Devil Ceo Ki Mohabbat - 25 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 25

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 25

अब आगे,

दूसरी तरफ, अर्जुन का विला,

अर्जुन अपने विला के हॉल में किसी राजा की तरह बैठा हुआ होता है, इस समय उस के सामने शीशे की मेज पर एक फाइल रखी हुई थी जो उस का ही एक खास आदमी उस को देकर गया था, अर्जुन ने कुछ देर तक उस फाइल पर लिखे नाम को देखा और उस के बाद उस फाइल को उठाकर पढ़ने लगता है।

अर्जुन ने कुछ देर तक उस फाइल को पड़ा और उस के बाद एक डेविल स्माइल देते हुए अपने ही आप से कहा, " ओ तो मेरी आराध्या बेबी, इसी दिल्ली के कॉलेज में पढ़ती है और उस की फैमिली यहां न रहकर बरेली में रहती है तो इस का मतलब मेरी आराध्या बेबी इस शहर में अकेली है तो कोई बात नही है मै तो हु ना उस को अपना साथ देने के लिए तो तैयार हो जाओ मेरी आराध्या बेबी, मेरे पास हमेशा के लिए रहने के लिए...!" अपनी बात कहकर अर्जुन अपने बॉडीगार्ड के साथ अपने विला से बाहर निकल जाता है।

दूसरी तरफ,

जानवी अपने कॉलेज की तरफ पैदल ही जा रही होती है तभी उस के पास एक कार आकर रुक जाती हैं तो जानवी कन्फ्यूज होकर उस शक्श को देखने के लिए थोड़ा सा झुक जाती हैं जिससे जब वो, उस कार में बैठे हुए शक्श को देखती है तो जानवी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

और जानवी उस कार में बैठे हुए शक्श को देखते हुए उस से कहती है, " राहुल, तुम यहां क्या कर रहे हो..? और क्या तुम कॉलेज जा रहे हो तो हम दोनो साथ में ही चलते हैं क्योंकि मैं भी कॉलेज ही जा रही हु...!"

जानवी की बात सुन कर, राहुल ने अपनी कार का दरवाजा खोल दिया और जानवी, राहुल की कार में बैठ जाती है। जानवी के कार में बैठते ही राहुल ने अपनी कार दुबारा से स्टार्ट करी और वहा से चला गया।

गर्ल्स हॉस्टल में, आराध्या का कमरा,

वही आराध्या तैयार होकर अपने बाथरूम से बाहर आती हैं। और अपना फोन चार्जिंग से हटा कर, अपना कॉलेज बैग उठा लेती हैं साथ में अपनी अलमीरा से कुछ रुपए लेकर अपने पर्स में रख लेती है।

आज आराध्या ने रेड कलर की ऑफ शोल्डर कुर्ती और व्हाइट प्लाजो पहना हुआ होता है और अपने काले घने बालो को खुला ही छोड़ दिया होता है क्योंकि हमारी आराध्या को अपने बालो को खुला रखना अच्छा लगता है।

अब आराध्या अपने कमरे की सारी लाइट्स ऑफ करके, कमरे को अच्छे से लॉक कर देती हैं। और फिर गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन के पास जाकर रजिस्टर में एंट्री करने लगती है और एंट्री करने के बाद आराध्या गर्ल्स हॉस्टल के बाहर निकल जाती हैं।

जब आराध्या अपने गर्ल्स हॉस्टल के गेट पर एंट्री कर रही होती हैं तो इस बात से अनजान की कोई उस पर अपनी नजर रखे हुए है आराध्या, कॉलेज के बाहर निकल कर बुक स्टोर की तरफ बढ़ जाती हैं।

आराध्या जिस रोड से बुक स्टोर की तरफ जा रही होती हैं तो वहा सारी दुकान बंद होती हैं क्युकी आज सोमवार होता है और वहा पर इस दिन पर पूरा बाजार बंद होता है और जैसे जैसे आराध्या आगे बढ़ रही होती है तो रास्ता सुनसान होने लगता है क्यूंकि आराध्या जिस बुक स्टोर से बुक्स बगैरा लेती है वो मेन मार्केट से थोड़ा आगे जाकर है।

साथ में एक वही बुक स्टोर है जो सोमवार के दिन भी खुली रहती हैं बस इसलिए ही आराध्या वहा जा रही होती हैं अब आराध्या वहा पर जल्दी पहुंचने के लिए शॉर्ट कट का रास्ता ले लेती है, जहा बहुत ही कम लोग आया जाया करते हैं आराध्या तो अपनी ही धुन में चल रही होती हैं पर अचानक से उस को एहसास होता है कि कोई उस का पीछा कर रहा है।

और इसी तरह जब आराध्या को महसूस हुआ कि कोई उस के पीछे है तो आराध्या घबराते हुए जल्दी से पीछे मुड़ कर देखती है पर वहा कोई नही होता है।

आराध्या को जब अपने पीछे कोई नजर नही आया तो अब आगे बढ़ने लगती हैं पर उस की रफ्तार अब पहले से ज्यादा तेज हो जाती हैं क्योंकि उस ने खुद अपनी आंखो से तेज धूप में अपने पीछे किसी की परछाई देखी थी पर जब उस ने अपने पीछे देखा तो कोई नही था इसलिए अब आराध्या को डर लग रहा होता है।

कुछ देर ऐसे ही चलने के बाद, फिर से आराध्या को अपने पीछे किसी का होना महसूस होने लगता है तो इस बार आराध्या डर कर भागने लगती हैं साथ में जब उस शक्श ने जब देखा कि आराध्या डर कर भाग रही है तो वो भी आराध्या का पीछा करने के लिए उस के पीछे भागने लगता है....!

To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।