प्रेम कहानी बहुत दिलचस्प होती है लेकिन हर कहानी आसान नहीं होती इस दुनिया में वास्तविकता के साथ-साथ रहस्यमई चीजे भी बहुत है। इस पर आधारित है यह प्रेम कहानी.. नेहा और विराज...
क्या रहेगा दोनों के प्यार का सफर ....
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घने जंगलों के बीच बसा गांव "शांतिवन"। शांतिवन अपनी खूबसूरती और शांति के लिए मशहूर था, परंतु उसकी एक रहस्यमयी कहानी भी थी, जिसके कारण रात में कोई भी गांववासी जंगल की ओर जाने से कतराता था।
रात का समय था। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। सिर्फ झिंगुरों की आवाज़ और हवा में पेड़ों की सरसराहट सुनाई दे रही थी। विराज अपने घर की बालकनी में खड़ा था, जब उसने देखा कि नेहा तेजी से उसकी ओर आ रही है।
"विराज! तुम्हें विश्वास नहीं होगा कि मैंने क्या सुना," नेहा ने हांफते हुए कहा।
"क्या हुआ, नेहा? इतनी घबराई हुई क्यों हो?" विराज ने पूछा।
"मुझे पता चला है कि उस पुराने मंदिर में कुछ अजीब घटनाएं हो रही हैं। लोग कहते हैं कि वहां आत्माओं का वास है," नेहा ने रहस्यमयी आवाज में कहा।
विराज ने हंसते हुए कहा, "नेहा, तुम भी ना! यह सब सिर्फ लोगों की कहानियां हैं।"
लेकिन नेहा की आंखों में जिज्ञासा और साहस चमक रहा था। "चलो, विराज! चलकर खुद देखते हैं।"
विराज पहले तो हिचकिचाया, लेकिन फिर उसकी जिज्ञासा भी जाग उठी। "ठीक है, पर हमें सावधान रहना होगा।"
दोनों अपने घरों से टॉर्च और कुछ ज़रूरी सामान लेकर उस पुराने मंदिर की ओर चल पड़े। मंदिर गांव से थोड़ी दूरी पर था और घने जंगल के बीचों-बीच स्थित था।
रास्ते में दोनों ने महसूस किया कि हवा अचानक ठंडी हो गई है और अजीब सी सिहरन उनके शरीर में दौड़ रही है।
मंदिर के पास पहुंचते ही दोनों की टॉर्च की रोशनी एक बार में ही बुझ गई।
नेहा ने डरते हुए कहा, "क्या ये सही विचार था?"
विराज ने अपने डर को दबाते हुए कहा, "हम आए हैं तो अब देख ही लेते हैं।"
उन्होंने मंदिर के अंदर कदम रखा। अंदर का दृश्य बहुत ही भयानक था। जगह-जगह धूल और मकड़ी के जाले थे। एक कोने में एक पुरानी मूर्ति रखी थी, जो समय के साथ टूट-फूट गई थी।
अचानक, मंदिर के अंदर से एक चीख की आवाज़ आई। दोनों के दिलों की धड़कन तेज हो गई। नेहा ने विराज का हाथ पकड़ लिया।
"ये... ये क्या था?" नेहा ने कांपते हुए पूछा।
विराज ने भी घबराते हुए कहा, "पता नहीं, लेकिन हमें बाहर चलना चाहिए।"
लेकिन जैसे ही वे बाहर जाने के लिए मुड़े, मंदिर का दरवाजा अचानक बंद हो गया। दोनों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वह हिला भी नहीं।
"हम फंस गए हैं, विराज!" नेहा ने चिल्लाते हुए कहा।
"शांत हो जाओ, कुछ न कुछ रास्ता तो निकलेगा," विराज ने उसे संभालते हुए कहा।
अचानक, मंदिर के एक कोने में एक छाया दिखाई दी। वह छाया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ने लगी। दोनों ने अपनी जगह पर जमे हुए देखा, और उनकी आंखों में डर साफ झलक रहा था।
क्या वे इस डरावने मंदिर से बाहर निकल पाएंगे? कौन थी वो रहस्यमयी छाया?
इस रहस्यमयी रात का अंत क्या होगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए "अनकही मोहब्बत" का अगला भाग...