Ishq to hona hi tha - 7 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | इश्क तो होना ही था - 7

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इश्क तो होना ही था - 7

अगस्त्य जो कुछ घंटे पहले आरोही को अपनी नजरे उठा कर देखने से घबरा रहा था .... आरोही के सॉरी मांगने के तरीके पर खुल कर हंसने लगा ।

आरोही भी कम थोड़ी थी अपना पैर पटकते हुए गुस्से में चली गई .....।।।।

अगस्त्य: भोली और मासूम बच्ची के पीछे छिपी चेहरे पर भोलापन के साथ गुस्सा भी आता है ।
" मैने हंस कर कोई गुनाह कर दिया क्या ? खुद से बड़बड़ाया "

पैर तो ऐसे पटक कर गई वो गुस्से में जैसे मैं कोई अपोजिसन पार्टी का कोई नेता हूं गंभीर होकर खुद से बोला ।

फिर खुद को कमरे में बंद किया और ड्रेस चेंज किया ।

आरोही किचेन में बेचारा मेरे गुस्से के बारे में सोच रहा होगा मुस्कुराते हुए खुद से बोली , मैने एक्टिंग ही ऐसी की है जैसे भोजपुरी फिल्म में हिरोइन हीरो के साथ करती है ।
आखिर मेरे भोलापन पर हंसने का सजा तो मिलनी चाहिए न उसे ।

फिर अपने काम में लग जाती है । हालाकि लगातार बारिश को देखकर उसके दिमाग में आया क्यों न आज हम बिहार की फेमस खाना लिट्टी चोखा बनाया जाए ।
लेकिन मुझे आता कहां है मायूसी के साथ बोली????

" अरे भाई हम तो आजकल की लड़की है , किसी से कम थोड़े है । अपना बेस्ट फ्रेंड YouTube है न उसी की मदद लेती हूं । "

सर्च करने के बाद वीडियो देखने लगी ....... तब तक आरोही के कान में अगस्त्य की छींकने की आवाज मिली ।
आरोही अनदेखा कर वीडियो देखने में व्यस्त हो गई क्योंकि टाइम भी बहुत हो चुका था ।

लेकिन लगातार आ रही छींक को सुनने के बाद वीडियो को स्टॉप करती है और कुछ सोच कर चाय गैस पर चढ़ा दी ।
कुछ ही मिनट में अदरक वाली चाय बना दी और लेकर अगस्त्य के कमरे के पास पहुंच गई ।

दरवाजा बंद था तो आरोही नॉक की , अगस्त्य को आवाज मिलते ही आकर दरवाजा खोला ।
अगस्त्य : आ.. आ आप ।
आरोही : जी मैं आपको कोई प्रॉब्लम गुस्से के भाव से बोली ।

अगस्त्य : जी नही ! भला मुझे क्या प्रॉब्लम होगी ? आपका घर है आप जहां चाहो वहां जा सकती है ।

आरोही : अपनी हंसी को दबाते हुए , " चाय अगस्त्य की ओर बढ़ाते हुए ...... ले लिजिए अदरक वाली चाय ।
बारिश में भीगने के वजह से सर्दी का असर हुआ है थोड़ा कम हो जायेगा । "

अगस्त्य : चाय की ओर एक टक से देख रहा था..... जैसे उसके सामने चाय नही , कोई खूबसूरत सी लड़की खड़ी हो । खड़ी तो थी लड़की लेकिन अगस्त्य की नजरे इस वक्त चाय पर जा कर अटकी थी ।

" जैसे अपनी एक्स gf को वेलेटाइन डे पर किसी और के साथ देख कर उसकी नजरे हट ही नहीं रहा हो .......मुझे क्यों धोखा दे गई "

अगस्त्य का सिचुएशन अभी ऐसा ही था .... क्योंकि एक बार चाय आरोही के हाथ से पी चुका था जो उस वक्त अपनी इज्जत बचाने के लिए नमक वाली चाय भी गले से उतारना पड़ा था ।
फिर से चाय आरोही लेकर आई थी तो सक तो होगा ही जाहिर ही बात है । वैसे भी आरोही के सामने हंस कर गलती भी कर चुका था वो जैसे गई थी उससे अगस्त्य को ऐसा ही लग रहा था ।

आरोही : अब चाय को देखते रहेंगे या ट्रे से उठायेंगे भी .... गर्म पियेंगे तभी आपको राहत महसूस होगी ।

अगस्त्य : चाय का कप उठाने से कतरा रहा था ।।

आरोही समझ चुकी थी , अगस्त्य क्यों चाय का कप नही उठा रहा है ?
" इसमें नमक नही मैं तो जहर मिला कर लाई हूं मुस्कुराते हुए बोली । "

अगस्त्य : मुझसे आपको इतनी प्रॉब्लम है आपको , जहर देकर मारना ही चाहती है आप ।

आरोही : प्रॉब्लम पहले थी लेकिन अब नही है .... जब पता चला आप वो लड़का नही हो जो मुझसे शादी करने के लिए देखने आने वाला था ।

अगस्त्य : वैसे एक बार पूछूं ??

आरोही : जी जल्दी पूछिए ..... मुझे खाना भी बनाना है ।

अगस्त्य : आपको शादी से इतनी क्यों प्रॉब्लम है ? आप शादी करना क्यों नहीं करना चाहती है ??

आरोही : आप चाय पीजिए समझे , वरना सच में जहर मिला कर खिला पिला दूंगी मजाकिया अंदाज में बोली ।
वैसे मैंने सुना है आप मेरे लिए लड़का ढूंढने वाले हैं ।

अगस्त्य : जी ... जी ... समझ चुका हूं आप मुझसे क्या कहना चाहती है ???
मुझे भी आपसे डर कर रहना पड़ेगा तंज कसते हुए हल्की मुस्कान के साथ बोला ।

आरोही : हम्मम ! आप डर कर ही रहिए .... मुंगेर की लड़की हूं किसी से डरने वाली नही बल्कि डराने वाली में से हूं ।

अगस्त्य : आरोही से बहुत प्रभावित हो रहा था ..... पहली बार किसी लड़की से अब थोड़ा कंफर्टेबल होकर बात कर पा रहा था ।
देर न करते हुए पूछ लिया " अगर शादी करने के लिए मैं आया होता तो ? "





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