बंदर से इंसान - पुनर्जन्म
मुझे पिछले जन्मों की बहुत याद आती है। शायद कोई सिद्धि मेरे अंदर है या मेरा कुंडली जागरण थोड़ा बहुत हो गया है। मुझे याद आता है कि सबसे पहले एक शून्य था। शून्य को मैं देख रहा था। अचानक मैं एक छोटे से पैरामीशियम रूपी जीव में बदल गया।
उस समय पृथ्वी पर पैरामीशियम रूपी जीव ही थे। कुछ दिन बाद मैं मेरी मृत्यु हो गई। मैंने फिर से जन्म लिया। इस बार मै समुद्र में एक मछली था। अगला जन्म मुझे जमीन पर बंदर का मिला। बंदर के जन्म में मैं काफी प्रसन्न था। अगला जन्म मुझे आदिमानव का मिला। इस समय तक आदिमानव उत्पन्न हो गये थे। सारी पृथ्वी में मेरे ख्याल में कुछ ही आदिमानव थे। आदि मानव की भिड़न्त विभिन्न जीवों से होती रहती थी। क्योंकि वह पत्थर के हथियारों का प्रयोग करना सीख गये थे और लकड़ी के डंडे का प्रयोग करना भी। कुछ दिन बाद आग का आविष्कार हो गया और हम धीरे-धीरे विकसित होते गये। लेकिन अभी आदिमानव को जंगल के खूंखार जानवरों से काफी डर था। तीर धनुष का भी आविष्कार हो गया। इसके बाद मुझे क्रोमैग्नन मानव का जन्म मिला। इसमें हम काफी सभ्य थे और बस्ती बसा कर रहते थे और अपनी छोटी-मोटी सेना भी रखते थे। अगला जन्म मुझे होमो सेपियन का मिला।
होमो सेपियन के रूप में हम काफी हथियारों का प्रयोग करना सीख गए थे। अक्सर हमारे कबीले आपस में लड़ते रहते। जंगली जानवरों को काफी हद तक हमने मिटा दिया। शेर चीता और खूंखार जानवरों को भी हम पल भर में नष्ट करने की क्षमता रखते थे। रामायण के युद्ध के समय मैने मनुष्य जन्म लिया। मैं भगवान राम की तरफ से लड़ा और मैंने कई राक्षसों का वध किया। महाभारत के समय में पांडवों की तरफ से लड़ा और मैंने कई कौरव सैनिकों का वध किया। रामायण के युद्ध के समय मैने मनुष्य जन्म लिया। मैं भगवान राम की तरफ से लड़ा और मैंने कई राक्षसों का वध किया। गुप्त काल में मैने फिर जन्म लिया। इस समय मैं एक छोटा-मोटा राजा था। मैंने गुप्त वंश के साथ मिलकर शक यवन हूंण कुषाणो का विनाश किया। मुगल काल में मैने फिर जन्म लिया और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए मैं मुगलों से लड़ा। इस समय मैं एक राजा था। अंग्रेजों के समय मै एक क्रांतिकारी सेना का सेनापति था और मैने अंग्रेजों को बड़ा परेशान किया और उन्हें भारत से भगाने में काफी योगदान दिया। वर्तमान जन्म मैं एक लेखक हूं और समाज को दिशा देने का काम करता हूं।
पिछले जन्म पिछले अध्याय में आप पढ़ चुके हैं। उन्हें मैं मुख्य जन्म मानता हूं। लेकिन मैंने इन जन्मों के बीच-बीच में अन्य कई जन्म भी लिए। किसी में मैं महात्मा बना, तो किसी में ऋषि, तो किसी में मुनी, किसी में पशु, तो किसी में पक्षी, तो किसी में इंसान। पिछले जन्म पिछले अध्याय में आप पढ़ चुके हैं। उन्हें मैं मुख्य जन्म मानता हूं। लेकिन मैंने इन जन्मों के बीच-बीच में अन्य कई जन्म भी लिए। किसी में मैं महात्मा बना, तो किसी में ऋषि, तो किसी में मुनी, किसी में पशु, तो किसी में पक्षी, तो किसी में इंसान।