Devil Ceo Ki Daring Wife - 11 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 11

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 11

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 11 

 

"रिया का चीखना...!" 

अब आगे

श्रेया की बात सुन, रिया सिंघानिया मैंशन में अंदर जाने लगती है पर आज सिंघानिया मैंशन में सारी लाइट्स बंद होती हैं जिस कारण रिया को कुछ दिखाई नहीं देता हैं तो वो अपने फोन की फ्लैश लाइट ऑन कर देती है..!

साथ में रिया सबके नाम पुकार रही होती हैं,

"मां, पापा, बड़ी मां आप कहा हो और दादी मां आज हमारे घर की लाइट को क्या हो गया है और आप सब कहा है, क्या आप सब को मेरी आवाज आ रही है तो प्लीज कोई तो रिप्लाई दो...!"

उसके ऐसे कहने से घर मे डिम लाइट ऑन हो जाती हैं पर फिर भी रिया को आज डर लग रहा होता है क्योंकि अभी भी चारो तरफ अंधेरा छाया हुआ होता है..!

जिस से पूरा घर किसी भूतिया बगले की तरह लग रहा होता है। फिर रिया थोड़े और अंदर चली जाती है तो अपने आपसे ही कहती हैं,

"क्या सच में ये मेरा ही घर है क्योंकि आज से पहले तो ऐसा कभी कुछ हुआ ही नहीं था ...?"

रिया घर के अंदर जा ही रही होती हैं कि उसकी नजर किसी चीज पर पड़ती है तो उसके बाद उसकी चीख पूरे सिंघानिया मैंशन में गूंज जाती हैं..!

रिया की चीख से समीर जल्दी से सारी लाइट्स ऑन कर देता है और भाग कर उसके पास आ जाता हैं और उससे कहता है,

" रिया...रिया आंखे खोलो, रिया आंखे खोलो... !"

सिंघानिया मैंशन में इस वक्त रघुवीर जी, सरला जी, शिवानी जी, संजीव जी, विनोद जी, संजना जी, सिद्धार्थ, समीर, अमृत, यश और श्रेया भी होती है क्योंकि रिया की आवाज सुन, सिंघानिया मेंशन के मुख्य द्वार के बाहर खड़ी श्रेया भी भाग कर अंदर आ जाती हैं..!

और रुद्रांश, राजीव के साथ अभी तक ऑफिस से नही आया होता हैं और अवनी भी अभी तक अपनी दोस्त के घर से नही आई थी..!

और वैसे भी सिंघानिया मेंशन में ही सब का बर्थडे, एनिवर्सरी या कुछ भी हो वो सब परिवार के लोगो के साथ ही मनाया जाता हैं क्योंकि रुद्रांश के बिज़नेस में बहुत दुश्मन हो गए थे, और इसी कारण जबतक बहुत जरूरी नहीं होता है तबतक किसी को बुलाया नही जाता हैं यहां तक रिश्तेदारों को भी नही..!

समीर, बार बार रिया को उठाने की कोशिश कर रहा होता है पर वो उठ ही नही रही होती हैं जिस कारण समीर बहुत ज्यादा परेशान हो जाता हैं..!

फिर रघुवीर जी, समीर से कहते है,

"समीर, तुम रिया को उसके कमरे में लेकर जाओ..!"

रघुवीर जी की बात सुन, समीर उनसे कहता है,

"ठीक है, दादा जी..!"

फिर समीर, रिया को अपनी गोद में उठाकर उसके कमरे तक ले जाता हैं और उसके कमरे में उसको उसके बेड पर लिटा देता हैं फिर उसके हाथ पैर रगड़ने लगता हैं..!

पर जब उसको लगता हैं रिया को अब भी होश ही नहीं आ रहा है तो समीर, रिया के कमरे से बाहर आता है और सिद्धार्थ से कहता है,

"सिद्धार्थ, जल्दी से डॉक्टर को बुला, रिया को तो अभी तक होश ही नहीं आ रहा है..!"

समीर ने जब ये सब सिद्धार्थ से बोला ही था तभी सिंघानिया मेंशन के मुख्य से रुद्रांश आता हुआ दिखाई देता है और उसके पीछे पीछे राजीव भी सिंघानिया मेंशन मे अंदर आ रहा होता है और साथ में रुद्रांश ने समीर के मुंह से रिया का नाम सुन लिया होता है जिस से वो, रिया के लिए परेशान हो जाता है..!

रुद्रांश ने जैसे ही समीर के मुंह से रिया के बारे में सुना तो वो घबराते हुए समीर से पूछता है,

"क्या हुआ है मेरी छुटकी को...?" अपनी बात कहने के बाद जब समीर, रुद्रांश को देखता है तो वो कुछ नही बोल रहा होता है..!

जिस से रुद्रांश, समीर से दुबारा से पूछता है, पर इस बार थोड़े गुस्से से पूछ रहा होता है,

" समीर, मै तुझ से कुछ पूछ रहा हूं, क्या मेरी छुटकी ठीक है..!"

रुद्रांश का गुस्सा देख कर, अब समीर उससे कहता है,

" वो, रिया बेहोश हो गई है और उसको अब होश नही आ रहा है...!"

समीर की बात सुन कर, रुद्रांश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है क्योंकि रिया मे रुद्रांश की जान बस्ती है और उसको तो रिया पर एक खरोच भी बर्दाश नही है..!

अब रुद्रांश गुस्से से समीर से पूछता है,

" मेरी छुटकी को क्या हुआ है और वो बेहोश केसे हो गई...?"

रुद्रांश के गुस्से को देख, अब अमृत उससे कहता है,

" वो तो किसी को भी नही पता है बस रिया जब सिंघानिया मेंशन में अंदर आई तो वो बहुत तेज से चीखी और फिर अचानक से बेहोश हो गई और अब उसको होश नही आ रहा है इसलिए समीर ने सिद्धार्थ से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा है...!"

अमृत के कहते ही सिद्धार्थ अब अपने फैमिली डॉक्टर को कॉल करने लगता है..!

रुद्रांश ने जब अमृत की बात सुनी तो अब वो जल्दी से सीढ़ियों से ऊपर रिया के कमरे की तरफ जाने लगता है वही यश का डर से बुरा हाल हुआ होता है क्योंकि वो बहुत अच्छे से जानता है कि रुद्रांश की जिंदगी में रिया क्या अहमियत रखती हैं और रुद्रांश, रिया के लिए कितना प्रोटेक्टिव है और वो, रिया के लिए कुछ भी कर सकता है..! 

रिया के अचानक से बेहोश हो जाने से पूरा सिंघानिया परिवार परेशान हो जाता है वही यश थर थर कांप रहा होता है क्योंकि पूरे सिघानिया परिवार को पता है कि रुद्रांश का गुस्सा बहुत ज्यादा ही खतरनाक है और ज्यादातर उसके गुस्से के आगे खुद रघुवीर जी भी कुछ नही कर पाते हैं..!

कुछ देर बाद,

अबतक सिद्धार्थ द्वारा बुलाए जाने पर सिंघानिया परिवार के फैमिली डॉक्टर वहा आ जाते है और रिया के कमरे में उसको अच्छे से चेक कर रहे होते है..!

वही रिया के कमरे के बाहर रुद्रांश, समीर, संजना जी, शिवानी जी और सरला जी खड़ी हुई होती हैं और बाकी सभी लोग सिंघानिया मेंशन के हॉल में खड़े होते है..!

फिर कुछ देर बाद,

सिंघानिया परिवार के फैमिली डॉक्टर रिया के कमरे से बाहर आ जाते है और अब रुद्रांश और समीर दोनो एक साथ ही उन से पूछने के लिए बोल पड़ते हैं,

" कैसी है अब रिया, वो ठीक तो है ना...!"

रुद्रांश और समीर की बात सुन कर, सिंघानिया परिवार के फैमिली डॉक्टर उनसे कहते है,

" देखिए ज्यादा परेशान होने की कोई जरूरत नही है, रिया बिलकुल ठीक है और मैने उसको इंजेक्शन लगा दिया है कुछ देर बाद उसको होश भी आ जायेगा...!"

फैमिली डॉक्टर की बात सुन कर, समीर उनसे कहता है,

" मिस्टर त्रिपाठी, वैसे रिया बेहोश क्यू हो गई थी...?"

समीर की बात सुनकर, वो फैमिली डॉक्टर मिस्टर त्रिपाठी उससे कहते है,

" शायद रिया ने कुछ ऐसा देख लिया है जिस से उसको बहुत ज्यादा डर लगता है और अचानक से वही देखने से उसको एक बड़ा झटका लग गया होगा बस इसी वजह से वो बेहोश हो गाई होगी...!"

फैमिली डॉक्टर की बात सुनकर, अब रुद्रांश सिद्धार्थ को एक नजर देखता है तो सिद्धार्थ समझ जाता है कि रुद्रांश क्या कहना चाह रहा है तो अब सिद्धार्थ, फैमिली डॉक्टर से कहता है,

"आइए मिस्टर त्रिपाठी, मै आपको सिंघानिया मेंशन के बाहर तक छोड़ आता हूं..!"

सिद्धार्थ की बात सुनकर, मिस्टर त्रिपाठी उसके साथ चले जाते है..!

फैमिली डॉक्टर के चले जाने के बाद,

अब रुद्रांश सीढ़ियों से नीचे सिंघानिया हॉल में आ जाता है और आप गुस्से से यश की और देखते हुए उस से पूछता है,

" ऐसा भी क्या प्लान किया था तूने ने जिसे देख कर ही रिया बेहोश हो गई है..?"

रुद्रांश का गुस्सा देख कर ही यश को हालत खराब हो रही थी वही उसके मुंह से रिया के बारे में पूछना ही यश के मुंह से कुछ निकल ही नही रहा होता है..!

रुद्रांश की बात सु कर, अब अमृत, रुद्रांश से कहता है,

" रुद्रांश, तुम बात बात पर यश को बीच में क्यू ले आते हो और रही बात सरप्राइज़ पार्टी प्लान करने की तो वो सब तो यश के साथ मिलकर मैने, समीर और सिद्धार्थ ने भी तो की थी तो सिर्फ यश इस सबका कैसे जिम्मेदार हो सकता है...!"

अमृत की पूरी बात सुनकर, रुद्रांश उससे कहता है,

"अगर तुम्हे लगता है कि मै झूट बोल रहा हु तो पूछो यश से क्या इसने रिया को डराने के लिए कुछ और प्लान नही किया था...?"

रुद्रांश के ऐसे कहने से, अब संजीव जी अब यश से पूछते हैं,

" यश, रुद्रांश ने अभी जो कुछ भी कहा, क्या वो सच है, और क्या तूने रिया को डराने के लिए और कुछ भी प्लान किया था..?"

रुद्रांश के गुस्से के आगे ही यश के मुंह से एक शब्द नही निकल रहा था अब संजीव जी की बात सुनकर, यश का आंखो मे अंशु भर गए थे और लगभग रोने जैसा ही हो गया था..!

संजीव जी की बात सुनकर भी जब यश कोई जवाब नही देता है तो अब सिद्धार्थ, यश का हाथ पकड़कर गुस्से से चिल्लाते हुए उससे पूछता है,

" पापा ने तुझ से कुछ पूछा है, उसका जबाव दे, क्या तूने रिया को डराने के लिए कुछ और भी प्लान किया था या नहीं...!"

सिद्धार्थ के हाथ पकड़ने से यश को बहुत दर्द हो रहा होता है वही वो सिद्धार्थ के गुस्से से बहुत ज्यादा डर रहा होता है और जब सिद्धार्थ उससे चिल्लाते हुए पूछता है तो अब यश के मुंह से बस दो ही शब्द निकलते हैं,

" व..वो.. ह.. हां..!"

यश आगे बोल पता उस से पहले ही सिंघानिया मेंशन के हॉल में एक चटाक सी आवाज गूंज जाती हैं और जब सब सिद्धार्थ की तरफ देखते हैं तो हैरान रह जाते है वही यश जमीन पर गिर जाता है...!

अब कौन बचाएगा यश को रुद्रांश के गुस्से से क्युकी उसके गुस्से के आगे तो रघुवीर जी भी कुछ नही कर पाते है और सिद्धार्थ ने यश के साथ ऐसा क्या करा होगा जिससे वो जमीन पर ही गिर गया..?

To be Continued....

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