Devil Ceo Ki Mohabbat - 22 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 22

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 22

अब आगे,

 

अर्जुन की बात सुन कर, आराध्या ने कुछ नही कहा था वो तो बस अर्जुन को ही देख रही थी..!

 

और जब अर्जुन ने देखा कि आराध्या उस की बात का कोई जवाब नही दे रही थी तो अब उस ने बिना समय गंवाए आराध्या के होटों को अपने होटों की गिरफ्त में ले लिया और आराध्या के लोअर लिप को अपने होटों से सक करने लगा..!

 

अर्जुन और आराध्या एक दूसरे को किस कर रहे थे तभी अर्जुन, आराध्या को पहले बहुत सॉफ्ट किस कर रहा था और समय के साथ वो किस हार्ड और वाइल्ड होने लगी..!

 

अर्जुन, आराध्या को किस कर रहा था तो उस को बहुत एक्साइटमेंट हो रही थी जिस वजह से अर्जुन, आराध्या के लोअर होटों पर बाइट भी रहा था..!

 

पर समय के साथ इस बार अर्जुन ने आराध्या के होटों पर कस कर बाइट कर लिया था जिस से आराध्या को बहुत ज्यादा दर्द महसूस हुआ..!

 

तो आराध्या ने अर्जुन को उस के कंधे से पकड़ कर अपनी पूरी ताकत से धक्का दे दिया और जिस से वो थोड़ा दूर हट गया और आराध्या के ऐसे धक्का देने से अर्जुन उस से एक कदम पीछे हट गया..!

 

और अब अर्जुन, आराध्या को कन्फ्यूज होकर देखने लगा और साथ में अराध्या से पूछा, "क्या हुआ ब्यूटीफुल तुम ने मुझे धक्का क्यू दिया...?"

 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए उस से कहा, "आप ने मुझे इतनी जोर से मेरे होटों पर बाइट क्यू किया...!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अर्जुन ने फिर से अपने एक हाथ से आराध्या की कमर को पकड़ कर एक बार फिर अपने करीब कर लिया..!

 

और अपने दूसरे हाथ के अंगूठे से उस के होटों के पास से आ रहा खून साफ करते हुए उस से कहने लगा, "अब "अर्जुन सिंह शेखावत" ने किसी लड़की को पहली बार किस किया है तो तुम्हे थोड़ा सा दर्द तो होगा ही ना..!"

 

अर्जुन ने अपनी बात कह कर, एक बार फिर से आराध्या के होटों को देख कर उस को किस करने के लिए उस की तरफ बढ़ रहा था तभी उस का फोन रिंग करने लगा और उस ने पहली रिंग को तो इग्नोर कर के फिर से अराध्या की तरफ बढ़ने लगा ही था कि..!

 

फिर से फोन की रिंग सुन कर अब अर्जुन को गुस्सा आने लगा और वो अपने गुस्से से अपनी कोट की जेब को देख रहा था और अब उस ने अपने कोट की जेब से अपना फोन निकल लिया तो..!

 

जब उस ने अपने फोन पर शो हो रहे अपने दोस्त समीर का नाम देखा तो अर्जुन ने एक नजर आराध्या को देखा..!

 

और फिर अपने इकलौते दोस्त समीर के कॉल को और फिर अर्जुन ने आराध्या से मुस्कराते हुए अब उस से कहा, "तुम यही रुको, मै एक कॉल अटेंड करके आता हु...!"

 

अर्जुन ने अपनी बात आराध्या से कह कर अपना हाथ आराध्या की कमर पर से हटा लिया और फिर अपने इकलौते दोस्त समीर से बात करने के लिए दूसरी तरफ चला गया..!

 

अर्जुन ने अपने इकलौते दोस्त समीर का कॉल रिसीव कर लिया और गुस्से से अपने इकलौते दोस्त समीर से कहने लगा, "ऐसा भी क्या काम आ गया था जो तुम ने मुझे कॉल किया है...?"

 

अर्जुन की बात सुन कर, समीर को समझ में नही आ रहा था कि आखिर उस का दोस्त अर्जुन उस पर किस बात के लिए गुस्सा कर रहा था..!

 

तो समीर ने अपने दोस्त अर्जुन से कन्फ्यूज होते हुए उस से पूछा, "अरे यार तू, मुझ पर इतना गुस्सा क्यों हो रहा है जबकि मैने तो तुझे ये बताने के लिए कॉल करा था कि हमारी मीटिंग अच्छी रही और वो लोग हमारी सारी शर्ते मानने के लिए तैयार है तो तू जल्दी से आ जा हम मिल कर सेलिबेट करते हैं...!"

 

अपने इकलौते दोस्त समीर की बात सुन कर, अब अर्जुन ने उस से शांत मगर थोड़े गुस्से से कहा, "ठीक है, मै थोड़ी देर बाद आऊंगा...!"

 

अर्जुन ने अपनी बात कह कर अपने इकलौते दोस्त समीर का कॉल कट कर दिया और जैसे ही पीछे मुड़ा तो सामने का नजारा देख कर वो थोड़ा हैरान रह गया क्योंकि उस ने देखा कि वहा आराध्या नही थी, जहा खुद अर्जुन उस को छोड़ कर गया था..!

 

आराध्या को वहा न देख कर, अर्जुन वहा पर गया और इधर उधर देखने लगा, अर्जुन ने आराध्या को वहा बहुत ढूंढा पर वह उस को वहा कही नही मिली..!

 

अब अर्जुन वहा पहुंच गया जहा कॉलेज स्टूडेंट की पार्टी हो रही थी पर आराध्या, अर्जुन को वहा कही नही मिली तो अब अर्जुन, आराध्या को ढूंढते हुए उस रेस्तरां से बाहर निकल गया..!

 

अर्जुन उस रेस्तरां से बाहर आने के बाद आराध्या को इधर उधर देखने लगा पर अर्जुन को आराध्या कही भी नजर नही आ रही थी..!

 

अब अर्जुन को आराध्या कही नजर नही आ रही थी और अब अर्जुन ने आराध्या के बारे में सोचते हुए अपने आप में बड़बड़ाने लगा, "बेबी, तुम कहां चली गई हो, आई होप हम जल्द ही मिलेंगे...!"

 

अर्जुन अपनी बात कह कर, अपने कोट की जेब से अपना फोन निकल लिया और किसी को कॉल करते हुए उस आदमी से कहने लगा, "इस रेस्तरां मे कुछ देर पहले "आराध्या श्रीवास्तव" नाम से एक लड़की थी, मुझे अगले दो घंटे में उस लड़की की सारी इंफॉर्मेशन चाहिए और ऐसा नही हुआ तो तुम जानते ही हो कि मै, तुम्हारे साथ क्या कर सकता हु और ये मुझे तुम्हे बताने की जरूरत नही है...!"

 

अपनी बात कह कर अर्जुन अपना फोन अपने कोट की जेब में रख दिया और एक डेविल स्माइल करते हुए खुद से कहने लगा, "बेबी, अब तुम बहुत जल्दी मेरे पास होगी...!"

 

अपनी बात कह कर अर्जुन अब आराध्या के बारे मे सोचने लगा..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।