जय श्री कृष्णा 🙏
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणत क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।
हे फैमिली पेश है आप सब के लिए एक नई धारावाहिक आशा करती हूं की ये आपको पसंद आयेगा और आप ढेर सारा प्यार देंगे मेरी इस नई कहानी को। लव यू फैमिली ❤️
अक्सर बड़े शहर खुद के अंदर कई कहानियां छुपाए रहते है, कई घटनाओं के चस्मदीद गवाह होते है, इनकी सड़के, इनकी गलियां और उन गलियों में बना घर और उन घरों के आंगन में खेलती जिंदगियां, कई घर की ऐसी कोई कहानी नहीं होती है जिन्हे पन्नो पर उतारा जाए। और कई कहानियां खुद से पन्नो पर उतर जाती है, और चीख चीख कर अपनी मौजूदगी दर्ज करती है। ऐसी ही कहानी है हमारी खनक की।
मुंबई ( सुनसान सड़क ),
मुंबई जो माया नगरी से फेमस है और सही भी है किसी को भी राजा से भिखारी और भिखारी से राजा बना सकती है। यही है इस शहर की करामात, जिस पर खुश हो गई उसे पैसा और नाम दोनो देती है, और जिससे नाराज हुई उसको तबाह करके उसके राख तक को समंदर में बहा देती है। और आज ये शहर फिर से नाराज हुई है किसी से पर देखना ये है की ये उसे बर्बाद करेगी या बक्स देगी।
मुंबई के एक अनजान लेकिन वीरान से सड़क पर एक लड़की ग्रीन कलर के साड़ी में भागी जा रही है, उसके सर से खून बह रहा है, उसके पैर में भी काफी चोटे आई है जिनसे खून रिस रहा है, उसके कंधे पर गोली लगी है जिससे उसके कंधे से खून ऐसे बह रहा है जैसे मेघों से पानी। उसके होठ सुख चुके है, आंखो में डर का साया है, डर अपनी ही मौत का डर, लेकिन डर से भी ज्यादा कुछ और है, और वो है दर्द, कैसा दर्द ये तो अभी पता नही चल रहा है, अभी वो बस भागना चाहती है पूरी दुनिया से दूर, काफी दूर जहां कोई भी न पहुंच पाएं, वो भाग रही थी और उसके ठीक पीछे एक लड़का और लड़की थे जो उसका ही पीछा कर रहे थे।
लड़का ( आवाज लगाते हुए ) " रुक जाओ, डार्लिंग रुक जाओ, कहां भाग रही हो, रुक जाओ जान।"
वो लड़का खनक को बार बार रुकने के लिए कह रहा था, और वो जितनी बार खनक को आवाज लगाता उतनी बार खनक के आंखो से आंसू लुढ़क कर उसके गालों पर बह रहे थे, लेकिन वो रुक नही रही थी, भागी जा रही थी। तभी वो लड़की जो उस लड़के के साथ थी वो उस लड़के से कहती है।
लड़की ( लड़के पर भड़कते हुए ) " क्या डार्लिंग डार्लिंग लगा रखा है रिवाज, उसे पकड़ो वरना वो हमारे लिए मुसीबत बन सकती है, उसे जल्दी से पकड़ना होगा, वरना वी आर फिनिश।"
रिवाज ( भागते हुए उस लड़की से ) " शाइनी मुझे जो बोल रही हो तुम भी तो पकड़ सकती हो, और वैसे भी वो बहुत दूर तक भाग नही सकती है, चोट आई है उसे।"
इतना बोल कर वो तेजी से खनक के तरफ दौड़ता है, रात का घना अंधेरा छाया हुआ था कुछ भी साफ नही दिख रहा था उन सबका चेहरा भी साफ नही था। वो दौड़ते हुए जाता है और खनक को पकड़ लेता है, खनक उससे छूटने की काफी कोशिश करती है लेकिन कोई फर्क नही पड़ता है, रिवाज काफी हट्टा कट्टा आदमी था और खनक बहुत ही सॉफ्ट थी इसलिए रिवाज से छूटना उसके लिए बहुत मुश्किल था, वो बार बार हाथ पैर मार रही थी लेकिन कोई फायदा नही होता है, रिवाज उसे खींचते हुए ले जा रहा था, थोड़ी ही दूरी पर उनकी कार खड़ी थी इसी कार से खनक भागी थी। खनक को अब एहसास हो चुका था की इनके चंगुल से अब वो नही छूट सकती है, शाइनी एक टेप ले कर आती है और खनक के मूंह पर चिपका देती है। वो दोनो उसे गाड़ी में पटक देते है और गाड़ी में बैठ कर फुल स्पीड से निकल जाते है।
पाठक फार्म हाउस
वही गाड़ी एक छोटे से फार्म हाउस में आ कर रुकती है, और उसमे से रिवाज और शाइनी बाहर आते है और पीछे का दरवाजा खोलते हुए खनक को बाहर निकालते है, और उसे खींचते हुए उस छोटे लेकिन प्यारे से घर में ले जाते है, अंदर ले जा कर उसे एक चेयर पर बैठा देते है और उसके दोनो हाथ को आपस में ही बांध देते है क्योंकि वो पहले से अधमरी हालत में थी इसलिए वो भाग नही सकती थी, वो उसे चेयर पर बैठा देते है।
रिवाज ( उसके पैरों के पास बैठ कर उसका हाथ अपने हाथो में लेते हुए ) " जान याद है ये फार्म हाउस मैने तुम्हे बर्थडे गिफ्ट दिया था, कितने प्यार से ये मैने तुम्हारे लिए खरीदा था पर देखो ना अब हमारे बीच कुछ भी वैसा नही है, मुझे तुम से जो खुशी चाहिए वो तुम मुझे नही दे सकती हो वो खुशी मुझे मेरा प्यार दे सकता है मेरी शाइनी इसलिए तुम्हे जाना होगा, क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है बेबी।"
खनक ( मुस्कुरा कर अटकते हुए ) " हां बिल्कुल सही कहा कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। लेकिन याद रखो रिवाज पाठक कई बार सब कुछ पाने के चक्कर में आप वो खो देते है जिसकी वजह से आपका वजूद है, मै तो चली जाऊंगी लेकिन ये आंसू तुम्हे कभी चैन से सोने नहीं देंगे।"
शाइनी घबराते हुए रिवाज को अपने तरफ खींचती है और उसके होठों पर अपना होठ रख देती है रिवाज भी उसका साथ दे रहा था वहीं खनक अपनी आंखे मिंच लेती है, एक दूसरे को थोड़ी देर किस करने के बाद रिवाज की आंखे गुस्से से लाल हो जाती है, और वो पूरे फ्लोर पर पेट्रोल डाल देता है और आग लगा देता है, दोनो घर से बाहर निकलते है, तभी अंदर से खनक की आवाज आती है।
खनक ( चीखते हुए ) " तुम हार गए रिवाज पाठक तुम हार गए, मै मां नही बन सकती हूं इसलिए तुमने मुझे धोखा दिया है ना, तो सुनो मै प्रेगनेंट हूं जा रही हूं मैं अपने बच्चे को ले कर तुम हार गए रिवाज आज एक बाप ने अपने ही अजन्मे बच्चे को मार दिया, एक पति ने अपनी पत्नी को मार दिया। तुम इस गुनाह से कभी नही उभर पाओगे, तुम हार गए रिवाज पाठक, तुम हार गए।"
खनक की बात सुन कर रिवाज के कदम अपनी जगह पर ही जम गए थे और वो हैरानी से उस जलते हुए घर को देख रहा था, जो अब पूरी तरह से आग के अंदर समा चुका था, इससे पहले की रिवाज कुछ समझ पाता खनक की चीखे शांत हो चुकी थी।
तो आगे क्या होगा इस कहानी में ? क्या खनक पाठक अब नही बची ? क्या अंत है खनक का या शुरुआत है किसी नई दास्तान का ? जानने के लिए बने रहे ! तू भी सताया जाएगा। मेरे यानी शालिनी चौधरी के साथ।
✍️ शालिनी चौधरी