Ishkiya (Pehla Pyar) - 5 in Hindi Short Stories by Anchal Gupta books and stories PDF | इश्कियां (पहला प्यार) - 5

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इश्कियां (पहला प्यार) - 5

राहा चिल्लाते हुए बोली... क्यू आए है आप यहां.. जाइए मुझे आपसे कोई बात नही करनी गो! उसकी बात सुन राज ने कसकर अपने हाथो की मुठ्ठी बनाली। राज बस एक तक राहा के रोते हुए चेहरे को देख रहा था जो उसकी वजह से ही हुआ था। राहा को देखते हुए वो कही खो सा गया।
फ्लैशबैक

राज अकादमी से निकल चुका था वो बस चलता जा रहा था और उसे खुद भी नही पता था की उसके ऐसे रिएक्ट करने का कारण क्या था।
वो थोड़ी दूर चला की उसकी नजर एक मंदिर पर चली गई जो। कन्हैया का था। राज चुप चाप जाकर मंदिर में बैठ जाता है और बस एक टक राधा कृष्ण की मूर्ति को निहार रहा था। राज कृष्णा की मूर्ति की तरफ देखते हुए बोला... क्या मैने सही किया या गलत? मैंने ऐसे क्यू किया मुझे क्यू फर्क पड़ रहा है की वो देख नही सकती..... मैं तो उसे बस अपने साथ काम करने का ऑफर देने गया था तो फिर मैने ऐसे रिएक्ट क्यू किया?
तभी उसके पास एक बूढ़ी औरत आकर बैठती है और राज के सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगती है।
आप कोन है अम्मा? आप जानती है मुझे? राज उस बूढ़ी औरत की तरफ देखते हुए बोला। उसकी बात सुन वो बूढ़ी औरत मुस्कुराने लगती है।
बेटा जब किसी को तकलीफ में देख कर आप बेचैन हो उठो तो इसका मतलब है की आप उससे प्यार करने लगे हो... उसकी फिक्र करने लगे हो .... वो बूढ़ी औरत मुस्कुराकर बोली। पर उसकी बात राज को समझ ही नही आई और वो उस बूढ़ी औरत से बोला... आप कहना क्या चाहती है अम्मा? नादान हो तुम? अभी तुम्हे ये बातें समझ नही आएंगी पर अभी तुम्हे जाना चाहिए.... तुम्हे उसे मनाना चाहिए। कही देर न हो जाए... वो औरत उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली।इतना बोलकर वो बूढ़ी औरत वहा से चली जाती है।
अरे सुनिए तो? राज उस बूढ़ी औरत को आवाज लगाते हुए बोला पर वो औरत रूकी नही। तभी उसे पास मंदिर के पुरोहित आते है। क्या हुआ बेटा तुम किसे पुकार रहे हो... पुरोहित जी ने बड़े विनम्र भाव से पूछा।
पंडित जी वो बूढ़ी अम्मा जो मुझसे अभी बातें कर रही थी.... बोलते हुए राज ने पंडित जी की तरफ देखा।
कोन सी बूढ़ी अम्मा बच्चे! यहां तो कोई भी नही था तुम्हारे अलावा... पुरोहित जी मुस्कुराते हुए राज से पूछते है। अरे वो यही बैठी थी मेरे साथ... राज उस जगह पर प्वाइंट करते हुए बोला। उसकी बात सुन पुरिहोत जी हसने लगते है... वो अब तुम्हे नही मिलेगी पर आशा है तुम्हे तुम्हारे सवालो के जवाब मिल गए होगे। क्या मतलब है आपका... राज कन्फ्यूज होते हुए बोला। सब प्रभु की माया है... इतना बोलकर पुरोहित जी वहा से मुस्कुराते हुए अंदर चले जाते है।

प्रेजेंट टाइम,

राज अपनी ही सोच में गुम था के तभी कोई उसे अपनी तरफ घूमता है.... और उसका कॉलर पकड़ लेता है। तुमने मेरी दोस्त को फिर से रुलाया.... तुम उसके पीछे यहां भी आ गए... संजू राज को घूरते हुए बोली।
राज उसके दोनो हाथ को पकड़ कर अपने कॉलर से अलग करता है और उसे घूरते हुए बोला..... बी इन योर लिमिट... ये हाथ अपनी औकात में रहे तो अच्छा है वरना ये हाथ टूट भी सकते है। उसकी बात सुन संजू पर कुछ खास असर नहीं हुआ। तुम्हारी दोस्त मरने वाली थी अभी उसकी जान बचाई है मैने.... राज संजू को घूरते हुए बोला।
उसकी बात सुन संजू की आंखे हैरानी से बड़ी हो जाती है... क्या राहा ने मरने की कोशिश की... संजू हैरानी से बोली। नही ऐसा नही हो सकता वो अपनी जान देने के बारे में सोच भी नही सकती वो बोहोत स्ट्रॉन्ग है..... संजू उसकी बात को झुठलाते हुए बोली।

मैंने ये नही कहां की वो जान देने की कोशिश कर रही थी वो बस ऐसे ही चली जा रही थी अभी वो ट्रक उसे खुचल कर चला जाता... राज थोड़े शक्त लहजे में बोला।
उसकी बात का संजू ने कोई जवाब नही दिया और वो राज को साइड करके राहा के पास चली जाती है और उसे गले लगाते हुए लगभग डांटने वाले लहजे में बोली... तू पागल है राहू... ऐसे बिना बताए कोन जाता है तुझे कुछ हो जाता तो? बोलते हुए संजू की आंखे भर आती है।

सॉरी संजू पर मुझे कुछ और सूझा ही नही.... राहा रोते हुए बोली।
संजू राहा से अलग होते हुए बोली... क्या मतलब कुछ नही सूझा.. हां? किसी बाहर वाले के चक्कर में तू खुद को क्यू तकलीफ दे रही है... बोलते हुए संजू तिरछी नजरों से राज को देख रही थी।
राहा पप्पी फेस बनाकर बोली... सॉरी! उसकी बात सुन संजू मुस्कुराते हुए उसे गले लगा लेती है ।
तभी राज अपनी नजरे झुकाए हुए बोला... सॉरी... मेरा कोई इरादा नहीं था किसी को परेशान करने का बट फिर भी कर गया सो सॉरी... मैं वाकई सरमिंदा हु.....
उसकी बात सुन राहा संजू से अलग हुई और बोली... कोई बात नही होता है... आप परेशान... राहा इससे आगे कुछ बोलती तभी संजू बीच में बोली... चल राहा देर हो रही है... बोलते हुए संजू उसे वहा से लेकर जाने लगती है। अरे पर संजू सुन तो बात तो करने दे! राहा उसे रोकते हुए बोली पर संजू ऑटो को आवाज लगती है और संजू को जबरदस्ती उस ऑटो में बैठकर खुद भी बैठ जाती है और कुछ ही पलों में ऑटो वहा से चली जाती है।
राज बस उस ऑटो को देखता रह जाता है।

क्या होगा आगे? जाने के लिए पढ़ते रहिए... इश्किया....

Continue...❤️❤️