कॉलेज पहुंचने पर विक्रांत को सब लोग ऐसे देख रहे थे जैसे उसने कुछ गलत कर दिया हो । विक्रांत ने सुप्रिया को देखा और उसके पास जाकर पूछा, “सुप्रिया...! ये सब लोग मुझे ऐसे घूर घूर कर क्यों देख रहें हैं?”
सुप्रिया ने पहले तो सभी लोगों की तरफ देखा, और फिर विक्रांत की तरफ देखते हुए बोली, “विक्रांत वो जो रोहन के साथ हादसा हुआ ना! उससे सबको ऐसा लग रहा है जैसे इसमेे कहीं ना कहीं तुम्हारा हाथ है!”
“पर यार मैं ऐसा क्यों करूंगा? न्यूज और पेपर में भी बताया और दिखाया गया है की रोहन पर किसी जानवर ने हमला किया था। फिर ये लोग ऐसा कैसे सोच सकते हैं?” विक्रांत ने सुप्रिया से कहा और फिर उन लोगों को गुस्से से देखने लगा।
“अरे छोड़ो ना यार, हम किसी की सोच को तो नही बदल सकते ना!” सुप्रिया ने उसको शांत करवाते हुए कहा। विक्रांत ने भी सोचा की शायद सुप्रिया सही बोल रही है! लोगों की सोच का वो कुछ नहीं कर सकता था। इसलिए लोगों की तरफ ध्यान ना देते हुए विक्रांत और सुप्रिया क्लास के लिए रवाना हो गए।
दूसरी तरफ जंगल में हो रहे हादसों और रोहन की मौत की इन्वेस्टिगेशन के लिए दिल्ली से एक बड़े सीबीआई ऑफिसर को उत्तराखंड बुलाया गया। कहा जाता था की वो ऑफिसर जो भी केश हाथ में लेता था वो केश जल्द हो सुलझ जाता था। उस सीबीआई ऑफिसर का नाम जोसेफ गोम्स था। जोसेफ गोम्स उत्तराखंड आकर सबसे पहले ऑफिसर पवन कुमार से मिला जो की इस केस पर पहले से काम कर रहें थे। जोसेफ गोम्स ने पवन कुमार से केश की सारी जानकारी ले ली।
“तो पवन कुमार जी...! ये केश कहां तक पहुंचा? कुछ पता चला इन हादसों के पीछे कौन है?” जोसेफ गोम्स , पवन कुमार से पूछते हैं।
“नही सर, अभी तक तो कुछ पता नहीं चला है। पर जिस तरह के हमले हुए हैं, उन्हें देखकर तो ऐसा ही लगता है की ये किसी नरभक्षी जानवर का काम है।” पवन कुमार ने अपनी राय देते हुए कहा।
“ऐसा भी तो हो सकता है की ये कोई जानवर नही बल्कि इंसान हो! जो जानवर का भेष बदलकर लोगो को मार रहा हो? हो ना हो ये पक्का किसी साइको का ही काम है।” जोसेफ गोम्स ने अपने नजरिये से सोचते हुए कहा।
“ऐसा हो भी सकता है सर, पर जब हमने जंगल में मिली लाश की फोरेंसिक जांच करवाई तो उसमे इंसान और जानवर दोनो के डीएनए मिले है।” पवन कुमार ने जोसेफ गोम्स को बताया। जोसेफ गोम्स के लिए ये थोड़ी हैरान कर देने वाली बात थी।
“जानवर और इंसान दोनो के डीएनए? ये कैसे मुमकिन है?” जोसेफ गोम्स ने हैरान होते हुए कहा।
जोसेफ गोम्स भी अब पवन कुमार की तरह उलझन मे फंस गए थे। उन्हे पहले लग रहा था की ये किसी साइको किलर का काम होगा। पर अब जब जोसेफ गोम्स को फॉरेंसिक जांच का पता चला तो इस बात ने उन्हे हैरानी मे डाल दिया।
“सर हमने यहां एक बुजुर्ग से बात की तो उन्होंने बताया की इस जंगल में कई सदियों से एक रहस्यमई जीव रहता है। और वही जीव ये सब कर रहा है। हमने गांव के लोगों से भी बात की जिन्होंने उस जीव को देखा है। मैने उन्हे बुलाकर स्केच भी बनवाया है। वो स्केच को देखकर तो ऐसा ही लगता है की इस जंगल मे एक ऐसा जीव भी है जिसके बारे मे हम कुछ नही जानते।”
पवन कुमार ने जोसेफ गोम्स को सारी बात बताई। “क्या सचमे! मुझे भी दिखाओ वो स्केच। मै भी तो देखूं की ऐसा कौनसा नरभक्षी जानवर इस जंगल मे छुपकर बैठा है।” जोसेफ गोम्स ने कहा और पवन से स्केच मंगवा लिया।
पवन कुमार स्केच लेकर आए और जोसेफ गोम्स को देते हुए कहा, “सर ये देखिए, यही है वो स्केच जो की गांव वालों के बताए मुताबिक हमने बवाया है।”
जोसेफ गोम्स ने जब स्केच देखा तो वो स्केच देखते हुए बोले, “ये तो देखने मे किसी भालू जैसा लग रहा है। पर इसका चेहरा किसी भेड़िये जैसा लग रहा है। मुझे तो लगता है उन गांव वालो पर किसी भालू ने हमला किया होगा। तुमने बताया था ना की जब उन पर हमला हुआ तब अंधेरा था। ऐसा भी तो हो सकता है की अंधेरे मे किसी भालू ने उन पर हमला किया हो, और ये लोग बुरी तरह से डर गए हों! हो सकता है इसी वजह से उन लोगों से ऐसा स्केच बनवा दिया होगा? एक काम करो... तुम अपने बेस्ट आदमियों को साथ ले लो, आज रात हम लोग जंगल मे जाने वाले हैं।” जोसेफ गोम्स ने पवन कुमार से कहा।
“सर जंगल जाना है! वो भी रात में! मुझे नही लगता की सर हमे रात मे जंगल मे जाना चाहिए। इस जंगल मे रात मे कई शिकारी जानवर शिकार पर निकलते हैं। ऐसे मे हमारा रात मे जंगल जाना मुझे तो सही नही लग रहा।” पवन कुमार ने जोसेफ गोम्स के सामने अपनी बात रखते हुए कहा।
“पवन कुमार जी...! मुझे लगता है की हमे रात मे ही कोई सुराग मिल सकता है। आप एक काम कीजिए, आप फॉरेस्ट गार्ड्स वाले को भी खबर करके बता दीजिए की आज रात मे उन्हे हमारे साथ जंगल मे जाना है।” जोसेफ गोम्स ने पवन कुमार को अपनी बात समझाते हुए कहा।
रात के लगभग 8 बज चुके थे। जोसेफ गोम्स ,पवन कुमार और बाकी पुलिस वाले और फॉरेस्ट गार्ड्स सब जंगल जाने के लिए रवाना हो गए। कुछ ही देर के बाद वो सब जंगल पहुंच गए। वो सब दो दो की जोड़ियों मे बट गए और अलग अलग दिशा मे चल पड़े। जोसेफ गोम्स और पवन कुमार साथ मे ही थे।
“सर क्या रात में हमारा यहां आना सही है? अगर सचमे लोगों की बात सही निकली और अगर सचमे इस जंगल में ऐसा कोई जीव निकला तो हम क्या करेंगे?” पवन कुमार ने चिंता जताते हुए कहा।
“पवन कुमार जी...! अगर सच मे जंगल मे ऐसा कोई जीव है, तो हम उस जानवर को ढूंढकर बेहोश करके उसे पकड़ेंगे।” जोसेफ गोम्स ने कहा और फिर वोकी टॉकी पर सबको संपर्क करते हुए बोले , “सभी लोग मेरी बात ध्यान से सुनो, अगर किसी को कोई अनजाना जीव नजर आता है तो उसे जान से नही मारना है , उसे बस बेहोश करना है।” जोसेफ गोम्स ने सबको समझाते हुए कहा।
ढूंढते ढूंढते करीबन रात के 12 बज गए, पर किसी को कुछ नही मिला। तभी एक पुलिस वाले ने सिगरेट जलाई और पीने लगा। वो सिगरेट पी ही रहा था की तभी उसे और उसके साथी को झाड़ियों के पीछे से कुछ आहट सुनाई दी। एक पुलिस वाला जोसेफ गोम्स को वोकी–टोकी पर संपर्क करने लगा।
“हेलो... हेलो सर...! क्या आप मुझे सुन पा रहें हैं?” पुलिस वाले ने घबराते हुए वोकि टोकी पर पूछा।
“हेलो...! हां मैं तुम्हे सुन पा रहा हूं, बोलो क्या हुआ?” जोसेफ गोम्स ने पूछा।
“सर हमें यहां एक जीव दिखा है। आप जल्दी यहां आ जाइये।” उस पुलिस वाले ने जोसेफ गोम्स से कहा।
“हम लोग वहां आ रहें हैं, तुम लोग कुछ गड़बड़ी मत करना। तुम लोग वहीं कहीं छुप जाओ।” जोसेफ गोम्स ने उस पुलिस वाले को समझाते हुए कहा।
इसके बाद जोसेफ गोम्स और पवन कुमार उन पुलिस वालों के पास जाने के लिए निकल पड़े। जोसेफ गोम्स और पवन कुमार वहां पहुंचे तो देखा की एक पुलिस वाला जख्मी गिरा पड़ा है, और दूसरा पुलिस वाला गायब है।
“यहां पर क्या हुआ? और तुम्हारा साथी कहां है?” जोसेफ गोम्स ने उस घायल पुलिस वाले से पूछा।
“सर हम दोनो यहां पेड़ के पीछे छुपे हुए थे। अचानक से वो जीव कब हमारे सामने आकर खड़ा हो गया हमे पता ही नही चला। हम कुछ कर पाते उससे पहले ही उस जानवर ने हम पर हमला कर दिया। सर वो नारायण को खींचकर अपने साथ ले गया।” उस पुलिस वाले ने रोते हुए जोसेफ गोम्स से कहा।
To be continued......