Beast A Tale of Love and Revenge - 1 in Hindi Love Stories by Rituraj Joshi books and stories PDF | बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज - भाग 1

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बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज - भाग 1

(Beast: A Tale of Love and Revenge)
" एक श्राप से घिरी राजकुमारी "

Episode - 01

Episode 01 बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज (Beast: A Tale of Love and Revenge) : " एक श्राप से घिरी राजकुमारी "


कहानी शुरु होती हैं----------------



एक लड़की गुस्से में अपने सामने खड़े एक लड़के को देखी हुई जोर से चीखीं . उसकी आवाज सुनकर उस लड़के के माता-पिता भी उस कमरे में आ गए थे , जिस कमरे में वह लड़की अस्त - व्यस्त हालत में थी . और सामने खड़े उसे लड़के को देखकर जोर-जोर से चीख़ रही थी . वह लड़का अभी भी उसे इग्नोर करते हुए आराम से शराब से भरे ग्लास को पी रहा था . और वह लड़की अपने शरीर के जख्मों को देखते हुए और यह याद करते हुए की अभी थोड़ी ही देर पहले , इस घटिया इंसान ने उसकी इज्जत पर हाथ डाला और उसकी इज्जत को तार-तार कर दिया था यह सोचते हुए रोने लगी और बहुत गुस्से में आ गयी.

लड़के के माता-पिता भी उस लड़की को समझ कर उस लड़की से अपने बेटे की गलतियों की माफी मांग रहे थे , लेकिन वह लड़की किसी की बात ना सुनते हुए गुस्से से उसे लड़के की तरफ देखती हुई और चीखती हुई उस लड़के से बोली .
वह लड़की बोली------------ बस करिये अपना यह ढोंग आप आपने बेटे को सजा देने के बजाय मुझ से माफ़ी माँग कर उसे माफ़ करने के लिए बोल रहे हैं . और यह नीच पापी इंसान यहाँ बिना किसी शर्म के मुस्कुरा रहा है , मानो इसे आपने द्वारा किए गए इस नीच काम का कोई पछतावा ही ना हो . तो जब तुम्हें किसी बात का पछतावा ही नहीं है तो मैं अवंतिका वशिष्ठ तुम्हें श्राप देती हूँ सुधीर प्रताप सिंह , जिस तरह तुमने एक लड़की की इज़्ज़त को अपने पैरों तले रौंधा है , तुम भी इस दर्द से गुजरोगे.

इतना कहकर वह लड़की बाकी घर वालों की तरफ रोते - रोते देखने लगी . सभी घर वाले बूत बनके बस खड़े हुए थे . उस लड़के का पिता जो की राजस्थान का सबसे बड़ा शासक था , वह भी नज़रे नीचे कर के खड़ा था . उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़े हुए थे और वह उसे लड़की से माफी मांगते हुए कहा .
वह महाराज उस लड़की से बोले---------- हमें माफ कर दो बेटा , हमें अंदाजा भी नहीं था , कि जिस बेटे को हम सपूत समझ रहे थे वह कपूत निकलेगा . हम अपने बेटे की करने को बदल तो नहीं सकते हैं लेकिन बेटा इस माफी के बदले में तुम जो चाहेगी , तुम्हें वह मिलेगा . पर हमें और हमारे बेटे को माफ कर दो .

तभी वह लड़की गुस्से से महाराज की तरफ देखते हुए बोली .
वह लड़की बोली------------ माफ कर दूँ आपको महाराज . आपने समझा क्या है हमें ? हम अवंतिका वशिष्ठ है , राजस्थान के सबसे बड़े पुरोहित की बेटी . और किस मुंह से आप माफी मांग रहे हैं , अगर आप में हिम्मत होती तो तो आप अपने बेटे की नीच हरकत पर सजा के तौर पर बेटे का गला अभी काट देते . अगर आप सचमुच प्रजा को प्यार करने वाले राजा होते , तो आप अपने बेटे की गलती की उसे सजा देते . ना कि मुझसे माफी मांगते .

तभी वहां रानी मीनावती भी आ गई . उन्होंने उस लड़की की तरफ देखते हुए फिर अपने बेटे से कहा .
मीनावती देवी बोली------------ अरे मूर्ख यह तूने क्या कर डाला ? एक मासूम लड़की को अपनी हवस की आग में अपवित्र कर दिया .
तभी वह लड़का जिसने उस लड़की के साथ गलत किया था . वह हंसते हुए बोला .
सुधीर प्रताप सिंह बोला------------- मैं यहाँ का होने वाला हुकुम हूँ.
इतना कह कर वह फिर से हंसते हुए बोला------------ मासा और बाबा साहेब मैंने कुछ गलत नहीं किया है . और वैसे भी मैं यहाँ होने वाला राजा हूं और मुझे कुछ भी करने का हक है. आखिर प्रजा तो होती ही राजा की सेवा करने के लिए है तो जब मैं अपनी सेवा वसूल ली तो मैं गलत कैसे इतना कह कर सुधीर फिर से घटिया मुस्कुराहट के साथ अवंतिका की तरफ देखने लगा उसकी यह मुस्कुराहट महाराज के कलेजे पर खंजर का काम कर रही थी महाराज गुस्से से अपने बेटे सुधीर की तरफ देखकर बोले .
महाराज बोले----------
तुम बिल्कुल गलत है सुधीर . तुम होने वाले राजा हो , पर बने नहीं हो और तुम्हें लगता है कि मैं अब तुम्हें तुम्हारी यह हरकत करने के बाद राजा बनाऊंगा ? कभी नहीं ! मैं भानु प्रताप सिंह यह ऐलान करता हूं , कि आज से मेरा बड़ा बेटा सुधीर प्रताप सिंह से मेरा कोई संबंध नहीं है . साथ ही में मैं तुम्हें अपनी हर जायदाद से बेदखल करता हूं . आज के बाद तुम्हारा मेरे राज - पाठ , मेरी जमीन - जायदाद या मेरे घर पर कोई भी मालिकाना हक नहीं रहेगा . मैं आज से तुम्हें अपने बेटे होने के सभी बंधनों से मुक्त करता हूं .

तभी वह लड़का सुधीर अपने पिता की तरफ देखते हुए बोला .
सुधीर बोला------------- पिताजी आप इस दो टके की लड़की के लिए मुझे इस घर से निकल रहे हैं .
तभी भानु प्रताप सिंह बोले------- यह लड़की कोई आम लड़की नहीं है . यह लड़की एक पुरोहित की बेटी है , जिसके साथ तूने निर्ममता से गलत काम किया है . अवंतिका बेटा मुझे माफ कर दो , मैं तुम्हारा गुनहगार हूं तुम जो सजा देना चाहती हो इसको , तुम्हें पूरा अधिकार है देने का . बताओ तुम क्या चाहती हो . अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी शादी सुधीर से करने को तैयार हूं .

तभी अवंतिका गुस्से से राजा के मुंह पर पास में पड़ा पानी का गिलास फेंकते हुए बोली .
अवंतिका बोली------------ अपना यह दिखावा अपने पास रखिए महाराज . और तुम सुधीर प्रताप सिंह , अब मेरी बात सुन और साथ ही में यह पूरा परिवार मेरी यह बात सुन ले .


उसके बाद अवंतिका ने कुछ ऐसा कहा , जिसे सुनते ही प्रताप फैमिली के होश उड़ गए . महाराज , महारानी और यहां तक की सुधीर को भी यकीन नहीं हो रहा था , कि अवंतिका यह सब बोलेगी .
आखिर ऐसा क्या कहा अवंतिका ने ? जानना दिलचस्प होगा ! जो हम जानेंगे कहानी के आने वाले भाग में .
फिलहाल यह बताना ना भूलिएगा , की आपको कहानी का यह पहला भाग और आपको यह कहानी कैसी लगी ? तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताइएगा .
!!.....धन्यवाद.....!!