Shyambabu And SeX - 43 in Hindi Drama by Swati books and stories PDF | Shyambabu And SeX - 43

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Shyambabu And SeX - 43

43

धोखा

 

 

श्याम कुसुम के कहने पर घर में उससे घटो फोन पर बातें करता है। उसके साथ घूमता रहता है, एक दो बार उसने उसे घर भी छोड़ा।  उसके पति बृजेश ने जब अपनी बीवी और श्याम की नज़दीकियाँ देखी तो वह उसे लताड़ते हुए बोला,

 

 

यह क्या लगा रखा है, तुमने?

 

जो तुमने लगा रखा है!!! वह भी चिल्लाई । 

 

बकवास बंद करो, मैं तुम्हें  कितनी बार  कहो कि  मेरा उसके साथ कोई चक्कर नहीं है। 

 

यह झूठ अपने तक रखो,  समझे !!! और अब ऐसे ही चलेगा,  तुम भी मेरी तरह  बर्दाश्त करना सीखो।  यह कहकर  वह पैर पटककर वहां से चली  गई।

 

दिन बीतते जा रहें हैं,  श्याम को भी कुसुम के साथ मजा आ रहा है, क्योंकि वह पहली औरत है, जिसे उसने खुद  ही अप्प्रोच किया है।  इसलिए वह बिना किसी  तनाव के उसके  साथ अफेयर चला रहा है।  एक दिन कुसुम ने श्याम से कही अकेले मिलने के लिए कहा तो  उसने कहा कि  उसके घर आ जाए, क्योकि  अम्मा कुछ दिनों के लिए मंदिर की कीर्तन मण्डली  के साथ  हरिद्वार  गई  हुई है।

 

उसने यह बात बबलू  को बताई तो वह भी खुश होकर बोला, “ भाई मेरा दिल कह रहा है, आज भाई की गाड़ी पटरी  पर  आ जाएगी।  तू बस उस निर्मल आनंद के बारे में  सोच,  जो तुझे  कुसुम देने वाली है।“ श्याम भी उसकी  इस बात से  संतुष्ट  है क्योंकि उसे भी कुसुम की क्षमता का पता चल चुका है। अब वह एक घंटे बाद आने वाली कुसुम का इंतज़ार करने लगा। उसने अपने कमरे को ठीक-ठाक किया फिर पूरे घर में  परफ्यूम  छिड़का। बियर की बोतल और कुछ  स्नैक्स बबलू ने अपनी दुकान में  काम करने वाले राजू के हाथ भिजवा दिए।

 

अब श्याम के दरवाजे की बेल बजी तो कुसुम सामने खड़ी है।  उसने उसे अंदर आने के लिए कहा  और फिर दोनों बैठकर  बियर  ढोकला, बिस्कुट और नमकीन खाने लगे। कुसुम ने कहा,  “कुछ  स्ट्रांग नहीं है।“  उसने अब बबलू को कॉल किया तो उसने व्हिस्की भेज दीं।  उसने व्हिस्की का एक गिलास कुसुम  को पकड़ाते हुए  कहा,  “अब कुसुम जी  अपना गम हल्का करें और इतना भी मत पी लीजियेगा कि आप होश में न रहें और हमारी श्याम बर्बाद हो जाए।  अरे! नहीं श्याम जी मैं बहुत स्ट्रांग  लेडी हूँ,  उसने अब व्हिस्की का पूरा गिलास खत्म किया और उसे बोली,  “बेडरूम में  चले!!!” 

 

वह भी  कुसुम को लेकर अपने बैडरूम में आ गया,  कुसुम अपने साथ व्हिस्की भी ले आई । “वैसे श्याम जी आप बहुत अच्छे इंसान है, काश आप मुझे पहले मिले होते तो मैं उस बृजेश के चक्कर में  नहीं फँसती।“  उसका नशा उस पर हावी हो रहा है। “कुसुम जी किस्मत पर किसका ज़ोर चलता है, आप मेरी पत्नी होती तो  शायद मैं भी बहुत  खुश होता।“  “पर अब मेरे दो बच्चे है, मुझे तो शर्म आती है पर उसके बाप को शर्म नहीं आती,”  अब वह रो पड़ी। उसने उसे चुप  करवाया  तो वह उसके गले लग गई। श्याम को पहली बार किसी गैर औरत ने गले  लगाया था,  वह तो बहुत खुश हो गया। उसके तन बदन में  बिजली  कौंध  गई।  अब कुसम  बेड पर लेट गई। “अच्छा! श्याम जी अब शुरू हो जाए,  बड़े दिन से बेडरूम  का सुख नहीं मिला है।“  हैं !!! क्या अजीब औरत है, मैं इसके भरोसे हूँ और यह मेरे भरोसे  है। उसने अब कुसम मैडम को उठाते हुए कहा,  “मैडम  आप  वही करें  जो अपने बृजेश के साथ करती थी ।“ “मतलब ?? अपने कहा  था न कि आपने ही उनको ट्रेनेड किया है।“ अब कुसुम बैठ गई और नशे भरी आँखों से उसको  देखते हुए बोली, “ ओके जैसा आप कहें,  आप पहले अपने कपड़े  उतारे!!!!”  श्याम  ने सुना  तो वही किया और अब कुसुम भी खुद को कपड़ो से आज़ाद करने लगी।