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दोस्त
उसके पास पहुँचते ही वह जोर से बोली, “श्याम !! क्या हुआ? ऐसे क्यों लेटे हो और तुम्हें इतना किसने मारा ?” अब वह उसे बिठाने लगी।
तुम यहाँ क्या कर रही हो? मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो।
नहीं, मैं नहीं जा सकती। अब वह श्याम के पास बैठ गई।
चिंता मत करो, खुदखुशी नहीं करता।
बकवास बंद करो और किसी डॉक्टर के पास चलो।
नहीं, मैं ऐसे ही ठीक हूँ। वैसे भी तुमने तो मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया है। अब जाओ यहाँ से। उसने चिढ़कर कहा ।
पहले डॉक्टर के पास चलो, फिर बात करते हैं। वह उसे पार्क में खेल रहें, दो बच्चों की मदद से पास ही बने डॉक्टर के क्लिनिक में ले गई। उसने उसे इंजेक्शन लगाए और दवाई देते हुए पूरी तरह आराम करने की सलाह दी। डॉक्टर के पूछने पर भी उसने यही बताया कि लूटपाट हो गई। अब गायत्री ने उसे किसी तरह घर पहुँचाया तो अम्मा भी उसकी हालत देखकर रोने लगी, “मेरे बाबू को किसी की नज़र लग गई है। आज कितना प्यारा लग रहा था, उन ज़ालिमों को आग लगे, जिन्होंने इसकी यह हालत की है।“
“अम्मा! आप अभी इसे आराम करने दें। यह बात करने की हालत में नहीं है।“ उसने उसे अम्मा की मदद से बिस्तर पर लिटाया और अब अम्मा उसके लिए कुछ खाने को बनाने चली गई। गायत्री ने उसे चादर से ढक दिया और कमरे की लाइट बंदकर जाने लगी तो वह बेहोशी में बोला, “थैंक्स गायत्री!!! और सॉरी. अगर मैंने तुम्हारा कभी दिल दुखाया हो। आज मेरे कर्मो की सजा मुझे मिल गयी है, अब उसकी आँख बंद होने लगी। गायत्री ने सुना तो उसे उस पर तरस आने लगा। वह अम्मा को दवाई देने का बताकर वहाँ से चली गई, अम्मा ने भी उसकी मदद के लिए उसे धन्यवाद कहा।
अगली सुबह श्याम को होश आया तो उसने महसूस किया कि दर्द कम है, मगर पूरी तरह आराम नहीं है। अब उसने कॉलेज में पंद्रह दिन की मेडिकल लीव के लिए बोल दिया। बबलू को गायत्री ने बताया तो वह भागा-भागा श्याम से मिलने आया। उसने उसे गले लगाते हुए कहा, “यह क्या हो गया मेरे भाई? उसने पहले तो उसे कुछ नहीं बताया, मगर उसके बहुत पूछने पर उसने अपनी आपबीती उसे बता दी।
हे राम !!!! घोर कलयुग है। वो तान्या नहीं नकुल था???
श्याम ने नज़रे चुरा लीं।
चल भाई, पुलिस के पास चल, अभी चल इस नकुल को सबक सिखाते है।
नहीं यार, गलती मेरी भी है और फिर उन्होंने वो वीडियो वायरल कर दी तो मेरा नुकसान ही होगा।
अरे ! यार ये लोग डराते है, इनके पास कुछ नहीं होता। वैसे तूने गायत्री से बात की?
नहीं, मैं उसकी ज़िन्दगी में कोई भूचाल नहीं लाना चाहता ।
उसे भी तो पता चले उसके मंगतेर के दोस्त कैसे है?
क्या पता विकास को भी न पता हो कि उसके दोस्त कैसे हैं। मैं इन सबमे नहीं पड़ सकता। इसे एक हादसा समझकर भूल जाते हैं।
बबलू की तो त्योरियाँ चढ़ गई, उसने श्याम को बहुत समझाया पर वह नहीं माना। फिर वह उसे सांत्वना देकर वहाँ से चला गया।
इसी तरह दिन बीतते जा रहें हैं। अम्मा उसका खूब ख्याल रख रही है। गायत्री भी कॉलेज से लौटते वक्त, उससे मिलकर चली जाती है। हिस्ट्री डिपार्टमेंट वालों को उसने एक्सीडेंट का झूठ बताया है। बबलू भी रोज़ उससे मिलने आता है। अब उसकी छुट्टियां खत्म होने में एक दिन ही रह गया है। बबलू उसके घर आया हुआ है, इमरती की अम्मा ने उसके लिए बेसन के लड्डू बनाकर भेजे हैं। वह उसे इमरती के खुश रहने और सेहत में आएं, सुधार के बारे में बता रहा है कि तभी उसे एक आवाज सुनाई दी। यार! बबलू, अम्मा किसके साथ बतिया रही है?” “कोई होगा पड़ोस से।“ अब एक आदमी की आवाज सुनकर वह बबलू के साथ नीचे देखने आ गया तो उसे उस शख्स को अपने घर देखकर बड़ी हैरानी हुई।