Rishto ki Kashmkash - 6 in Hindi Women Focused by Naaz Zehra books and stories PDF | रिश्तो की कश्मकश - 6

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रिश्तो की कश्मकश - 6

अब आगे



शाम के टाइम



संदीप ऑफिस से घर आया जैसे ही अपने कमरे में जाने को हुआ ,,,,किसी के हंसने की आवाज सुनकर उसके कदम रुक गए ,,,संदीप आवाज़ की तरफ चल दिया जैसे ही संदीप हॉल में आया ,,,,,,


उसको नीर हस्ती हुई दिखाई दी ,,, और आलिया और मीत दोनों ही नीर को हंसते हुए देख मुस्कुरा रही थी। ,,,,,,,, और हमारे संदीप टुकुर टुकुर नीर को देखने लगे ,,,मीत की नजर जैसे ही संदीप पर पड़ी ,,,वह जल्दी से खड़ी हुई ,,,और संदीप से बोल भाई आप यहां आपको कुछ चाहिए क्या,,,,








संदीप मीत की आवाज सुनकर होश में आया और उसने मीत को देखा और ना में से हिला दिया ,, जैसे ही जाने को हुआ संदीप ने एक बार और मुड़कर नीर को दिखा ,,,और फिर वहां से चला गया मीत संदीप को ऐसा जाता देख आलिया की तरफ देखकर ना में सर हिला दिया,,,



आलिया नीर को देखकर बोली,,,नीर चलो रूम मे वहां चल कर बात करते हैं,,नीर हा लेकिन यह कौन है जो अभी (जहां संदीप गया था उसे तरफ इशारा करके ),,इधर की तरफ गए हैं ,,,

आलिया नीर की बात सुनकर बोली वो हमारे बड़े भाई है ,,नीर ओ,,, यह वो बाले भाई है ना जो शान जीजू से छोटे हैं ,,,मीत हां यह वही है नीर ओके,, चलो फिर रूम में चलते हैं आलिया हां चलो यह कहकर तीनों रूम में चलीं गईं



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थोड़ी देर बाद


सब लोग बैठकर डिनर कर रहे थे सिर्फ संदीप को छोड़कर
नीर डिनर कर रही थी नीर ने अपना सर उठाकर सबको दिखा लेकिन जब उसे लगा ,,,कि यहां पर संदीप नहीं है उसने पूजा जी की तरफ देखा और बोली ,,,,




आंटी आपके एक और बेटे हैं ना (नीर ने अपना हाथ सर पर रखा और सोचती हुई ),,,बोली हां याद आया संदीप हां संदीप भाई वो नहीं है क्या उनको खाना नहीं खाना है,,, पूजा नीर की बात सुनकर खामोश हो गई ,,, और उन्होंने मनीष की तरफ देखा वो कुछ बोलती इतने में ,,,,शान बोला वो क्या है ना उसको थोड़ा सा काम है काम करके फिर खाना खाएगा,,,,


नीर ने हां में सर हिला दिया और अपना डिनर करने लगी,,,

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थोड़ी देर बाद








सब अपना डिनर करके हाॅल में बैठकर बातें करने लगे नीर हाॅल में बैठी मीत और आलिया से बात कर रही थी,, मनीष जी आलिया को देखकर बोले आलिया बेटा देख कर आओ तुम्हारी मां अभी तक चाय बना कर नहीं लाई ,,,,चाय बना रही है यह बीरबल की खिचड़ी जो अब तक नहीं बनी,,, जाओ जल्दी देख कर आओ ,,,,,


आलिया ओके पापा जैसे ही आलिया जाने हुई,, इतने में नीर ने आलिया का हाथ पकड़ा ,,,और बोली तुम बैठो मैं देख कर आती हूं आलिया नहीं नीर में चली जाऊंगी तुम बैठो ,,नीर मासूम चेहरा बनाकर बोली प्लीज़ बैठ जाओ ना मैं जा रही हूं मैं देख कर आ जाऊंगी ,,,,आलिया उसका मासूम चेहरा देखकर मुस्कुराई और बोली ठीक है ,,,नीर खुश होकर आलिया के गले लगी और बोली थैंक यू सो मच यह बोलकर वहां से चली गई,,,,



आलिया ने नीर को इतना खुश देखकर मुस्कुरा कर बोली कितनी छोटी-छोटी बातों पर नीर तुम खुश हो जाती हो बहुत प्यारी हो तुम यह बोलकर मुस्कुरा दी ,,,,,,,,,नीर जैसे ही किचन में आई उसको पूजा परेशान और किसी सुच में गुम थी और चाय जो कब की बन गई थी,,, वह ऐसी रखी थी नीर ने पूजा जी को ऐसे देखकर उनके कंधे पर हाथ रख और बोली,,,



आंटी,, पूजा नीर की आवाज सुनकर होश में आई और उन्होंने पीछे मुड़कर नीर को दिखा और मुस्कुरा कर बोली हां क्या हुआ बेटा तुम्हें कुछ चाहिए,,, नीर नही आंटी मुझे कुछ नहीं चाहिए ,,,आप इतनी परेशान क्यों है क्या हुआ पूजा कुछ नहीं बेटा कुछ नहीं हुआ,,, मैं तो बिल्कुल ठीक हूं ,,,




नीर आंटी आप मुझे बताना नहीं चाहती तो मत बताइए लेकिन झूठ तो मत बोलिए की आप परेशान नहीं है आपके चेहरे से कोई भी पता सकता है,,,की आप काफी परेशान है अगर आप यह सोचकर मुझे नहीं बता रही है ,,,,कि मैं आपकी कुछ नहीं लगती तो कोई बात नहीं मैं नहीं पूछूंगी ,,,,,पूजा कैसी बात कर रही हो नीर तुम तो मेरी बेटी जैसी हो खबरदार अगर तुमने दोबारा ऐसा कहा तो ,,,,बहुत पिटूंगी तुम्हें




नीर मुस्कुरा कर ठीक है नहीं कहूंगी पूजा यही तुम्हारा बेहतर होगा,,, यह कहकर मुस्कुरा दी ,,,फिर उन्होंने नींर की तरफ देखा और बोली तुमने पूछा था ना मैं क्यों परेशान हूं नीर ने हा मैं सर हिला दिया,,,





पूजा संदीप की वजह से नीर ने कंफ्यूज होकर पूजा की तरफ देखा और बोली,,,,, संदीप आप संदीप भाई की वजह से क्यों परेशान है,,,, पूजा क्योंकि संदीप घर में किसी से भी बात नहीं कर रहा है ,,,,,और ना ही खाना खा रहा है हमसे गुस्सा हो गया है,,,,, नीर क्या वह आप सबसे गुस्सा है ,,,,,पर क्यों नीर की बात सुनकर पूजा बोली वो किसी लड़की से प्यार करता था,,,


नीर पूजा की बात सुनकर एकदम से बोली मैं समझ गई आंटी आप कहना क्या चाहती हैं आप बस बेफिक्र हो जाइए और,,,, खाना मुझे दीजिए मैं उनको खाना खिला कर आती हूं,,, पूजा परेशान होकर नहीं बेटा तुम उसके पास नहीं जाओगी ,,,,


वह बहुत गुस्से वाला है तुम पर गुस्सा करेगा नहीं करेंगे आप बस मुझे खाना दीजिए,,, पूजा पर,,,,आंटी आप परेशान मत हुई है मैं खाना खिला कर ही आऊंगी बस अब खाना दीजिए नींर की बात सुनकर पूजा ने थोड़ी देर उसको देखा और फिर खाना निकाल कर उसके उसको दे दिया,,,








(संदीप किसी लड़की से मोहब्बत करता था,,, लेकिन वो लड़की संदीप से प्यार नहीं करती थी,,,,,,,,,,, उससे टाइम पास करती थी ,,,,,,,,एक दिन उसने संदीप से ब्रेकअप कर लिया जिससे संदीप बहुत दुख में था हर वक्त उदास रहना कोई काम ना करना ,,,,,,,जिसकी वजह से उसके घर वाले बहुत परेशान हो गए थे,,,,, और इसीलिए मनीष जी ने संदीप से कहां की तुम कब तक उसे लड़की के शोक में रहोगे बहुत कर ली तुमने अपनी मनमानी कल से सीधा काम पर जाऊं मां-बाप सोचते हैं ,,,,,बड़े होकर बच्चे ‌हमे को कोई दुख तकलीफ नहीं देंगे और एक तुम हो जो तकलीफों के सिवा कुछ नहीं दे रहे हुं ,,,,कल से तुम काम पर जाओगे दोबारा में तुम्हें उसे लड़की के ख्यालों में ना देख लो यह कहकर ,,,, )मनीष वहां से चले गये ,, और संदीप भी गुस्से में अपने रूम में चला गया,,,,

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To be,,,,,, continue