Love Contract - 17 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 17

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Love Contract - 17

सावरी जी अदिति को साड़ी देने के बाद वापस नीचे आती है , किचेन में जाने के बाद वही उलझ जाती है और दिमाग से निकल जाता है वो अपनी बहू को कुछ खाने
को देने वाली थी । एक घंटे बाद याद आया ' हे भगवान मैं तो काम के चक्कर में बहू को खाने के लिए कुछ देना ही भूल गई , एक प्लेट में खाना गर्म करने के बाद पड़ोस ली किचेन से निकल कर सीढ़ियों के तरफ बढ़ती लेकिन उससे पहले अरुण मित्तल डाइनिंग टेबल के पास बैठते हुए कहा " आप मेरा खाना लगा दीजिए सावरी जी , जी अभी अाई सावरी जी बोली ।"

" अरुण मित्तल " जल्दी लेकर आओगी आप खाना या मुझे भूखे मारने के चक्कर में हो आप बहू के आने के बाद। जी ऐसा वैसा बेकार की बातें आप क्यों लाते हैं अपने दिमाग में ? मैं खाना गर्म कर रही थी इसीलिए थोड़ी सी देर हो गई । वो सिर्फ मेरी बहू नहीं है आपकी भी बहू है
बार बार मुझे तना मत सुनाया कीजिए । अभी तो किसी को पता नहीं है लेकिन धीरे - धीरे जब सब को पता चलेगा तब कहिएगा आपकी बहू नहीं है सावरी जी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली ।

तब का तब सोचेंगे क्या उन लोगों को जवाब देना है ? अभी मेरे पास बेकार का वक़्त नहीं है जो ये सब सोचूं।
और हां आप कान खोल कर सुनो इस लड़की मैं कभी अपनी बहू के रूप में स्वीकार करूंगा ।
आप को कुछ समझाना ही बेकार है आपको समझाना मतलब " ख़ुद का सिर दीवार पर मारना " सावरी जी बोली ।

घर से बाहर बागीचे में निकल अाई , उनको अचानक याद आया बागीचे में पौधों को पानी देना भूल गई है । जब वो अपने कमड़े के खिड़की से बागीचे के तरफ देख रही थी तो उस बागीचे में कई फूल के पौधे मुरझाए हुए दिखे थे ।

अदिति अपने कमड़े में इधर उधर टहल रही थी, अपना पेट पकड़ कर ' अब तो मेरे पेट के चूहे भी कूदने लगे भूख लगी खाना दो क्या करूं मैं ?? कुछ समझ नहीं आ रहा मां तो बोल कर गई थी कि मैं कुछ खाने को लाती हूं लेकिन अभी तक तो कुछ नहीं लाया ।' क्या करूं मैं ??
जाऊं क्या नीचे ?? शायद मां काम में व्यस्त होंगी ।
नहीं - नहीं मेरा जाना ठीक नहीं होगा फिर बेड पर अपना
पेट पकड़ कर बैठ जाती है ।

बेड से उठ कर झटके से नीचे हॉल में अाई इधर - उधर नज़रे घुमा कर चारो ओर देखी पर कोई नजर नहीं आया तब हॉल से कुछ दूरी पर डाइनिंग टेबल के ऊपर बास्केट में फ्रूट्स रखे हुए थे । टेबल के पास जाकर एक सेब उठा कर अदिति खाने लगी , सेब को काटते हुए अपने पीछे मुड़ी तो देखा अरुण मित्तल अपने व्हील चेयर पर अदिति के सामने है । उनको देख कर अदिति जम वहीं जम सी गई।

अरूण मित्तल को गुस्सा आ गया अदिति को अपने सामने देख कर । वो कुछ बोलने वाले ही होते हैं , बीच में टोकती हुई सावरी जी अरे बेटा तुम ऊपर जाओ अभी शाम होने में
बहुत वक़्त है वैसे भी तुम कल के बाद ही किचेन में खाना बना सकती हो । आज तुम बेफिक्र रहो और आराम करो ।
तुम्हारे पापा जी को चाय बना कर मैं देती हूं ।

सावरी जी के इशारा को समझ जाती है और वो झटके से वहां से अपने कमड़े में चली जाती है ।

दोनों रिवान और विराज मॉल में शॉपिंग करने के बाद , घर वापस आ रहे थे तभी अचानक उनका कुछ बचपन के दोस्त मिल जाते हैं । अभी और सूरज दोनों रिवान और विराज से ' क्या भाई क्या हाल है ? कई महीनों से इसी शहर में रह रहे हो हम सब से मिलने की कोशिश भी नहीं किया । सब ठीक ही है भाई, अंकल और आंटी से पूछा तुम दोनों के बारे में तो उन्होंने बताया था कि तुम दोनों टूर पर निकले हो विराज मुस्कुराते हुए बोला ।

" अभी " रीवान तुझे क्या हुआ है ?? उदास लग रहे हो या पार्टी देने के बहाने है तुम्हारे । अरे नहीं अभी भाई ऐसा कुछ नहीं है बस ऐसे ही थोड़ा शांत हुआ उदास नहीं हूं ।
" सूरज " आज तो तुम से पार्टी लेकर रहूंगा , आखिर हमारा लगौंटिया यार विदेश से गोल्ड मेडलिस्ट बनकर आया है हम लोग सेलिब्रेट भी न करे ऐसा हो सकता है क्या ?? आज कोई बहाना नहीं चलेगा समझे । अब चलो पार्टी दो हमें ।

" विराज " रिवाण को इशारा किया , भाई दे दो पार्टी वरना ये तुम्हे ऐसे ही घर नहीं जाने देंगे ।
" रिवान " अच्छा ठीक है चलो जहां जाना है, वैसे भी बहुत दिन हो गए पार्टी किए । आज खूब मस्ती करेंगे मिलकर बचपन की तरफ यादें ताज़ा हो जाएंगी ।
विस्का रेस्टुरेंट के पास कार को विराज रोका यहीं चलते हैं , ये काफी अच्छा रेस्टुरेंट है ।
" सूरज " ये तो 5 🌟 रेस्टुरेंट है वाह रीवाण भाई आज तो हमारी किस्मत चमक गई ।
" अभी " सही कहा भाई तूने ।
पार्टी चारों की शुरू हो जाती है । विराज अपने और रिवान के लिए जूस ऑर्डर करता है । अभी और सूरज को कहता
जो तुम्हे ऑर्डर करना है वो कर लो ।
पार्टी करीब एक घंटे तक चली फिर अपने - अपने घर चले गए ।

" रिवान " भाई मेरा सर घूम रहा है ऐसा लग रहा है जैसे मैंने कोई नशीली शराब पी रखा हो । क्या , रिवान तुमने शराब पिया ? विराज आश्चर्य से पूछा । अरे नहीं भाई मैं तो जूस ही पिया था। पर पता नहीं मेरा सिर क्यों घूम रहा ??
शायद थकावट से ये मेहसूस हो रहा होगा । कुछ ही देर में
घर पहुंचने वाले ही है आराम कर लेना उसके बाद बेहतर मेहसूस करोगे ।

अगले दिन रिवान अदिति को अपने बाहों में देख कर 🤔🤔

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