Devil Ceo Ki Mohabbat - 21 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 21

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 21

अब आगे,

 

आराध्या पार्टी हॉल में जाने के लिए कोरिडोर की दीवारों का सहारा लेती हुई जा रही थी तभी अचानक से उस के पैर आपस मे ही उलझ गए तो वो नीचे की तरफ गिरने ही वाली थी कि..!

 

तभी अचानक से किसी अनजान शख्स ने उस को अपनी बाहों में थाम लिया और जिस कारण वो नीचे नही गिरी पर उस अनजान शख्स के खींचने से आराध्या उस के सीने से जा लगी..!

 

उस अनजान शख्स के सीने से लगने के बाद आराध्या अपना सिर उठा कर उस अनजान शक्श को देखने लगी पर आराध्या इस समय पूरे नशे मे होने की वजह से उस को वो अनजान शख्स का चेहरा धुंधला धुंधला सा दिखाई दे रहा था..!

 

आराध्या उस अनजान शख्स को देख रही थी और फिर नशे की वजह से अपनी लड़खड़ाती आवाज में उस अनजान शख्स से कहा, "था...थैंक यू...!"

 

आराध्या की लड़खड़ाती आवाज को सुन कर वो अनजान शख्स आराध्या की कमर में अपना हाथ डालते ही उस को अपने करीब करते हुए उस से पूछने लगा, "क्या तुम ने शराब पी रखी है...?"

 

उस अनजान शख्स की बात सुन कर, आराध्या अपनी आंखो को पूरी तरह खोलने की कोशिश करते हुए उस अनजान शक्श से कहने लगी, "नही तो, आप से किस ने कहा कि मैंने शराब पी है और देखो ना मै तो अपने पूरे होश में हु...!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब वो अनजान शख्स मुस्कराने लगा और अपने एक हाथ से आराध्या के चेहरे पर आ रहे उस के बालो को हटाते हुए उस से कहने लगा, "सच में, जबकि ना तुम ठीक से बोल पा रही हो और न ही ठीक से चल पा रही हो और तुम कह रही हो कि तुम ने शराब नही पी है...!"

 

उस अनजान शख्स की बात सुन कर अब आराध्या ने अपनी बात पर जोर देते हुए उस अनजान शख्स से कहा, "हां, मैने शराब नही पी है समझ में आया आप को मि...मिस्टर अजनबी...!"

 

आराध्या की बात सुन कर, उस अनजान शख्स ने अपनी आंखो को छोटा करते हुए आराध्या को देखते हुए उस से कहा, "मिस्टर अजनबी...!"

 

उस अनजान शख्स की बात सुन कर अब आराध्या ने किसी मासूम बच्ची की तरह उस से कहने लगी, "हां, आप मिस्टर अजनबी हो क्योंकि मैं आप को जानती नही हु ना, इसलिए...!"

 

आराध्या की बात सुन कर अब उस अनजान शख्स के चेहरे पर मुस्कान आ गई और अब वो अनजान शख्स, आराध्या को देखते हुए उस से कहने लगा, "क्या सच में तुम्हे नही पता है कि मै कौन हु...!"

 

उस अनजान शख्स की बात सुन कर आराध्या ने फिर किसी छोटी बच्ची की तरह अपना सिर न मे घूमा दिया और आराध्या की इस हरकत पर वो अनजान शख्स उस को ही देखने लगा..!

 

और उस के चेहरे से उस की मुस्कान जाने का ही नाम नही ले रही थी और अब वो अनजान शख्स ने आराध्या को देखते हुए उस से पूछा, "अगर मैं तुम्हे बताना चाहु कि मै कौन हु तो क्या तुम जानना चाहोगी...?"

 

उस अनजान शख्स की बात सुन कर, अब आराध्या फिर से किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह अपना सिर हां मे हिला दिया और जिस को देख कर अब उस अनजान शख्स ने उस से कहा, "मेरा नाम "अर्जुन सिंह शेखावत" है..!"

 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या ने अपनी लड़खड़ाती आवाज में अर्जुन से कहा, "अ...अर्जुन अच्छा नाम है...!"

 

आराध्या की बात सुन कर अब अर्जुन उस को देखते हुए अराध्या से पूछने लगा, "क्या तुम, मुझे अपना नाम नही बताओगी...?"

 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या ने अर्जुन से कहा, "क्यू नही, में...मेरा नाम "आराध्या श्रीवास्तव" है...!"

 

आराध्या की बात सुन कर अब अर्जुन ने अराध्या के हाथ को अपने हाथ में पकड़ लिया और आराध्या को देखते हुए उस से बोला, "तो तुम्हारा नाम आराध्या है, सही कहा ना, मैने...!"

 

अर्जुन की बात सुन कर आराध्या ने फिर किसी मासूम बच्ची की तरह अपना सिर हां मे हिला दिया और आराध्या को देख कर अब अर्जुन ने अराध्या को एक तिरछी नजर से देखा..!

 

और अर्जुन अब आराध्या से कहने लगा, "सो ब्यूटीफुल नेम फॉर ब्यूटीफुल गर्ल..!"

 

अर्जुन की बात सुन कर, अब आराध्या ने अर्जुन को देखा और अब अर्जुन से कहने लगी, "आप के कहने का मतलब है कि मै ब्यूटीफुल हु, क्या सच में...!"

 

आराध्या की बात सुन कर अब अर्जुन थोड़ा सा मुस्कराया और फिर आराध्या के चेहरे को अपने हाथ से छूते हुए अराध्या से कहने लगा, "हां, तुम सच में बहुत ब्यूटीफुल हो, तुम्हारी ये आंखे, ये नाक, ये गाल...!"

 

और फिर अर्जुन ने आराध्या के होटों को देख कर अपने हाथ के अंगूठे से उस के होटों को छूते हुए अपना स्लायवा गटक लिया और आराध्या से कहा, "और ये तुम्हारे सुर्ख गुलाबी होंठ सब से ज्यादा ब्यूटीफुल है और तुम्हारे होटों को देख कर मन कर रहा है कि मैं तुम्हे किस कर लू और तुम्हे कैसे बताऊं कि मै अपने आप को केसे संभाल पा रहा हु...!"

 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या ने थोड़ा सा मुस्करा दिया और फिर अपने नशे के हालात में अर्जुन से कहा, "तो कर लो, आप को रोक कौन रहा है...!"

 

आराध्या की बात सुन कर अब अर्जुन ने अपनी एक आईब्रो ऊपर उठा कर आराध्या को देखा और फिर आराध्या को देखते हुए मुस्कराते हुए उस से कहने लगा, "एक बार फिर सोच लो क्योंकि अगर "अर्जुन सिंह शेखावत" ने तुम्हे छुआ तो फिर कोई और तुम्हे कभी छू नहीं पाएगा...!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।