Kismat Se Mila Rishta - 10 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 10

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 10

तनवी ने मारा अभय को ताना

 

अब आगे,

 

अब आकाश ने तनवी को उस की दवाइया देते हुए उस से कहा, " लीजिए अपनी ये दवाइया खा लीजिए..! " 

 

आकाश की बात सुन कर, तनवी ने इरिटेट होते हुए उस से कहा, " कह तो ऐसे रहे हैं जैसे ये दवाइया ना होकर कुछ और ही हो..! " 

 

तनवी की बात सुन कर आकाश ने अपना सिर नीचे कर लिया तो अब अभय ने आकाश से कहा, " अब खड़े क्या हो, तनवी को जल्दी से उस की दवाइया दो और उस के लिए पानी लेकर आओ..! " 

 

अभय की बात सुन कर अब आकाश ने तनवी को उस की दवाइया निकल कर उस के हाथ में दे दी और अब उस के लिए जल्दी से एक कांच के गिलास में पानी निकलने लगा, और फिर तनवी को गिलास में पानी निकल कर दे दिया..!

 

अब तनवी ने ना चाहते हुए भी वो दवाइया खा ली और फिर वो दवाइया खाने के बाद किसी छोटे बच्चे की तरह अजीब सा मुंह बनाने लगी ही थी कि अब आकाश फिर से उस के लिए दवाई का सिरप ले आया और उस को देते हुए उस से कहा, " ये लीजिए इस को भी पी लीजिए..! " 

 

तनवी का मुंह वैसे ही दवाइया खाने से बेकार हो चुका होता था और जैसे ही उस ने उस दवाई का सिरप को पिया उस के मुंह से बस यही निकला, " छी..! कितना गन्दा टेस्ट है और इस को पीने से मेरा पूरा मुंह का टेस्ट ही खराब हो गया..! " 

 

अब तनवी अपनी बात कह कर बस अभय को घूरने लगी क्योंकि अभय ने ही तनवी को दवाइया खिलाने की शुरुआत करी थी..! 

 

वही तनवी के ऐसे घूरने से अभय को लगा कि तनवी उस से चॉकलेट मांग रही हैं क्योंकि उस ने तनवी को दवाइया खाने के बाद चॉकलेट देने का वादा किया था..!

 

तो बस इसलिए ही अब अभय ने आकाश को इशारा किया और अभय का इशारा समझ कर अब आकाश उसी जेट मे बनी रसोई की तरफ बढ़ गया और वहा पहुंच कर उस के फ्रीजर में से चॉकलेट ले आया और फिर अभय को दे दिया..!

 

अब अभय ने आकाश के हाथ चॉकलेट लिया और अब तनवी को देते हुए उस से कहा, " लो इस को खा लो तुम्हारे मुंह का टेस्ट ठीक हो जायेगा..! " 

 

अभय की बात सुन कर अब तनवी ने अभय के हाथ से चॉकलेट को ले लिया और साथ में तनवी ने अब अभय को ताना मारते हुए कहा, " ये बढ़िया है पहले मुंह का टेस्ट खराब करो और फिर कहो ये खा लो मुंह का टेस्ट अच्छा हो जायेगा..! " 

 

तनवी की बात सुन कर, अब अभय उस को देखने लगा और तनवी अपनी चॉकलेट का पैकेट खोलते हुए अब अभय के सामने रखे हुए सोफे पर आराम से बैठ गई..! 

 

अब अभय ने अपना सिर झटका और फिर अपना लैपटॉप लेकर बैठ गया और उस मे अपने इंपोर्टेंट ईमेल्स देखने लग गया, वही तनवी अपनी चॉकलेट खाते हुए अभय को देखने लगी क्यूंकि अभय का सारा ध्यान अब उस के लैपटॉप में लग चुका था..!

 

तनवी अपनी चॉकलेट खाने में बिजी थी वही जब अभय की नजर तनवी के चेहरे पर गई तो अब अभय तनवी को देख उस के चेहरे पर मुस्कान आ गई और कुछ देर बाद वो हसने भी लगा..! 

 

अभय के ऐसे अचानक हसने से अब आकाश, राज, रवि और उस के बाकी बॉडीगार्ड्स का ध्यान उस की ओर हो गया और जब सब ने अभय की नज़रों का पीछा किया तो पता चला कि वो तनवी को देख हंस रहा था..! 

 

अब जैसे ही सब का ध्यान अभय से तनवी पर शिफ्ट हुआ तो वो सब भी अब हसने लगे और उन सब का हंसना सुन अब तनवी उन को ही देखने लगी वही जब अभय ने उन सब की ओर देखा तो सब एक दम से शांत भी हो गए और फिर ऐसे शांति छा गई जैसे वहा कुछ हुआ ही न हो, अब सब अपना सिर नीचे कर के खड़े थे क्योंकि अब उन सब का बॉस उन सब को गुस्से से घूर रहा था..! 

 

अब एक दम से शांति छा जाने की वजह से तनवी ने राज से पूछा, " क्या हुआ आप सब लोगो ने हंसना बंद क्यू कर दिया..? "

 

तनवी की बात सुन कर, अब अभय ने आकाश को इशारा कर तो आकाश वहा से टिश्यू पेपर का बॉक्स लेने चला गया और फिर कुछ देर बाद आकर अभय को टिश्यू पेपर का बॉक्स उस के सामने रखी शीशे की टेबल पर रख कर साइड में खड़ा हो गया..! 

 

अब अभय ने तनवी से कहा, " यहां मेरे पास आकर बैठो..! " 

 

अभय की बात सुन कर, अब तनवी अपने सोफे पर से उठ गई और अभय के पास जाकर बैठ गाई तो अब अभय ने तनवी के हाथ से उस का चॉकलेट का पैकेट लिया और सामने रखी शीशे की टेबल पर रख दिया जिस की वजह से अब तनवी, अभय को देखने लगी..!

 

अभय ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि उस की बहन उस को देख रही थी वही अब अभय उस टिश्यू पेपर के बॉक्स में से टिश्यू निकाल कर उस से तनवी का मुंह साफ करने लगा और उस को थोड़ा डाटते हुए उस से कहा, " तुम आजकल बिलकुल किसी छोटी बच्ची की तरह व्यवहार करने लगी हो और भला कोई ऐसे चॉकलेट खाता है क्या कि तुम्हे देख कर लग रहा है तुम चॉकलेट खा कम अपने चेहरे पर लगा ज्यादा रही हो..! " 

 

अभय से डाट खाने के बाद, तनवी ने उस से पूछा, " आप का इस से क्या मतलब है कि मै आजकल ही बच्चो जैसा व्यवहार कर रही हु क्यू पहले नही करती थी क्या..? " 

 

तनवी की बात सुन कर, अभय को एहसास हुआ कि उस ने क्या बोल दिया और अब वो अपने मन में सोचने लगा कि आखिर अब वो तनवी से क्या कहे क्योंकि सच तो वो उस को बता नही सकता था क्योंकि उस को लग रहा था कि कही इस से तनवी अपने लिए ही कोई मुसीबत ही खड़ी न कर ले और उस का एक कारण ये भी था कि अब तनवी बहुत ही ज्यादा मासूम और दयालु हो चुकी थी..! 

 

तो अब देख ना ये होगा कि क्या अभय, कभी तनवी को ये बता पाएगा कि उस की याददाश चली गई और क्या होगा जब अभय को पता चलेगा कि तनवी की इस हालत का जिम्मेदार कौन था..? 

 

To be Continued.....

 

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