Ishq to hona hi tha - 8 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | इश्क तो होना ही था - 8

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इश्क तो होना ही था - 8

अगस्त्य देर न करते हुए पूछ लिया " अगर शादी करने के लिए मैं आया होता तो ? "

आरोही अगस्त्य को घूर रही थी ......!!!!
कुछ सेकेंड्स बाद " आप बोल तो ऐसे रहे हैं जैसे मैं विपक्ष दल की नेता हूं और आप हमें cm की कुर्सी का लालच देकर अपने पार्टी में शामिल करना चाहते हैं तंज कसते हुए बोली । "
तो मैं आपको भी बता ही दूं उसूलों की पक्की हूं मैं ।
आप बरसात के मौसम में अदरक वाली चाय का आनंद लीजिए ।
वरना अभी जो आपके नाजुक हाथ में चाय से भरा कप है कहीं मैं जाते जाते आपके ऊपर न गिरा दूं मुंह बनाते हुए बोली ।
फिर गाते रहिएगा गाना ......कुमार सानू का.

" भीगी हुई है रात मगर जल रहे हैं हम
होने लगी बरसात मगर जल रहे हैं हम
सीने में कैसा दर्द है होठों पे कैसी प्यास है
कैसे बताएं हम ......
तुम्हें अंजना एहसास है, तुम हो हमारे साथ मगर
जल रहे हैं हम,,,,,,,
होने लगी बरसात मगर जल रहे हैं हम
भीगी हुई है रात मगर जल रहे हैं हम "

फिर देर न करते हुए वहां से चली जाती है ।।।।

आरोही के जाने के बाद " पूरी की पूरी जीती जागती तूफान है ये लड़की मन ही मन बोला । "

फिर अदरक की चाय की चुस्की लेने लगा ......

करीब एक घंटा बाद
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कैसे भी आरोही बारिश का आनंद लेने के लिए यूट्यूब की मदद से लिट्टी चोखा बना ही लेती है।

टेबल पर खाना रखने के बाद वही से आवाज दी जो हॉल से कुछ दूरी पर डाइनिंग टेबल लगी थी ।

शर्मा जी : चलो बेटा खाना खा लेते हैं , बहुत रात भी हो गई है अगस्त्य के तरफ देखते हुए बोले ।
जी अंकल चलिए ..... अगस्त्य शर्मा जी के बात पर सहमति दिखाते हुए बोला जो शर्मा जी के साथ ही बैठा था ।

कुछ ही मिनट्स बाद सभी एक साथ डाइनिंग टेबल पर बैठे थे ..... आरोही शर्मा जी के साथ अगस्त्य को भी परोस देती हैं ।
शर्मा जी : वाह लिट्टी चोखा , बहुत दिनों के बाद ऐसा खाना खाने को मिला है । आज तो तुम्हारी मां याद आ गई बेटा , जब भी बारिश होता था तो वो भी लिट्टी चोखा ही बनाया करती थी ।

" वो भी क्या दिन थे ? मायूसी के साथ बोले"

आरोही : पापा खा कर बताइए न ! कैसी बनी है ?
मां के हाथों का स्वाद तो नही होगा इसमें लेकिन पेट जरूर भर जाएगा अपने दर्द को छुपाते हुए हल्की सी मुस्कान के साथ बोली । आरोही को भी उसकी मां याद आ गई थी।

फिर पापा पहली बार बनाई हूं मैं तो आप जरा संभल कर खाइएगा , " पेट में जाने के बाद कही ब्लास्ट न हो जाए लिट्टी " खिलखिलाकर हंसते हुए बोली ताकि शर्मा जी का ध्यान भटका सके । "

अगस्त्य : अंकल ऐसा कुछ हो उससे पहले मैं एंबुलेंस को कॉल कर देता हूं । ऐसी सिचुएशन आने से पहले ही इंतेजाम हो जाए तो अच्छी है क्या पता एंबुलेंस वक्त पर न आई तो हंसते हुए बोला ।

आरोही : अगस्त्य की ओर देखते हुए " ज्यादा दांत मत दिखाइए वरना बाहर आ जायेंगे ..... हंस तो ऐसे रहे हैं जैसे कपिल शर्मा का कॉमेडी शो चल रहा है मन ही मन जबरदस्ती के मुस्कान के साथ खुद से बोल रही थी। "

अगस्त्य को समझ आ रहा था उसने आरोही के सामने बहुत गन्दा जोक्स मारा है ।
आरोही के चेहरे का एक्सप्रेशन बता रही थी ।

अगस्त्य मेरा खाना हो गया अंकल मैं जा रहा हूं सोने , कल पटना भी निकलना है । जल्दी वहां से निकलना ही ठीक समझा था । तब तक आरोही .... प्लेट में घी में डूबो कर एक और लिट्टी प्लेट में डाल देती है और मंद मंद मुस्कुराने लगती है ।

अगस्त्य : आज खिला खिला कर मारना चाहती है क्या ? मन ही बोला । जब भी हल्की मुस्कान के साथ खाने पीने को देती हैं कुछ गडबड ही होता है ।बेचारा अगस्त्य को खाना पड़ा।

शर्मा जी : ठीक है , फिर आरोही के तरफ देखते हुए " बेटा तुम्हे भी तो पटना घूमना था न तो कल अगस्त्य के साथ पटना चली जाना । अगस्त्य तुम्हे पटना घुमा देगा ।

आरोही : नही पापा ... कल मैं होस्टल जा रही हूं ।
मैं फिर कभी पटना घूम लूंगी ।

शर्मा जी : लेकिन बेटा तुम्हारे तो कॉलेज खत्म हो गए हैं और कुछ ही महीनों बाद फाइनल exam भी आने को है । फिर पटना जाने में क्या परेशानी है ?? पता है मुझे तुम क्यों माना कर रही हो ?
बेटा जब तक तुम नहीं कहोगी शादी की बात मैं तुम्हारे सामने नहीं करूंगा ।
कैसे भी कर के शर्मा जी अगस्त्य के साथ आरोही को भेजना चाहते थे ।

आरोही : कल सोच कर बताऊंगी मैं पापा !

फिर सभी अपने अपने कमरे में चले जाते है सोने के लिए।

अगस्त्य : मेरे साथ जाने के बाद पता नहीं कौन सा तूफान लायेगी ये लड़की । पर कोई न..... मैं भी इस तूफान को झेल लूंगा bed पर लेट कर सोच रहा था ।
हमारी दोस्ती आरोही के साथ हो जाए ।।।।

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आरोही जायेगी या नहीं ..... अगर जायेगी तो क्या करने वाली है ??