My Devil Hubby Rebirth Love - 15 in Hindi Adventure Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 15

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My Devil Hubby Rebirth Love - 15

शाम के 9:00 बजे

सिंघानिया विला के आगे एक कार अनके रुकी उसके अंदर से रुद्र का असिस्टेंट निकाला और चलकर विला के अंदर आया जैसे ही उसने रूद्र को



देखा तो डर गया उसने जल्दी से अपने माथे का पसीना पहुंचा और कहां सर रुद्र जो सोफे पर बैठा उसके एक हाथ में खून निकल रहा था और दूसरे हाथ में सिरगिट थी आंखें बंद कर कर बेठा हुआ था रुद्र अगर काम


की बात हो तभी बोलना वरना बोलने की हिम्मत भी मत करना असिस्टेंट ने डर कर कहा सर हमें मैंम के बारे में इनफार्मेशन मिली है जैसे ही रूद्र ने रूही के बारे में सुना उसने अपनी आंखें खोली और असिस्टेंट से


कहा जल्दी बको क्या इनफार्मेशन वाईफी के बारे मे असिस्टेंट सर हमें मैंम के बारे में बस इतना पता चला है कि मैंम एयरपोर्ट पर देखी गई है लेकिन वह कहां गई यह किसी को नहीं पता हम पता करवा रहे हैं जल्दी पता चल जाएगा रुद्र खड़ा हुआ और गुस्से मे असिस्टेंट का गिरवान

पकड़ा और कहां पता चल जाएगा नहीं पता करो जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी पता करो और जब तक अपनी शक्ल मत दिखाना जब तक रुही के बारे में पता

नहीं चल जाता असिस्टेंट जी सर हम जल्दी पाता करते है रुद्र इंडिया में पता करवाओ जितनी जल्दी हो सके अपने आदमियों को इंडिया में भेजकर हर जगह पता करवाओ

वाइफी के बारे में‌ असिस्टेंट ने कहा ओके सर रुद्र ने उसको छोड़ दिया असिस्टेंट जल्दी से वहां से निकल गया







सुबह का टाइम

एयरपोर्ट से एक लड़की निकल कर बाहर आई और आसमान को देखकर उसने अपने हाथ हवा में फैला लिए और कहां मैं वापस आ गई हूं यह कहकर मुस्कुराई और ऑटो लिया वहां से निकल गई


थोड़ी देर बाद

एक घर दिखने में ना ज्यादा बड़ा ना ज्यादा छोटा






लेकिन खूबसूरत था रूही घर के सामने खड़ी थी अपनी

आंखों में आंसू होठों पर मुस्कान रूही आज इतनी खुशी मुझे कभी नहीं हुई जितनी आज हो रही है अपने घर वापस आ कर मिस यू मॉम-डैड आपको बहुत मिस किया यह कहकर रुही घर की तरफ जल्दी उसने घर की बेल बजाई रूही थोड़ी देर में एक औरत निकाल‌ कर आई


रूही ने जैसे ही उस औरत को देख कर उसकी आंखे नम हो गई थी रूही ने अपने आप को संभाला और कहा नमस्ते आंटी मेरा नाम रूही है मैं रिया की बेस्ट फ्रेंड हो क्या आप उसे बूला सकती है


जैसे ही रिया की मम्मी ने रिया का नाम सुना उनकी आंखें नम हो गई उन्होंने रूही को देखकर कहा क्या तुम मेरी बेटी के दोस्त‌ हो रुही अपनी मां की आंखों में आंसू देखे


उसकी भी आंखे नम हो गई रुही ने अपने आप को संभाला और कहां जी आंटी में रिया की बेस्ट फ्रेंड हो क्या आप उसको बुला सकती हैं रिया की मम्मी जिनका नाम सुनीता सक्सेना था उन्होंने रूही से कहा अंदर आओ बेटी रुही ठीक है आंटी यह कहकर अपनी मम्मी के पीछे पीछे चलने लगी सुनीता जी ने रूही को बैठाया और कहा तुम बैठो मैं तुम्हारी लिए पानी


लेकर आता हूं रूही इसकी जरूरत नहीं है आप यहां बैठे मेरी वजह से परेशान मत होइए यह कहकर रूही अपनी मां के हाथ पकड़ कर सोफे पर बिठा दिया सुनीता जी तुम मेरी




बेटी को कब से जानती हो रूही में रिया की कॉलेज फ्रेंड हु रिया ने अपके और अंकल के बारे में मुझे बताया था मैं आप दोनों से मिलना चाहती थी लेकिन कुछ काम की बजहा से बाहर चली गई लेकिन



मैंने वहां से रिया को कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन उससे कांटेक्ट नहीं हो सका जिसकी वजह से मैं बहुत परेशान हो गई थी और जैसे ही मैं यहां आई सबसे पहले रिया से मिलने आ गई क्या रिया बाहर गई है जैसे ही सुनीता जी ने रूही की बात सुनी तो कहा वो यहां नहीं है




रुही क्या मतलब वो यहां नहीं है सुनीता जी क्योंकि वो हम सब को छोड़कर चली गई रूही ये आप क्या कह रहे‌ आंटी जब मैं यहां थी तो बिल्कुल ठीक थी आप मुझसे मजाक कर रही है तो प्लीज ऐसा



मजाक करना बंद करिए बताइए रिया कहां है सुनीता जी मैं क्यों मजाक करूंगी अपनी बेटी के बारे में बेटा मैं सच कह रही हूं रिया का 2 महीने पहले कार एक्सीडेंट हो गया था


जिसमें उसकी मौत हो गई इसलिए यह कहकर सुनीता जी रोने लगी रूही ने जब अपनी मम्मी को रोता‌ देखा तो खुद भी रोने लगी सुनीता जी ने रूही को अपने सीने से लगा लिया

रूही अपने मन में अब क्या दिन देखना पड़ रहा है अपनी ही मौत का सुनकर रो रही हू लेकिन आई मिस यू मामा मैंने आपको बहुत मिस किया अब मैं आप दोनों को छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी यह कहकर और टाइट हग कर लिया

सुनीता जी को रूही के गले लग ने से अपना पन का एहसास हुआ‌ सुनीता जी प्लीज बेटा रोना बंद करो अगर रिया ने तुम्हें रोते हुए देखे तो उसको कितना बुरा लगेगा तो जल्दी से रोना बंद


यह कहकर उन्होंने रूही की आंखों में से आंसू पूछ दिये रुही सही कहा आपने आंटी मैं नहीं रहूंगी मैं नहीं चाहती की रिया को दुख हो यह कहकर उसने अपना चेहरा पूछ लिय

थोड़ी देर बाद रूही ठीक आंटी अब मैं चलती हूं सुनीता जी बेटा तुम थोड़ी देर और रुक जाओ खाना खा कर चली जाना रूही नहीं आंटी अभी मुझे जाना है मुझे होटल में बुकिंग करनी है

अगर रात हो गई तो फिर करने में परेशानी होगी जैसे ही सुनीता जी ने होटल का नाम सुना तो उन्होंने कहा होटल में क्यों रूही वो दरसल आंटी मेरा कोई घर नहीं है पहले में हॉस्टल में रहती थी उसके बाद बाहर पढ़ने के लिए चली गई अब पास आई हूं तो कोई घर रेंट पर ले लूंगी जब तक होटल में रहूंगी


सुनीता जी ने जैसे ही रूही कि बात सुनी उन्होंने कहा कि तुम होटल नहीं जाओगे रूही पर क्यों आंटी आप ऐसा क्यों कहे रही है क्योंकि आज से तुम यहीं रहोगी हमारे साथ






Cantinue