Devil Ceo Ki Daring Wife - 16 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 16

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 16

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 16 

 

"समीर की नजर रिया पर ठहर जाना...!"

 

अब आगे,  

 

फिर कुछ देर बाद, सिंघानिया हॉल की सारी लाइट्स ऑफ हो जाती हैं जिसे देख सब कुछ कहते उससे पहले ही एक व्हाइट लाइट स्पॉट सीढ़ियों की तरफ पड़ती हैं जहा से रिया नीचे हॉल की तरफ आ रही होती है..!

 

आज रिया ने ब्लैक एंड व्हाइट कॉमिनेशन मीडियम लेंथ ऑफ शोल्डर इवनिंग गाउन पहना हुआ होता है साथ मे हल्का से मेकअप किया हुआ होता है जिसमें रिया आज बहुत ही खूबसूरत लग रही होती हैं..!

 

रिया को देख कर, समीर की तो उस पर नजर ही ठहर जाती है वही जब रिया नीचे आती है तो अमृत तालिया बजाना शुरू कर देता है जिसे सुनकर समीर अपने होश में आ जाता है...!

 

वही समीर को ऐसा व्यवहार करते देख कर, अमृत उस के पास चला जाता हैं और उस के कान के पास जाकर उस से कहता है,

 

" भई अगर तुम्हारा, मेरी छुटकी को देखना हो गया हो तो केक कटिंग करवाए..!"

 

अमृत की बात सुन कर, समीर थोड़ा झेप जाता है और अब रिया की तरफ जाने लगता है तो वही अमृत, समीर को देख कर मुस्करा रहा होता है..!

 

अब शिवानी जी, रिया को डाटते हुए उससे कहती है है,

 

" इतना समय लगता है तैयार होने में...?"

 

शिवानी जी की बात सुनकर, रिया अपना मुंह बनाते हुए उनसे कहती हैं,

 

" मां, जब देखो आप मुझे ही डाटती रहती हो जबकि मैने इस बार कोई भी गलती नही है वो तो ये ड्रेस ही इतनी उलझी हुई थी मेरा इसको पहना ही मुश्किल ही गया है पता नही कौन लेकर आया है इस ड्रेस को..!"

 

जब समीर, रिया की बात सुनता है तो उसको घूरने लगता है वही जब रिया जो अपने ऊपर किसी की नजर महसूस होती हैं तो वो देखती है कि समीर उसको घूर रहा होता है तो वो अपने ही आपसे कहती हैं,

 

" भला अब इनको क्या हो गया है जो मुझे ऐसे घूर कर देख रहे हैं..!"

 

रिया की बात सुन कर, अब शिवानी जी कुछ बोलने को होती हैं कि उससे पहले ही सरला जी शिवानी जी से कहती हैं,

 

" छोड़ो ये सब बाते और अब जल्दी से केक कटिंग करवाओ..!"

 

अब सरला जी की बात सुन कर, अब संजना जी नौकरों से कहकर एक बड़ा सा चॉकलेट केक मंगवा लेती है तो..!

 

जिसे देख रिया बहुत ही खुश हो जाती हैं और अब अपना फेवरेट चॉकलेट केक काटने लगती है तो फिर पूरा सिंघानिया परिवार उसको उसके जन्मदिन की बधाई देते हुए कहते हैं,

 

"हैप्पी बर्थडे टू यू रिया...!"

 

सबकी बात सुनकर, अब रिया अपने जवाब में उन सबको कहती हैं,

 

" थैंक यू सो मच...!"

 

अब रिया केक कटिंग करने के बाद, सबसे पहले रघुवीर जी और सरला जी को खिलाती है और फिर उसके बाद, विनोद जी और संजना जी को खिलाती हैं और आखिर में, रुद्रांश, सिद्धार्थ, राजीव, श्रेया और यश को खिलाती हैं पर अवनी और समीर को नही खिलाती है क्योंकि समीर उसको घूर कर देख रहा होता है और अवनी से उसकी ज्यादा बनती नही है..!

 

रिया के समीर को केक न खिलाने की वजह से अब वो और भी ज्यादा उसको घूर कर देख रहा होता है तो अमृत उसके पास जाकर उससे कहता है,

 

" क्या समीर, मेरी छुटकी को घूर घूर कर नजर लगाने का इरादा है..!"

 

वही अमृत की बात सुनकर, समीर उसको कहता है,

 

" मुझे गुस्सा मत दिला...!"

 

समीर की बात सुनकर, अमृत मुस्करा देता है तो समीर उस को एक नजर घूर कर देता है पर अब भी समीर की नजर रिया के ऊपर से हट ही नहीं रही होती है...!

 

सिंघानिया परिवार इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देता है कि रिया ने समीर और अवनी को अपना बर्थडे केक नही खिलाया है, अब रिया सिंघानिया परिवार से कहती है,

 

" अब आप सब मेरा गिफ्ट दीजिए..!"

 

रिया की बात सुनकर, सबसे पहले रघुवीर जी और सरला जी उसके पास जाते हैं और उसको एक ब्लैंक चेक देते हुए उससे कहते है,

 

" ये लो हमारी तरफ से तुम्हे जो कुछ भी लेना हो वो ले लेना..!"

 

रघुवीर जी और सरला जी की बात सुनकर रिया बहुत ज्यादा खुश हो जाती हैं मगर वो, उन दोनो द्वारा दिया हुआ ब्लैक चेक वापस करते हुए कहती है,

 

" इसकी कोई जरूरत नही है दादू और दादी मां बल्कि आप लोगो का होना और आपका आशीर्वाद भी मेरे लिए काफी है और रही बात मुझे कुछ भी लेने की तो आज तक जो भी मैने चाहा है वो मुझे बिन मांगे ही मिल गया है तो इस सबकी कोई जरूरत नही है..!"

 

रिया की इतनी सारी और प्यारी बाते सुनकर, रघुवीर जी और सरला जी बहुत खुश हो जाते है और सरला जी तो रिया को अपने गले से लगा लेती हैं वही रघुवीर जी उसके सिर पर अपना हाथ रख देते हैं..!

 

अब रघुवीर जी और सरला जी वहा से साइड हो जाते है तो अब विनोद जी और संजना जी, रिया के पास जाते है और उसको एक गिफ्ट बॉक्स में देते हुए उससे कहते है,

 

" ये लो हमारी तरफ से एक छोटा सा गिफ्ट हमारी छोटी सी राजकुमारी के लिए...!"

 

रिया, विनोद जी और संजना जी द्वारा दिया गिफ्ट पकड़ लेती है और उसको वही खोल कर देखती है तो बहुत ही ज्यादा हैरान रह जाती हैं क्योंकि उसमे एक वेश कीमती और बहुत ही खूबसूरत हीरो का हार होता है और साथ में खुश होते हुए, संजना जी के गले से लग जाती है और उनसे कहती हैं, 

 

" थैंक यू सो मच बड़ी मां..!"

 

अपनी बात कहकर रिया को कुछ याद आता है तो अब वो, संजना जी से पूछती है, 

 

" मगर बड़ी मां, ये तो उस शॉप पर इकलौता पीस था और वो भी किसी के द्वारा खरीदा जा चुका था तो फिर आप मुझे ये केसे दे रही है..?" 

 

रिया की बात सुन कर, अब विनोद जी उससे कहते है, 

 

" तो रिया इसमे कौन सी बड़ी बात है और तुम्हारी पसंद से बढ़कर थोड़ी है ये हीरो का हार और ये तुम्हारी बड़ी मां ने उसको इसका प्राइस दे दिया होगा और ये तुम्हारे लिए ले आई होगी..!"

 

अब रिया की बड़ी मां संजना जी उसकी पसंद का हीरो का हार कैसे लेकर आई होगी जब कि वो तो पहले से ही किसी के द्वारा खरीदा जा चुका था....?

 

To be Continued.....

 

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