Beyond Words : A Love Born in Silence in Hindi Thriller by Dev Srivastava books and stories PDF | बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 3

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 3




शाम का समय,

निशा की बातें सुन कर यश ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब, सच में सिद्धांत बन जाएगा ! "

निशा ने एनॉयड सा फेस बना कर कहा, " क्या यश, तुम खुद साइंस लवर हो और फिर भी इस बात का मतलब पूछ रहे हो ! "

यश ने कुछ सोचते हुए कहा, " यू मीन... " और इसके आगे वो चुप हो गया और आंखें बड़ी करके निशा को घूरने लगा तो निशा ने एक्साइटेड होकर कहा, " हां हां, वही जो तू समझ रहा है । "

यश ने बिल्कुल गंभीर आवाज में कहा, " तुम ऐसा नहीं कर सकती । "

निशा ने दृढ़ आवाज में कहा, " मैं ऐसा कर सकती हूं और करूंगी भी । एक साल, सिर्फ एक साल में सिड सच में सिद्धांत बन जाएगा और फिर मैं उससे शादी कर लूंगी । "

यश ने हल्के से व्यंग्य से हंस कर कहा, " एक साल ! "

फिर उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक साल में तीन और पैंसठ दिन होते हैं मिस निशा, तीन सौ पैंसठ दिन ! और तुम्हें ऐसा लगता है कि हम इतने दिनों तक उसे तुम्हारे पास छोड़ेंगे । "

निशा ने दृढ़ता के साथ कहा, " तुम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते । "

यश ने उससे सवाल करते हुए कहा, " और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है ? "

निशा ने स्क्रीन अपने चेहरे के बिल्कुल पास लाकर कहा, " इसलिए क्योंकि अगर तुमने ऐसा करने की कोशिश की तो मेरे पास सुसाइड और मर्डर दोनों के ही कई तरीके हैं ।

इसे भी मार दूंगी और खुद भी मर जाऊंगी, फिर करते रहना शादी, इसकी लाश से । "

ये सुनते ही मिसेज माथुर ने घबराहट के साथ कहा, " नहीं, तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी । कोई तुम्हारे पीछे नहीं आएगा, लेकिन सिड को कुछ नहीं होना चाहिए । "

निशा ने खुश होकर कहा, " ये हुई न बात ! "

फिर उसने यश को टौंट मारते हुए कहा, " देखो, मेरी सासू मां कितनी समझदार हैं ! "

यश ने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " मां, नहीं ! "

मिसेज माथुर ने भी उसकी ओर देख कर कहा, " यश, सिड से बढ़ कर कुछ भी नहीं है । "

उनकी बातें सुन कर यश के दिमाग में न जाने क्या आया कि उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक मिनट निशा, तुम उसे सच में सिद्धांत बनाना चाहती हो न ! "

निशा ने तुरंत कहा, " हां ! "

यश ने उसे अपनी बातों में फंसाने के लिए कहा, " बनाओ, शौक से बनाओ और बेहोशी की हालत में उससे शादी भी कर लो, पर क्या उसे हमेशा ऐसे बेहोशी में ही अपने पास रखोगी ? "

निशा ने लापरवाही से कहा, " नहीं, एक बार वो पूरी तरह से सिद्धांत बन जाए और हमारी शादी हो जाए, फिर मैं इसे होश में ही रखूंगी । "

यश ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " और तुम्हें लगता है कि वो इस बेहोशी की शादी को और तुम्हें अपनी वाइफ के तौर पर एक्सेप्ट कर लेगा ! "

निशा ने चिढ़ कर कहा, " कहना क्या चाहते हो तुम ? "

यश समझ चुका था कि निशा बौखला चुकी है और इसी बात का फायदा उठाते हुए उसने कहा, " कहना नहीं, चैलेंज करना चाहते हैं हम तुम्हें ! "

निशा ने भी कहा, " कैसा चैलेंज ? "

यश ने आराम से कहा, " देखो, उसके सिद्धांत बनने के बाद हमारी और उसकी शादी तो होने से रही तो... "

इसके आगे यश ने कुछ नहीं कहा तो निशा ने उत्सुकता से कहा, " तो ! "

यश ने अपनी चाल चलते हुए कहा, " तो तुम यहां, सबके बीच, उसकी मर्जी से, सबके आशीर्वाद के साथ उससे शादी करके दिखाओ तो हम मान लेंगे कि तुम्हारा प्यार सच्चा था । "

निशा ने पूरे एटीट्यूड के साथ कहा, " मेरा प्यार सच्चा था नहीं, सच्चा है और तुमने मुझे चैलेंज किया है न, ठीक है । एक साल बाद मैं इसे लेकर वापस आऊंगी और सबके आशीर्वाद के साथ ही इससे शादी करूंगी । "

यश ने एक शातिर मुस्कान के साथ कहा, " चलो, देखते हैं ! "

निशा ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कहा, " देख लेना । "

इतना बोल कर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया ।

कॉल कटते ही मिसेज माथुर ने यश की ओर देख कर तेज आवाज में कहा, " ये क्या किया तुमने, यश ? "

यश ने आराम से कहा, " आपकी प्रॉब्लम को सॉल्व किया है, मां । "

मिसेज माथुर ने गुस्से में कहा, " ये, ऐसे, ऐसे सॉल्व किया है तुमने इस प्रॉब्लम को ! "

यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " हां, मां ! सिड को बचाने का यही तरीका है हमारे पास । "

इस बार सनी ने कहा, " और वो कैसे ? "

यश ने उसकी ओर देख कर कहा, " वो ऐसे कि वो उसका ऑपरेशन भले ही करा दे पर उससे शादी नहीं करेगी, एट लीस्ट इंडिया वापस आने तक तो नहीं, और अगर उसे सिड से शादी करनी है तो उसे इंडिया तो आना ही पड़ेगा । "

सनी ने इस सब पर गौर करते हुए कहा, " हम्म ! बात तो तुम्हारी सही है । "

मिसेज माथुर ने रोते हुए कहा, " पता नहीं, ये सब सिड के साथ ही क्यों होता है ! "

अब इस पर यश क्या ही कहता । उसने सबको मिसेज माथुर को संभालने का इशारा किया और घर से बाहर चला गया । वो वहां से निकल कर पुलिस स्टेशन चला गया ।

उसने ACP अनिरुद्ध सिन्हा से कहा, " क्या हुआ ? कुछ पता चला ? "

अनिरुद्ध ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " नहीं यार, यश ! "

यश ने तेज आवाज में कहा, " ऐसा कैसे हो सकता है ? हम इसीलिए तो उससे इतनी देर तक बात करते रहे । "

अनिरुद्ध ने उसकी ओर देख कर कहा, " तेरी बात सही है, पर जितने भी बार हमने स्क्रीन रिफ्रेश की उतनी ही बार हमें उसकी अलग लोकेशन मिली । "

यश ने अपना एक पैर जमीन पर मार कर गुस्से में कहा, " शिट ! "

फिर उसने अनिरुद्ध की ओर देख कर कहा, " एक काम करिए, आप लोग सिड के फोन की लोकेशन भी ट्राई करते रहिए । "

अनिरुद्ध ने कुछ सोचते हुए कहा, " हम्म ! ट्राई कर सकते हैं लेकिन उसकी भी गारंटी नहीं है । "

यश ने उम्मीद के साथ कहा, " गारंटी न हो, पर होप तो है न ! "

अनिरुद्ध ने हां में सिर हिला दिया तो यश बाहर चला गया ।


ऐसे ही सिद्धांत को ढूंढते हुए तीन हफ्ते बीत गए लेकिन सिद्धांत का कहीं कोई सुराग नहीं मिला । मिसेज माथुर, मिस्टर सिन्हा और यश हॉल में मौजूद थें । बाकी सबको इन तीनों ने कैसे भी समझा कर वापस भेज दिया था ।

यश ने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " पापा, हम जब तक उसे वापस नहीं ले आते तब तक हमें चैन नहीं मिलेगा । "

मिस्टर सिन्हा ने निराशा के साथ कहा, " हमने सब कुछ तो कर लिया । हमारे एजेंट्स ने उन दोनों को पूरे इंडिया में ढूंढ लिया पर इन दोनों का कहीं कुछ पता नहीं चल । वो जहां - जहां मिशन पर गया था उन जगहों पर भी पता कर लिया, लेकिन कोई फायदा... "

वो अपनी बात बोल ही रहे थें कि तभी उनके दिमाग में कुछ खटका और उन्हें अचानक से कहा, " एक मिनट ! "

यश ने कौतूहल के साथ कहा, " क्या हुआ पापा ? "

मिस्टर सिन्हा ने सोचते हुए कहा, " एक जगह ऐसी भी है जहां सिड मिशंस के लिए कम और घूमने के लिए ज्यादा गया है । "

यश ने तुरंत कहा, " कौन सी जगह ? "

इससे पहले कि मिस्टर सिन्हा कुछ कहते मिसेज माथुर ने कहा, " थाईलैंड ! "

यश ने भी याद करते हुए कहा, " हां, लेकिन उसकी किडनैपिंग का इस सबसे क्या लेना देना ! "

मिस्टर सिन्हा ने उसके सवाल का जवाब देने के बजाय उसी से सवाल करते हुए कहा, " तुम निशा के बारे में क्या जानते हो यश ? "

यश ने नासमझी से कहा, " निशा के बारे में, मतलब ! "

मिस्टर सिन्हा ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " मतलब कि तुम निशा के बारे में क्या जानते हो ! "

यश ने नॉर्मली कहा, " यही कि वो MLA की बेटी है और सिड के पीछे पड़ी है । "

मिस्टर सिन्हा ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " तुम्हें सिर्फ उसकी आधी इनफॉर्मेशन पता है । पूरी हम बताते हैं । "

इसके बाद मिस्टर सिन्हा ने जो बातें यश को बताई उसे सुन कर यश और मिसेज माथुर, दोनों को ही आंखें बड़ी हो गईं ।

यश ने अपने गुस्से को कंट्रोल करके मिस्टर सिन्हा से कहा, " पापा, आपने हमें ये बात पहले क्यों नहीं बताई ? "

मिस्टर सिन्हा ने उसे शांत कराते हुए कहा, " शांत हो जाओ, यश । "

यश ने भरी हुई आंखों के साथ कहा, " कैसे शांत हो जाएं पापा ! अगर उसने निशा की मदद की होगी तो हम कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, सिड की इनफॉर्मेशन नहीं निकाल पाएंगे । "

मिस्टर सिन्हा ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " उसकी टेंशन तुम मत लो । हमने वे, नट और चार्न से बात कर ली है । वो सब भी अपने अपने लेवल पर कोशिश कर रहे हैं । "

उन्होंने इतना ही कहा था कि तभी उनके फोन पर कोई मैसेज आया । उन्होंने वो मैसेज देखा तो उनके होठों पर मुस्कान आ गई लेकिन अगले ही पल वो गायब भी हो गई और उनके माथे पर चिंता की लकीरें आ गईं । वो अपनी जगह पर खड़े खड़े ही मानों सुन्न हो गए हों ।

ये देख कर यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " क्या हुआ पापा ? "

मिस्टर सिन्हा ने बिना कुछ बोले सामने देखते हुए ही अपना फोन यश की ओर बढ़ा दिया । यश ने उनके हाथ से फोन लेकर मैसेज देखा तो वो भी शॉक हो गया ।

उन दोनों को ऐसे देख कर मिसेज माथुर ने यश को पकड़ कर कहा, " क्या हुआ यश ? क्या है उस मैसेज में ? "

यश ने शॉक में सामने देखते हुए ही कहा, " मां, मां, सिड का पता चल गया है । "

मिसेज माथुर ने खुशी के साथ कहा, " सिड का पता चल गया है ! "

यश ने शॉक में ही उनकी ओर देख कर कहा, " हां, मां ! "

मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " तो ये तो खुशी की बात है न, फिर तुम दोनों ऐसे शॉक्ड क्यों हो ? "

यश ने भरी हुई आंखों के साथ कहा, " क्योंकि वो अब पहले जैसा नहीं रहा । "

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मिस्टर सिन्हा ने यश को क्या बताया था जिसे सुन कर वो परेशान हो गया था ?

सिद्धांत पहले जैसा नहीं रहा से क्या मतलब था यश का ?

तीन हफ्तों में कैसे किसी को भी सिद्धांत की कोई खबर नहीं मिली ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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लेखक : देव श्रीवास्तव