My Devil Hubby Rebirth Love - 18 in Hindi Adventure Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 18

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My Devil Hubby Rebirth Love - 18

कल सुबह 9:00 बजे

रुही सो रही थी इतने में उसके फोन की घंटी बाजी उसने अपना फोन जो बराबर में रखा था वहां से उठाया और नींद में ही बात करने लगी


रूही हेलो कौन उधर से एक लड़की की आवाज आई‌
हेलो मैडम आपका नाम रिया सक्सेना है ना रूही जी हां लड़की मेम अपने कल इंटरव्यू दिया था उसमें आप सेलेक्ट हो गई है आप कल से जॉब पर आ सकती हैं रूही ने जैसे ही उसे लड़की की बात सुनी जल्दी से उठकर बैठ


गई और कहा क्या आप सच कह रही है मैं सेलेक्ट हो गई लड़की जी हां मेंम आप कल काम पर आ सकती हैं रूही थैंक यू थैंक यू सो मच मैं कल टाइम पर आ जाऊंगी यह कहकर उसने फोन काट दिया और खुशी से



पूरे रूम में नाचने लगी जल्दी से नीचे गई और सुनीता जी जो किचन में काम कर रही थी उनको पड़कर गोल-गोल घूमने लगी मामा मैं आज बहुत खुश हूं बहुत ज्यादा खुश हूं आपको बात नहीं सकती सुनीता जी मुझे चक्कर आ जाएंगे‌ तुम


रूको और बताओ क्यों खुश हो आज तूम रूही मामा आपको पता है मैं सेलेक्ट हो गई मुझे जॉब मिल गई कल मुझे बुलाया है सुनीता जी यह तो बहुत अच्छी बात है मैं भी तुम्हारे‌ लिए बहुत खुश हूं अभी मैं तुम्हारे लिए कुछ

मीठा लाती हूं फिर तुम्हारे पापा को बताएगे आज मेरी बच्ची को जॉब मिल गई मैं आज बहुत खुश हूं यह कहकर वह किचन में चली गई रूही भी खुश खुशी अपने कमरे में चली गई थोड़ी देर बाद रूही नीचे आई उसने ब्रेकफास्ट किया और कहा मामा मैं थोड़ी देर के लिए बाहर जा रही सुनीता जी ठीक है लेकिन जल्दी आ जाना हूं रूही ठीक है मम्मा ठीक है यह कहकर बाहर चली गई


शाम के टाइम


तीनों बैठकर डिनर कर रहे थे दीपक जी ने रूही से कहा अब तुम्हारी जॉब लग गई है बेटा अब तो तुम खुश हो रूही जी पापा मैं बहुत खुश हूं


अब मैं जॉब करूंगी और आपको बाहर काम करने नहीं दूंगी आप और मामा घर पर रहकर एक साथ टाइम स्पेंड करना अब आप लोगों को मैं बिल्कुल भी परेशानी नहीं होने



दूंगी दीपक जी लेकिन बेटा मैं घर पर कैसे बैठ सकता हूं रूही क्योंकि अब मैं जॉब कर रही हूं तो आप आराम करिए वैसे भी आपकी तबीयत खराब रहती है अब आप रेस्ट करिए आपको काम करने की जरूरत नहीं है


और हां आपको मेरी बात माननी होगी अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मैं आप दोनों से गुस्सा हो जाऊंगी यह कहकर गुस्सा होने का नाटक करने लगी दीपक जी ठीक है मेरी प्रिंसेस जैसा तुम चाहो मैं कल से कम पर नहीं


जाऊंगा आप खुश रूही बहुत खुश‌ ‌कहकर दीपक जी के गले लग गई थोड़ी देर बाद सब अपने अपने रूम में चले गए रूही बालकनी में खड़े आसमान को देख रही थी रूही थैंक यू भगवान जी आप बहुत अच्छे हैं मैं कभी यह दिन नहीं देख सकती अगर आप मुझे दोबारा मौका नहीं देते मैं हमेशा


अपने मां-बाप को खुश रखना चाहती थी लेकिन हर बार कुछ ऐसा ना ऐसा हो जाता था जिससे मेरी मामा पापा को और तकलीफ होती थी लेकिन आपने दोबारा मौका देकर
जो एहसान क्या है वह मैं कभी नहीं भूल सकती है

मैं आपको बता भी नहीं सकती आपकी वजह से आज मुझे अपनी मां पापा की चेहरे पर खुशी जो देखने को मिली है वह मैं कभी नहीं देख सकती थी यह कहकर मुस्कुरा दी जैसे रूही ने अपनी आंखें बंद करी उसकी आंखों के सामने रुद्र का चेहरा आ गया

उसने जल्दी से अपनी आंखें खोलि‌ और कहा जब से मैं यहां आई हूं तुमने मुझे परेशान करना नहीं छोड़ा डेविल हर वक्त तुम्हें मिस किया है मुझे पता है तुम मुझ पर बहुत गुस्सा होगे लेकिन मैं क्या करती मैं तुम्हें

दुख नहीं दे सकती थी क्योंकि मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकती इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा हो सके तो मुझे माफ कर देना‌‌ रूही की आंखों में यह सब कहते समय आंसू थे उसने अपने आंसू पोंछे और जल्दी से अपने कमरे में चली गई


Cantinue