आज कई दिनों बाद मुझे कॉफी पीने का मन हुआ।सो, काम समाप्त करने के बाद मैं सीधे शहर के नामचीन होटल में ना जाकर साधारण सी होटल में चला गया। उस समय, शाम के ठीक सात बजे हुए थे। साधारण सी दिखने वाली उस अस्थाई होटल में
बहुत सारे लोग बैठे हुए थे। चहल _पहल जारी थी। मैं भी अपनी जगह पर जाकर बैठ गया, और एक कप कॉफी का ऑर्डर दे दिया। पांच मिनट तक इंतजार करने के बाद कॉफी मेरे टेबल पर आ गई। फिर क्या था? मैं बड़े ही मजे लेकर कॉफी पीने लगा। इसी दौरान, मेरी नजर एक नीली आंखों वाली लड़की पर गई। वह अपने प्रेमी और बॉयफ्रेंड के साथ उसी होटल में रुकी हुई थी।
उसे देखकर तो मैं हैरान रह गया। कहीं वह रेशमा तो नहीं है। नहीं _नहीं ऐसा नहीं हो सकता है, क्योंकि उसे तो गुजरे हुए कुछ वक्त हो गया है।तब वह कौन है....? फिर मैं अपनी अतीत की झरोखों मे चला गया।बात उस समय की है,जब मैं रेशमा से पहली बार अपनी बहन की यहां शादी में मिला था। उस समय मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, और वह मेडिकल की तैयारी कर रही थी। चुकी वह मेरी बहन की दूर के रिश्तेदारी से ननद लगती थी। इस कारण, हम दोनों एक _दूसरे के और करीब आ गए। पहले दोस्ती, फिर प्यार। इसमें सबसे बड़ी खुशी की बात यही हुई कि हम दोनों एक ही बिरादरी के थे। इस नाते हमारे परिजनों को शादी को लेकर कोई भी दिक्कत नहीं हुई।
रेशमा लंबी और खूबसूरत लड़की थी। गोरा बदन और नीली आंखें। ऐसा लगता था कि वह किसी अंग्रेज की बेटी हो। सच में, उससे प्यार होने के बाद मैं खुद को बहुत ही नसीब वाला समझ रहा था। जब भी हमें मौका मिलता, एक _दूसरे से जरूर बातें करते, और कभी मिल भी लेते। अपने प्यार को हमने कभी भी अपनी कैरियर के बीच नहीं दिया। इसलिए, अपनी मंजिल को पाने के बाद शादी करने का फैसला किया।
मगर, होनी को कुछ और ही मंजूर था। एक रात। जब मैं सोने की तैयारी कर रहा था। इसी बीच, पापा और मम्मी मेरे कमरे में आए। उन्हें देखकर मैंने हैरान होकर पूछा"क्या बात है पापा?आज इतनी रात में???"मेरी तरफ देखकर पापा नम आंखों से बोले"बेटा राज, रेशमा अब इस दुनियां में नहीं रही।"यह सुनकर मुझे बड़ा ही धक्का लगा। ऐसा कैसे हो सकता है?आज शाम तक तो मैं उससे मिलकर आया हूं।ऐसा सोचकर मैं दुःखी और कापतें हुए बोला"नहीं मां, ऐसा नहीं हो सकता है। कह दो की यह बिल्कुल सही नहीं है।"इतना कहकर मेरा गला भर आया। तब मेरी बात सुनकर मां बोली"काश!यह झूठ ही होता।"मां की ऐसा बातें सुनकर मैं जोर से रेशमा का नाम पुकार कर बेहोश हो गया।
इसी बीच, मेरा ध्यान टूटा। मेरे मोबाइल पर मेरी पत्नी मुस्कान का कॉल आया था। मेरी आंखें नम हो गईं थी। मैंने कॉल रिसीव किया तो मुस्कान बोली"कहां है आप?"मैंने गंभीर होकर कहा"बस, अभी आ रहा हूं।"इतना कहकर मैंने कॉल कट कर दिया। फिर भारी मन से उदास होकर उस होटल से निकलते समय एक नजर उस नीली आंखों वाली लड़की पर डाली। वह बड़े ही मस्ती से अपनी प्रेमी के साथ बातचीत कर रही थी। आज भी नीली आंखों वाली लड़की रेशमा को मैं भुला नहीं पा रहा हूं।
: कुमार किशन कीर्ति।