nakal ya akal-24 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | नक़ल या अक्ल - 24

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नक़ल या अक्ल - 24

24

जान पहचान

 

किशोर राधा राधा  चिल्ला रहा है I  तभी उसे नन्हें ने नींद से जगाते  हुए कहा,  “भाई  क्या हुआ  ? उठो! सब ठीक  तो है न? “  किशोर एकदम से उठ गया I उसने माथे  पर पसीना झलक रहा है, उसने आसपास  देखा तो वह अपनी छत पर है I   काजल और नन्हें उसे हैरानी से देखे जा रहें हैं I अब उसने सुराही में से पानी का गिलास भरा और एक ही साँस में पानी पी गया I जब उसे थोड़ा ठीक महसूस हुआ तो वह बोला,  “मैं  ठीक हूँ,  वो एक बुरा सपना था I  उसकी आवाज़ में एक कपकपाहट है I नन्हें  ने उसे छेड़ते हुए कहा,

 

“क्यों सपने में राधा  भाभी  बेलन से पिटाई कर रही थी क्या?” यह सुनकर  काजल हँसने लगी  पर किशोर ने नन्हें की तरफ देखकर कहा,

 

भाई तुझे कुछ बताना है?

 

क्या !!

 

वह बताने ही जा रहा है कि तभी उसे ख़्याल आया कि नन्हें को बताना ठीक नहीं है I यह वैसे भी इतना ईमानदार है,  यह तो उल्टा  मुझे ही दोष देते हुए बापू  को सब बता देगा और फिर यह शादी  नहीं होगी और हो सकता है कि सपने वाली  बात सच्चा हो जाए,  कहीं राधा ने सचमुच अपनी जान दे दी  तो मेरे क्या होगा I  नहीं! नहीं! नन्हें को कुछ भी नहीं बताना I

 

बता न भाई क्या बताना है?

 

“कुछ  नहीं,  यही कहना  था  कि  तू  मेरी शादी में उछलकूद मत करियो,  पहले अपने पैर को ठीक होने दियो I चल अब सो जा I” यह कहकर किशोर  बिस्तर  पर लेट  गया  और सोने की कोशिश करने लगा I नन्हें और काजल भी वापिस से सो गए I  वो सपना इतना  खौफनाक था कि  किशोर अब भी उसके बारे में  सोचकर काँप रहा है I उसकी हर  साँस ईश्वर से यहीं प्रार्थना कर रही  है कि  “हे  भगवान् बिना किसी  विघ्न के यह ब्याह करवा दियो I”

 

अगले दिन दोपहर को मधु ने गिरधारी चौधरी को बताया कि उनकी चाची नीमवती आने वाली  है I बिरजू ने यह सुना तो दो गोदाम का बहाना बनाकर वहाँ से निकल गया I राजवीर तो पहले ही दोस्तों के साथ फिल्म देखने जा रहा है I  उसने अपने साथ सोनाली को भी चलने के लिए कहा तो वह रिमझिम  के पास गयी I  उसने सोनाली को मना करते हुए कहा,

 

तू  चली जा  I मुझे वो राजवीर पसंद नहीं है I

 

अरे !! हमें सिर्फ फिल्म देखनी है I  गॉंव के बाहर  एक ही तो हॉल है,  जहाँ जाना है I अगर   शहर के किसी  हॉल में जाना होता तो मैं भी मना कर देती I

 

लेकिन फिर भी मेरा मन नहीं है I उसने मुँह  बनाया I

 

“चल ले यार,  गुंजन और सुगंधा भी हमारे साथ जा रही है I”  अब वह साथ चलने की जिद करने लग  गई तो वह मान गई I  सभी राजवीर तो अपने दोस्तों के साथ बाइक पर पहुँचा और लड़कियाँ  बस में  वहाँ पहुँच गई I राजवीर ने ही सबके लिए टिकट खरीदी I  कार्तिक आर्यन की चंदू चैंपियन फिल्म लगी हुई है,  इसलिए उसी की टिकट  मिली I राजवीर ने आख़िरी की छह सीट ली I अब बड़े परदे पर फिल्म  शुरू  हो गई और तीनों  फिल्म देखने लग गए हैं I

 

निहाल के घर में शादी की तैयारियाँ  चल रही है I  नन्हें तो किताब लेकर बैठा है,  मगर काजल माँ के साथ शादी के सामान की सूची बनवाने में लगी है I दो दिन बाद, उसके बापू पटना से आ रहें हैं I उन्हें  भी सूचना  दे दी  गई है इसलिए वह बुआ को भी साथ लेकर आ रहें हैं I किशोर को पता चला तो उसकी तो हवाइयाँ ही उड़  गई,  उसने मन  ही मन कहा,  “यह तो मैंने सोचा ही नहीं था कि बापू  बुआ को भी साथ ले आएंगे I कुछ करना  पड़ेगा!! वरना सारा काम खराब हो जायेगाI”

 

हॉल में सोनाली राजवीर के साथ वाली सीट पर बैठी है, राजवीर ने उसे पिक्चर देखते हुए कहा,

 

सोना मुझे तो रोमांटिक मूवी पसंद है I

 

अच्छा !! मुझे भी  I

 

पर क्या करें, कोई और फिल्म लगी ही नहीं थी I

 

हम्म ! एक गरीब सा तो हाल है I एक ही पिक्चर लगाकर खुश  हो जाता है I सोना ने मज़ाक उड़ाया  I

 

वैसे सोना मेरे साथ शहर के हॉल में पिक्चर देखने चलोगी?

 

उसने उसे घूरते हुए कहा, “ फ़िलहाल तो यही फिल्म देख लेते हैं I “ तभी राजवीर की नज़र अपने बायीं तरफ सबसे पीछे बैठे,  एक जोड़े पर गई जो एक दूसरे को चूम रहा है I राजवीर ने यह नज़ारा सबको दिखाया तो सब मज़ाक उड़ाने लगे और तभी राजवीर जोर से बोला,  “तेरे बापू को बताऊँगा I”  वह जोड़ा  इधर उधर देखते हुए डर गया और चुपचाप सही तरीके से बैठते हुए पिक्चर देखने लगा I सोनाली ने उसे  कहा,  “तुम भी राजवीर!! बेचारों को बेकार में डरा दिया” “और नहीं तो क्या यह मज़े करें और हम पिक्चर  देखें  ऐसा तो नहीं हो सकता I”  “इंसान दूसरे के सुख से ज़्यादा दुखी है I” अब रिमझिम ने उसे तंज किया तो वह झेंप गया पर सोनाली हँसने लगीI

 

नीमवती घर आई और जमींदार चौधरी से मिली तो वह उसे पहचानते हुए बोला, “ आप तो सरगम  चाची  की बेटी  हैं? “

 

जी उसने भी सिर  हलाया,  तभी मधु वहाँ रखें मेज़ पर खाने का सामान रखकर चली  गई I

 

मैं तब छोटा था I

 

“मैं आपको  जानती हूँ I आपके बापू  हीरा चौधरी  बड़े ही भले मानस थें,  मैंने देखा था कि वह गॉंव वालों की भलाई में ही लगे रहते I  इसलिए जब मधु ने आपके बेटे बिरजू के बारे में बताया तो मैंने फ़ौरन हाँ कर दीं I”  उसने खुश  होते हुए कहा I

 

मेरा बिरजू है ही लाखों में एक I मगर एक समस्या है,  अब उसने बिरजू के काम  खोलने वाली बात उसे बताई  तो वह सोचते  हुए बोली,  “यह तो अच्छी  बात है और फिर छह  महीने होते ही कितने है I पंख  लगाकर  उड़  जायेंगे I मैं  एक बार शीतल  के बापू से बात  कर लेती हूँ,  उनकी राय  लेना भी ज़रूरी  है I “

 

जी बिल्कुल ! आप कुछ लीजिये  न I उसने खाने की तरफ ईशारा  किया I

 

शाम  के छह बजे हैं,  पिक्चर खत्म हो चुकी हैI  सब वापिस अपने घर की ओर आ रहें हैंI  रिमझिम ने सोना को उसके घर के बाहर छोड़ा और खुद अपने घर की तरफ निकल गई I अभी वह अपनी गली  के पास बने चौराहे पर ही पहुँची होगी कि तभी उसकी टक्कर एक रिक्शे को आवाज लगाती नीमवती से हो गई I  “माफ़ करना आंटी जीI”  उसने हाथ जोड़े कि तभी दोनों की नज़रें मिली और दोनों एक दूसरे को ऐसे देखने लगी कि जैसे  बरसो की जानपहचान हो I “आंटी जी मैंने आपको पहले भी कहीं देखा है!!”  रिमझिम ने सवालियां नज़रों से देखते हुए कहा I