चलो और अगर तुम ने मुझे 15 मिनट में मेरे विला पहुंचा दिया तो तुम्हे मेरी तरफ से 1 करोड़ का इनाम मिलेगा और अगर नही पहुंचा पाए तो तुम्हे मेरे भूखे शेर के आगे डाल दिया जाएगा..!"

 

उस शक्श की बात सुन कर अब उस के ड्राइवर के होश ही उड़ गए और उस के मुंह से तो एक शब्द भी नही निकल रहा था पर अपनी जान बचाने के लिए वो अब कुछ भी कर सकता था..!

 

बस इसलिए ही उस ने कार में गेयर डाल कर कार की स्पीड बढ़ा दी और अब उस शक्श के ड्राइवर को अपनी जान से ज्यादा कुछ नजर नही आ रहा था..!

 

वही दूसरी तरफ, कॉलेज में,

 

जानवी अपनी सारी क्लास लेकर फ्री ही हुई थी कि उस को क्लास के बाहर राहुल मिल गया और वो, जानवी से कहने लगा, "चलो ना कही बाहर चलते हैं और तो और आज आराध्या भी नही है तो तुम अकेली क्या करोगी तो आज हमारे पास अच्छा मौका है तो कही घूमने चलते हैं जिस से हम दोनो एक दूसरे के साथ समय बिता लेंगे..!"

 

राहुल की बात सुन कर अब जानवी ने मुस्कराते हुए उस से कहने लगी, "अच्छा बाबा, चलते हैं बस मै एक बार आराध्या से उस की तबीयत के बारे मे पूछ लू..!"

 

आराध्या का नाम सुनते ही राहुल का मुंह बन गया पर उस ने जानवी से कुछ नही कहा क्योंकि राहुल आज अपना अच्छा खासा मूड खराब नही करना चाहता था..!

 

दरअसल राहुल, आराध्या को बिलकुल भी पसंद नही करता था क्योंकि जानवी, हर वक्त सिर्फ आराध्या के बारे में ही सोचती रहती थी और जानवी, आराध्या को अपनी फर्स्ट प्रायोरिटी मानती थी..!

 

और उस का एक कारण ये भी था कि जब आराध्या कॉलेज नही आया करती थी तो भी जानवी, राहुल पर ध्यान न देकर आराध्या पर ही अपना सारा ध्यान रखती थी जिस की वजह से राहुल और जानवी का बहुत बार आराध्या को लेकर ही झगड़ा होता था..!

 

जब जानवी ने अपने बैग में से अपना फोन निकल कर देखा तो उस मे आराध्या की इतनी सारी मिस कॉल पड़ी हुई थी जिसे देख कर जानवी कन्फ्यूज होकर अपने आप में बड़बड़ाने लगी, "इस ने मुझे इतनी सारी कॉल क्यू करी होगी, कही ये किसी परेशानी मे तो नही फंस गई न..!"

 

अपनी बात कह कर जानवी घबराते हुए आराध्या को कॉल करने लगी पर पहली बार मे आराध्या का फोन नही लगा जिस पर जानवी फिर से अपने आप में बड़बड़ाने लगी, "ये लड़की मेरा फोन क्यू नही उठा रही है जब कि ये अपने फोन से एक मिनट भी दूर नही रह सकती हैं..!"

 

अपनी बात कह कर जानवी, आराध्या को दुबारा से कॉल लगा दिया तो इस बार आराध्या फोन रिसीव कर लिया पर आराध्या की साइड से कोई बोल पता उस से पहले ही जानवी फिकर करते हुए उस से कहने लगी, "अरु तू कहा है और तूने मुझे इतने सारे कॉल क्यू करे थे, अब बोल भी कि तूने मेरा फोन पहली कॉल पर क्यू नही उठाया...?"

 

जानवी बोले जा रही थी और वही आराध्या की साइड से किसी लड़के के आवाज आई जो जानवी से पूछने लगा, "जी, आप कौन बोल रही है...?"

 

उस लड़के की बात सुन कर अब जानवी को समझ नही आ रहा था कि कौन बात कर रहा है और फिर थोड़ी कन्फ्यूज होकर वापस उस लड़के से पूछने लगी, "ये फोन मेरी दोस्त अरु का है और आप के पास केसे आया और मेरी दोस्त कहा है, क्या आप मुझे बता सकते हैं..?"

 

जानवी की बात सुन कर अब वो लड़का, जानवी ने कहने लगा, "जी आप की दोस्त कहा है ये तो मुझे नही पता पर ये फोन मुझे इस रास्ते पर पड़ा हुआ मिला तो मैने सब की नजरों से बचा कर इस को वहा से उठा लिया..!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।